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हमारा देश भारत आश्चर्यो तथा विविधताओं से परिपूर्ण है ।इतने बड़े देश में कोने कोने में कुछ ऐसा है की जो बेहद ही आश्चर्यजनक है ।अभी भी देश के कुछ हिस्से पर्यटन की दृष्टि से अनछुए है । तो आज चलते है उत्तर पूर्व के मणिपुर राज्य में जहा कुछ ऐसा है जो बोहोत ही अलग ,अनूठा ,और निराला है ।
भारत गांवों का देश है । भारत की जड़े आज भी गांव में बस्ती है । आपने भारत के अनेकों गांवों के बारे में सुना वे पढ़ा होगा ।
क्या आपको पता है एक ऐसे गांवों के बारे में जो एक झील के बीचों बीच है ।
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मणिपुर राज्य में लोकटक नाम से एक साफ पानी की झील है । इस झील को आप लोग यहां के रहने वालो के लिए जीवन रेखा भी बोल सकते हो । गांव के लोग वर्ष भर यहां मछली पालन में लगे रहते हैं। तथा लोगो ने अपने रहने के लिए भी यहां झील के बीचोबीच तैरती घास पर जी हां पानी पर तैरने वाली घास पर अपने आशियाने बनाए हुए है ।
यह विश्व था सम्पूर्ण भारत में इकलौती ऐसी जगह है ।
जहा लोग इस तरह के तैरने वाली घास के ऊपर बने घरों में रहते है ।
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क्षेत्रीय भाषा में इन तैरने वालो घरों को ’’फुमड़ी ’’ कहा जाता है । इन्ही फुमड़ी में गांवों के लोग रहते है अपने परिवारों के साथ । यह फुमडिया पानी में एक जगह से दूसरी जगह तैरती रहती है ।
सन 1970 के दशक से लोकटक झील के आस पास के इलाके को सरकार ने नेशनल पार्क घोषित किया हुआ है ।
तथा यह एक संरक्षित क्षेत्र है । यहां कुछ विशिष्ट प्रकार की जलीय जीव जन्तु संरक्षित है । एक तैरता हुआ जलीय जीव मंडल ।यह सब कुछ बहुत ही अनूठा है ।
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उत्तर पूर्व के मणिपुर राज्य में बिष्णुपुर नामक जिले में
लोकटक नाम से एक साफ पानी की झील है । यह झील भी नेशनल पार्क का हिस्सा है । लगभग एक हजार के आस पास परिवार झील पर इन तैरने वाली फुमडियो में रहते है ।तथा गुजर बसर करते है। इस झील से ही पीने योग्य पानी तथा खाने के लिए ताज़ी मछलियां मिलती है । यहां की जैव विविधता देखने योग्य है ।किस प्रकार इंसान तथा प्रकृति मिलकर साथ रहते है ।यह अपने आप में अतुलनीय है ।
इन्ही फुमडियो ( तैरने वाले घरों ) में लोग किसान परिवार अपना जीवन यापन करते है । यहां इसी तरह की फुमडियो पर स्कूल भी संचालित किया जाता है । जैव विविधता तथा परिस्थितिक तंत्र की यह अनूठी मिसाल हैं।
उत्तर पूर्व भारत में पर्यटन की अकूत संभावनाएं है ।
लोकतक झील भी उन संभावनाओं में से एक है ।
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यहां के नजारे अदभुत तथा अकल्पनीय है । बर्ड वाचिंग में रुचि रखने वालो के लिए तो यह जगह स्वर्ग सरीखी है ।
यहां कुछ विशिष्ट तथा दुर्लभ जलिय जीव जन्तु, तथा वनस्पति आप देख सकते है ।
अगर कभी आपका जाना उत्तर पूर्व की तरफ हो तो
इस जगह को देखना न भूलें ।
तथा कुछ दिन इन फुमडियों में रहने का भी अनुभव ले।
तथा लोकल इकोनॉमी को सपोर्ट करे । यकीन मानिए आपका अनुभव शानदार रहेगा ।
स्थानीय नाविक के साथ नाव की सवारी अवश्य कीजिए ।
वो आपको यहां का इतिहास तथा भूगोल दोनो बताएगा।
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कैसे पहुंचे —— मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 35 से 40 किलोमीटर दूर है यह झील ।
कीबुल लमजाओ नेशनल पार्क के परिक्षेत्र में यह झील आती है । जोकि संसार का इकलौता तैरता नेशनल पार्क है ।
मणिपुर राज्य का राजपशु संगाई जोकि हिरणों की एक विशिष्ट प्रजाति हैं। का प्रकातिक घर भी है । यहां की जलवायु वर्षभर अच्छी रहती है ।तथा यहां के लोग भी काफी मृदुभाषी तथा सरल स्वभाव के है ।
आपको जानकारी कैसी लगी यह आप टिप्पणी करके बता भी सकते है ।
आभार एवं धन्यवाद