- जालोर के सेवाडा में स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रहा है!
इस मंदिर को गजनवी ने सोमनाथ का मंदिर समझकर लूटा तो अलाउद्दीन खिलजी ने तत्कालीन राजा से नाराज होकर तुड़वा दिया ईसके 11 वर्ष तक चले रिनोवेशन के बाद 2016 में फिर मुर्तियो की प्राण-प्रतिष्ठा की गई! आज राजस्थान के साथ ही गुजरात से भी बड़ी संख्या में श्रधांलु आते है!
यहाँ प्रसाद में नारियल के साथ अफिम भी चढाई जाती है!
महमूद गजनवी ने सोमनाथ को लुटने के लिए भारत पर आक्रमण किया तो वह जालोर से होकर गुजरात जा रहा था! उसनें सेवाडा के पातालेश्वर महादेव मंदिर को ही सोमनाथ मंदिर समझकर लूट लिया ! जब उसे पता लगा सोमनाथ मंदिर आगे है वह अपनी सेना के साथ रवाना हुआँ ! वही अलाउद्दीन खिलजी ने अपनी पुत्री का विवाह जालोर के युवराज विरमदेव के साथ करना चाहा परन्तु विरमदेव ने शादी से इंकार करने पर खिलजी ने क्रोधित होकर जालोर जिले के सारे मंदिरों को तुड़वा दिया था!
जिसमें पातालेश्वर महादेव मंदिर सेवाडा, सत्यपुर मंदिर सांचोर, सिद्धेश्वर मंदिर और दक्षिणायानी मंदिर सहित कई मंदिरों को तोड़ दिया था!
पातालेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास :-
इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 606 से पूर्व का हुआ है, जिसका निर्माण कन्नौज के राजा हर्षवर्धन के द्वारा करवाया गया था, इसके पीछे इतिहास है कि कन्नौज के राजा प्रतिवर्ष गुजरात के सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते थे! वे एक महिने वही रहते थे! तब राजा हर्षवर्धन ने पुजा करते हुए कहा कि हे प्रभु: हर वर्ष मुझे यहाँ आना पड़ता है, अत: आप कन्नौज पधारो! तब महादेव ने प्रसन्न होकर एक शिवलिंग प्रदान किया और कहा कि जा इसे कन्नौज ले जा परन्तु याद रहे बीच रास्ते में इसे जमीन पर मत रखना! सोमनाथ से हर्षवर्धन शिवलिंग लेकर रवाना हुए और जब सेवाडा पहुंचे तो रात हो गई, तभी रात्रि विश्राम के समय शिवलिंग को अपनी गोद में रखकर सो गये लेकिन जब उठे तो शिवलिंग को जमीन पर था! जब उन्हें उठाने की कोशिश की वो नहीं उठा पाए! शिवलिंग के आसपास से जमीन हटाने पर भी तल नहीं आया तभी उन्होंने महादेव से कहा हे प्रभु: आप तो पाताल में समा गए! तभी से इनका नाम पातालेश्वर हो!
इसके बाद राजा हर्षवर्धन ने सोमनाथ जैसा भव्य मंदिर सेवाडा में बनाया!
2016 में हुई मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा :-
2005 में मंदिर के रिनोवेशन के लिए ग्रामीणों और दानदाताओं ने सहयोग से शुरू किया!
जालोर पीर शांतिनाथ महाराज ने मंदिर के रिनोवेशन कार्य का मुहुर्त किया गया!
रिनोवेशन का कार्य करीब 11 वर्ष तक चला और इसके बाद में 2016 में मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा आयोजित हुई! मंदिर निर्माण के दौरान दिवारों पर रामायण, महाभारत की महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्रण किया गया है!
इतिहास के अनुसार मुगलों ने भव्य पातालेश्वर महादेव मंदिर को तुडवाया था! इस प्रकार के 152 मंदिर यहाँ हुआ करते थे!
आज भी 2 मंदिर के अवशेष मौजूद है, जो उस समय की स्थिति से अवगत कराता है!
आज मंदिर परिसर में खुदाई पर विभिन्न प्रकार की हिन्दू देवी-देवताओं की मुर्तिया मिलती है! लास्ट खुदाई 2015 में एक भवन निर्माण की नीवं के लिए खुदाई के दौरान भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा की 10 फुट की लंबी मुर्तिया मिली!
तत्कालीन जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने सरक्षण में लेकर देवस्थान विभाग के दिशा निर्देश में रखवाया! गाँव वालों के अनुसार अब तक दर्जनों ऐसी हिंदू देवी-देवताओं की मुर्तिया मिल चुकी है!
गुजरात बाॅर्डर से महज 9 KM दुर है मंदिर:-
पातालेश्वर महादेव मंदिर सेवाडा गुजरात बाॅर्डर से महज 9 KM दुर है, जिसमें गुजरात के भी हजारों सख्या में श्रधांलु दर्शन करने आते है! ऐसे में यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है! मंदिर में सावन के सोमवार को बड़ी संख्या में श्रधांलु महादेव के दर्शन करने पहुचते है और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं!
साथ ही कईं लोग नारियल के साथ अफिम का भी भोग लगाते हैं! हर हर महादेव🙏🙏
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