उत्तर प्रदेश का गोरखपुर तो अब बहुत बदल चुका है | यूँ तो गोरखपुर की मुख्य पहचान बाबा गोरखनाथ मन्दिर से है परन्तु बदलते समय के साथ यहाँ और भी जगहें विकसित की गयी हैं जिनमें से एक है रामगढ़ ताल जिसे पूर्वांचल का मरीन ड्राइव कहा जाता है |
गोरखपुर की रामगढ़ ताल झील सदियों पुरानी है | कहा जाता है कि गोरखपुर का पुराना नाम रामग्राम था | यहाँ कोलीय राजाओं का शासन था | उस समय राप्ती नदी, जिसके किनारे गोरखपुर बसा हुआ है, आज के रामगढ़ ताल से होकर गुजरती थी | बाद में नदी की दिशा बदली तो रामगढ़ ताल अस्तित्व में आया |
आज यह झील एक बेहतरीन दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित हो चुका है | शाम ढलने पर यहाँ लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है जोकि बहुत ही अद्भुत छटा बिखेरता है और जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं | सुबह और शाम को यहाँ भजन बजता है और दिन में मधुर संगीत | यहाँ बोटिंग भी होती है जिसका सैलानी लुत्फ उठा सकते हैं |
शाम होते ही यहाँ भीड़ जुटने लगती है | रामगढ़ ताल का बहुत ही खूबसूरती से सौंदर्यीकरण किया गया है | जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट बनाए गये हैं | यहाँ गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने रात के 11 बजे तक बोटिंग की सुविधा प्रदान की है | ताल में इलेक्ट्रिक फव्वारे भी लगाए गए हैं जो ताल की खूबसूरती को चार चाँद लगाते हैं |
आने वाले कुछ दिनों में यहाँ वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बन कर तैयार हो जाएगा, साथ ही यहाँ सी प्लेन उतारने की योजना पर भी काम हो रहा है |
तो अगर आपको भी पूर्वांचल में 'मरीन ड्राइव' का मजा लेने का मन है तो आ जाइए घूमने बाबा गोरखनाथ की धरती गोरखपुर के रामगढ़ ताल में...... |