नीलकंठ महादेव "महाकाल ने किया था जहाँ काल को परास्त"

Tripoto
10th Aug 2022
Photo of नीलकंठ महादेव "महाकाल ने किया था जहाँ काल को परास्त" by digvijay singh chandel
Day 1

भारत के कण- कण मे कहानियाँ छुपी है! कहानी आस्था की, आस्था पर विश्वास की, विश्वास की परीक्षाओं की, परीक्षाओं के परिणाम की, शून्य से संपूर्ण की, निरपेक्ष से सापेक्ष की, निर्गुण से सगुण की, आनंद से परमानंद की, आदि से अनंत की........... .. मैं बताते - बताते थक जाऊंगा और आप सुनते सुनते!
                      कालिंजर का किला--- अपने आप मे एक पूरी की पूरी गाथा समेटे हुए है! इस किले की खूबसूरती यहाँ पहुँचने पर ही पता चलती है जब आप अपने 576 मेगा पिक्सेल की क्षमता वाली आँखों से स्वयं देखेंगे!
                   इस किले की कहानी समुंद्रमंथन से प्रारंभ होती है, जब महादेव ने समुद्र से निकले हलाहल को अपने कंठ मे धारण किया था! एैसा कहा जाता है कि महाकाल ने काल को यही पराजित किया था! यहाँ स्थित नीलकंठ महादेव" स्वयंभू शिवलिंग" हैं, इनके गले को स्पर्श करने पर आज भी वह भाग मुलायम सा प्रतीत होता है! महादेव का जलाभिषेक सदियों से प्राकृतिक रूप से चट्टानों से रिस रहे जल से हो रहा है जबकि यह क्षेत्र सूखा प्रभावित है!
                       इस मंदिर का निर्माण चतुर्थ शताब्दी में नागो के काल में हुआ था! चंदेल शासको के समय से पूजा अर्चना मे यहाँ चंदेल राजपूत ही पंडित के कार्य करते हैं!
                      बहुत से शासको ने यहाँ शासन किया और अपने अपने समय में यहाँ दुर्ग का और महादेव के श्री चरणों मे भी अपना योगदान दिया होगा जिसकी छवि यहाँ की शिल्पकला मे देखने को मिलती है! चट्टानों को तराश कर विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियाँ जो ऐसा लगता है अभी बोल उठेंगी जिनको वर्तमान मे आधुनिक औजारों से भी बनाना संभव नहीं है! सबसे महत्वपूर्ण बात कि कुतुबुदीन एबक ने (1202) अपने शासनकाल मे भरपूर तरीके से तोडफोड़ करवाई परंतु मिटा ना सका!
                    इस मंदिर के अवशेष चिल्ला चिल्लाकर बता रहे हैं   

   "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
   सदियों रहा है दुश्मन दौरेजहाँ हमारा
  यूनान, मिश्र, रोम सब मिट गये जहाँ से
  बाकी मगर है अब तक नामों निशा हमारा! "
               

नीलकंठ महादेव मंदिर की सीढ़ियां और प्राकृतिक दृश्य

Photo of नीलकंठ महादेव "महाकाल ने किया था जहाँ काल को परास्त" by digvijay singh chandel

विश्राम की मुद्रा में नंदी

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श्रीराम की लीला का चित्रांकन्

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मंदिर की दीवारों पर शिल्पकला का अदभुद अवशेष

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खंडित किये जाने के बाद भी अवशिष्ट मूर्ति की भव्यता देखते ही बनती है

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संपूर्ण कहानी कहती ये बोल सकने वाली मौन शिल्पकला

Photo of नीलकंठ महादेव "महाकाल ने किया था जहाँ काल को परास्त" by digvijay singh chandel

किसी भी आश्चर्य से अधिक अदभुद् शिल्पकारी

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स्वयंभू नीलकंठेश्वर् महादेव कालिंजर

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कालभैरव की विशाल मूर्ति

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नीलकंठ महादेव का मुख्य द्वार

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मंदिर प्रांगण का दृश्य

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