तीर्थों का राजा: प्रयागराज

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Photo of तीर्थों का राजा: प्रयागराज by Rakesh kumar Varma

प्राचीनकाल से आध्यात्म का केंद्र रहा प्रयागराज तीन नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्थित एक धार्मिक एवं ऐतिहासिक नगर है | प्रयागराज भारत के उन चार प्रमुख शहरों में से है जहाँ 12 वर्षों में एक बार महाकुंभ का आयोजन होता है जिसमें लाखों करोड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं |
       पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में ही जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि के निर्माण के बाद प्रथम यज्ञ किया था जिसके प्र और यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना | समुद्र मंथन के उपरांत निकले अमृत के लिए जब असुर और देवता छीना झपटी करने लगे तभी अमृत कलश से छलकीं अमृत की बूंदें पृथ्वी पर जिन चार स्थानों पर गिरीं उनमें से एक प्रमुख स्थान प्रयागराज है जहाँ कुंभ का मेला लगता है | मुगल बादशाह अकबर ने यहाँ इलाहाबाद नाम का नगर बसाया जोकि इसका पुराना नाम था |

घूमने वाली जगहें -

Day 1

संगम - प्रयागराज का सबसे महत्वपूर्ण स्थल संगम है जिसे त्रिवेणी संगम भी कहते हैं जहाँ तीनों नदियाँ गंगा, यमुना और सरस्वती आकर आपस में मिलती हैं | हिन्दू मान्यता के अनुसार संगम में स्नान करने से पुराने पापों से मुक्ति मिल जाती है | साथ ही सनातन धर्म मानने वाले लोग अपने प्रियजनों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियाँ भी यहाँ प्रवाहित करने आते हैं |

Photo of संगम घाट, प्रयागराज by Rakesh kumar Varma

संगम के पास ही एक हनुमान जी का अद्भुत मंदिर है जहाँ पर हनुमान जी की एक विशाल लेटी हुयी प्रतिमा है जोकि जमीन के थोड़ा नीचे स्थित है | कहा जाता है कि अंग्रेजों ने इस मूर्ति को हटाने का बहुत प्रयास किया परंतु जितनी खुदाई होती यह मूर्ति उतनी ही नीचे धंसती जाती | मुगल सम्राट अकबर ने भी किले के निर्माण के दौरान इसे हटाना चाहा परंतु वह भी नाकाम रहा |

सौजन्य- आजतक

Photo of श्री बड़े हनुमान मंदिर by Rakesh kumar Varma

मुगल सम्राट का बनवाया हुआ यह किला संगम के पास ही नदी किनारे अवस्थित है | इस किले के अंदर हिन्दुओं का पवित्र वृक्ष अक्षयवट है | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस किले को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया हुआ है |

सौजन्य- AAI

Photo of प्रयागराज किला, इलाहाबाद by Rakesh kumar Varma
Day 2

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पिता जी श्री मोतीलाल नेहरू का यह निवास स्थान था | यहीं पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी जन्म हुआ था | आज इसे संग्रहालय का स्वरूप दे दिया गया है जहाँ नेहरू परिवार की चीजें सम्भालकर रखी गयीं हैं | आनंद भवन के अंदर ही एक तारामंडल भी है जिसे जवाहर तारामंडल कहते हैं... |

सौजन्य- जागरण

Photo of आनंद भवन संग्रहालय प्रयागराज by Rakesh kumar Varma

इस इमारत को मुगल वास्तुकला के अनुसार बनाया गया है | यह बाग अमरूद के पेड़ों और गुलाब के पौधों से बेहतरीन ढंग से सजा हुआ है | यह प्रयागराज घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है |

सौजन्य- फेसबुक

Photo of खुसरो बाग़ by Rakesh kumar Varma

इस पार्क को अल्फ्रेड पार्क के नाम से जाना जाता था, यह वही स्थान है जहाँ अंग्रेज सिपाहियों से घिर जाने के बाद महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने आत्मसमर्पण की बजाय खुद को गोली मार ली थी | इस पार्क को कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है | यह पार्क इस शहर का सबसे बड़ा पार्क है |

सौजन्य- फेसबुक

Photo of चंद्रशेखर आज़ाद पार्क, प्रयागराज by Rakesh kumar Varma

सौजन्य- जागरण

Photo of चंद्रशेखर आज़ाद पार्क, प्रयागराज by Rakesh kumar Varma

चंद्रशेखर आजाद पार्क के पास ही इलाहाबाद का यह प्रसिद्ध संग्रहालय है |  यहाँ चंद्रशेखर आजाद की वह बंदूक रखी हुई है जिससे उन्होंने अपने आप को गोली मार ली थी, साथ ही साथ पुराने राजा-महाराजाओं के द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को भी संग्रह करके रखा गया है.. |

कैसे पहुँचे -

वायु मार्ग - प्रयागराज के बमरौली में एयरपोर्ट की सुविधा है जहाँ से देश के सभी बड़े महानगरों से वायु सेवा उपलब्ध है |
रेल मार्ग - प्रयागराज जंक्शन यहाँ का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो भारत के लगभग सभी बड़े स्टेशनों से जुड़ा हुआ है |

आवागमन की दृष्टि से प्रयागराज वायुमार्ग, रेलमार्ग और सड़क मार्ग सभी से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.... |

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