जैसा कि सभी जानते है की । राजस्थान अपनी नैसर्गिक सुंदरता , ऐतेहासिक् इमारतों, गौरवशाली शानदार इतिहास,
आकर्षक वेशभूषा , स्वादिष्ट व्यंजन, सांस्कृतिक विरासत के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध। लेकिन भौगोलिक विषमताओं के कारण यहां का वातावरण थोड़ा गर्म तथा शुष्क है। अगर मैं आपसे कहूं कि राजस्थान की मरूभूमि के बीच आप एक सुंदर झरना (जलप्रपात ) देख सकते हैं तो शायद आप में से ज्यादातर लोगों को यकीन नहीं होगा।
राजस्थान के बूंदी नामक शहर में आप इस मानसूनी झरने का लुत्फ सकते हैं । झरना बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक है तथा इसके निकट भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है शुरुआत में तो यकीन ही नहीं होता की राजस्थान जैसे गर्म राज्य में भी आप इस प्रकार के झरने को देख सकते हैं मॉनसून तथा बरसाती महीनों में झरने की भव्यता देखते ही बनती है । झरने की ऊंचाई लगभग 60 मीटर है। ऊंचाई से गिरने के बाद झरने का पानी एक कुंड में समाहित होता है ।
ऐतेहासिक् तथा पुरातन कहानियों के अनुसार।
महाभारत काल में पांचो पांडव अज्ञातवास के दौरान अपनी माता के साथ कुछ दिनों के लिए इस स्थान पर रुके थे । रास्ते में चलने के कारण कुंती माता को जब प्यास लगी तब महाबली भीम ने लात को जमीन पर मार कर पानी का एक स्रोत निकाल दिया था । यह स्रोत आगे चलकर झरने का स्वरूप ले लेता है । भीम द्वारा लात मारकर जमीन से पानी निकालने के कारण ही इस जगह का नाम भीमलात पड़ गया। यहां पर एक पुरातन कालीन शिव मंदिर भी है जिसकी दूर-दराज तक काफी मान्यता है ।
बूंदी शहर मैं आमतौर पर सामान्यत दिल्ली से ज्यादा बरसात दर्ज की जाती है । जिसके कारण बरसाती मौसम में यह जलप्रपात काफी आकर्षक हो जाता है ।
बूंदी --- दिल्ली से लगभग 390 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर से लगभग 200 किलो मीटर दूर है।
कोटा शहर सबसे नजदीक है। लगभग 40 किलो मीटर।
आप किसी भी माध्यम से आसानी से बूंदी पहुंच सकते हैं। तथा बूंदी पहुंचने के बाद कैब या टैक्सी की मदद से इस जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं।
नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है।
तो आप कब जा रहे है। इस झरने की सुंदरता को निहारने ।