सुबह जल्दी घर से निकला मुझे इतनी खुशी थी की आज में वहां दर्शन करने जा रहा हु जिन माता जी का नाम मात्र लेने से सब दुख दूर हो जाते है।मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था बस मन में इतना उतावलापन था की कब वहां पहुंचूं और माता जी के दर्शन करू।
मेहमने गाड़ी किराए पर ली थी ।हम सबसे पहले सांचौर पहुंचे वहां से हम बालोतरा के लिए निकले।बालोतरा से 5 किमी दूर है माताजी का धाम ।हमारी कार दोपहर को 1 बजे जसोल धाम पहुंच गए वहां जाकर सबसे पहले माता जी ( माता रानी भटियाणी जी) के दर्शन के लिए मंदिर में गए ,मंदिर बहुत ही सुंदर था ,मंदिर का वातावरण भक्ति मय था ।मंदिर में पहुंचने पर अलग ही अहसास हो रहा था ।हमने माता जी के दर्शन किए। दर्शन करने पर अलग ही अनुभूति हो रही थी। दर्शन करने के बाद मन एकदम शांत था।हम सब खुश थे ।फिर हमने वहां खाना खाया और फिर घर के लिए निकले ।शाम को हम घर पहुंचे ।यह यात्रा मेरे लिए बहुत ही अच्छी व न भूलने वाली यात्रा थी।
*कैसे पहुंचे:- माता जी के धाम पहुंचने के लिए सड़क मार्ग ,रेल मार्ग दोनो से पहुंचा जा सकता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन बालोतरा है जिस से धाम की दूरी मात्र 5 किमी है।इस रेलवे स्टेशन पर जोधपुर से वह अहमदाबाद व दक्षिण से भी ट्रेन आती है।
सड़क मार्ग लगभग सभी जगह से सड़क मार्ग से जुड़ा है चाए गुजरात हो या कोई भी राज्य हो यहां पहुंचा जा सकता है।सड़क मार्ग में सबसे बड़ा स्टेशन बालोतरा है जिससे वहां बस, टैक्सी द्वारा पहुंच सकते है।
रहना:- यहां बहुत से होटल है जहां आप ठहर सकते है।नजदीकी बड़ा शहर बालोतरा में भी रुक सकते है।
*खाना:- यहां बहुत से रेस्टोरेंट व ढाबे है जिनमे अच्छा खाना मिलता है।पश्चिमी राजस्थान का प्रसिद्ध भोजन बाजरे की रोटी और कढ़ी आपको ढाबे पर मिलती है जिसका स्वाद बहुत ही अच्छा हैं तथा दाल बाटी चूरमा भी बहुत प्रसिद्ध है।
*आस पास घूमने के स्थान:- 1.प्रसिद्ध जैन तीर्थ नाकोड़ा,2. आसोतरा धाम 3. जैसलमेर फोर्ट , छतरिया 4. किराडू मंदिर 5. गढ़ मंदिर 6.चेतामणि पारसनाथ जैन मंदिर 7. रामदेवरा रामदेवजी मंदिर।
*आकर्षण:- मेले व त्यौहार,वेशभूषा, टीले, लोगो के आवास।
यहां जब भी घूमने आए तो 4- 5 दिन का प्रोग्राम बनाकर आए और यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों के दर्शन करे।