अमरावती
आंध्र प्रदेश में बौद्ध संसकृति का केंद्र रहा है अमरावती | अमरावती के पास ही आंध्र प्रदेश की प्रसतावित राजधानी को बनाया जा रहा है| अमरावती कृष्णा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है| अमरावती आन्ध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर से 40 किलोमीटर और गंटूर से 30 किमी दूर है| आंध्र प्रदेश की प्रसतावित राजधानी भी अमरावती के पास बन रही है | अमरावती में देखने के लिए अमरावती का महा स्तूप, पुरातत्व विभाग का संग्रहालय, धयान बुद्धा की मूर्ति और अमरेशवर शिव मंदिर है | अमरावती मेरे मन काफी समय से घूम रहा था | जब मैं दक्षिण भारत की यात्रा पर गया था तो वारंगल के बाद विजयवाड़ा शहर भी गया था| विजयवाड़ा के पंडित नेहरू बस स्टैंड से सुबह जल्दी बस पकड़ कर मैं 10 बजे के आसपास अमरावती पहुँच गया| सबसे पहले मैं अमरावती के महा स्तूप को देखने के लिए गया जिसकी वजह से मैं अमरावती आया था | इन मूर्तियों में इनके भावों का सुंदर चित्रण किया गया है| छह फुट की खड़ी मूर्तियां बहुत ही गंभीर भावना से भरी हुई है| हरेक मूर्ति को बनाने के लिए कलाकारों ने अपनी कला को प्रदर्शित किया है| अमरावती का विशाल स्तूप कला का अद्भुत नमूना है| मैंने भी अमरावती स्तूप के द्वार पर पहुँच कर टिकट ली और इस विशाल स्तूप की खूबसूरती को निहारा| हालांकि यह स्तूप अब काफी ढह चुका है फिर भी इसकी विशालता महान है| मैंने इस विशाल स्तूप की प्ररिक्र्मा की | इस विशाल स्तूप की खूबसूरती को बारीकी से देखा| कुछ देर बैठ कर इसकी विशालता को अनुभव किया |
अमरावती महा स्तूप - अमरावती में एक विशाल स्तूप है जो आन्ध्र प्रदेश का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है| इस विशाल स्तूप को दूसरी शताब्दी ई. पू. में बनाया गया| इसके बाद आंध्र प्रदेश के सातवाहन राजाओं ने
इस स्तूप के चारों ओर संगमरमर की बाड़ बनवाई | सातवाहन राजाओं ने संगमरमर की शिलायों पर चित्र भी अंकित किए| समय के साथ अमरावती के स्तूप की लूट भी हुई जिससे इसकी मूर्तियां नष्ट भी हुई| अमरावती में पाई जाने वाली मूर्तियों में अनेक विशेषताएं हैं|
धयान बुद्धा स्टैचू - अमरावती में महात्मा बुद्ध का धयान मुद्रा में 125 फुट ऊँचा बना हुआ स्टैचू बहुत दिलकश है | यहाँ पर मैं अमरावती के विशाल स्तूप से पैदल चल कर पहुँचा था| दोपहर का समय था गर्मी भी बहुत थी लेकिन अमरावती में यह जगह भी मेरी लिस्ट में शामिल थी | एक किलोमीटर चलने के बाद में यहाँ पहुँचा था| यह स्टैचू 2015 ईसवीं में पूरा हुआ| यह स्टैचू महात्मा बुद्ध के भारत में सबसे ऊंचे स्टैचू में से एक है| अपनी आँखों के सामने विशाल स्टैचू को देखकर बहुत अच्छा लग रहा था| इस विशाल स्टैचू के अंदर भी बौद्ध धर्म की शिक्षायों को बहुत खूबसूरत ढंग से बताया जाता है| मैंने भी इस जगह पर कुछ समय बिताया अंदर भगवान बुद्ध की शिक्षा को सुना |
अमरलिंगेश्चर मंदिर - यह खूबसूरत मंदिर कृष्णा नदी के तट पर भगवान शिव को समर्पित है| यह मंदिर द्राविड़ शैली में बना हुआ है| यह खूबसूरत मंदिर उस बिंदु के ऊपर बना हुआ है जहाँ नदी अपना मार्ग बदलती है| मैं भी इस मंदिर के दर्शन करने के लिए गया| मंदिर का वातावरण बहुत शांत था | मैंने आराम से दर्शन किए और बाद में कुछ ही दूरी पर बहती हुई कृष्णा नदी के तट पर बैठ गया| नदी का बहते हुए जल को देखता रहा |
पुरातत्व विभाग संग्रहालय - अमरावती में पुरातत्व विभाग संग्रहालय बना हुआ है| इसकी देखरेख भारत का पुरातत्व विभाग करता है| अमरावती यात्रा के दौरान मुझे इस संग्रहालय में भी जाने का मौका मिला| इस खूबसूरत संग्रहालय में अमरावती में मिली पुरातन मूर्तियों को संभाल कर रखा हुआ है जो देखने लायक है| यह संग्रहालय सुबह 10 बजे से लेकर शाम को 5 बजे तक खुला रहता है| हर शुक्रवार को यह संग्रहालय बंद रहता है| इस संग्रहालय में अमरावती महा स्तूप का माडल भी बनाया हुआ है| इसको देखने के बाद मैंने अपनी अमरावती की यात्रा पूरी कर ली |