स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी

Tripoto
23rd Jul 2022
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Day 1

झांसी का नाम सुनते ही रानी लक्ष्मीबाई ka नाम मन में आ जाता है
और मन में एक देश प्रेम की भावना की लहर उत्पन्न हो जाती है
इसी देश प्रेम को बनाए रखने हेतु कुछ जानकारी झांसी के किले की बताने जा रहा हूं
हम घूमे और देखा और जाना झांसी को , झांसी का इतिहास जाना हम झांसी के किले की कुछ महत्व पूर्ण जानकारी लिख रहा हूं
बात उस समय की है जब भारत देश एक परतंत्र देश था जहा हमारे देश प्रेमी वीर वीरांगनाओ ने अपनी और अपनी प्रजा के लिए बाहरी शक्तियों से भिड़े और देश के लिए शहिद हुए
झांसी के किले के शुरुआती समय से रणनीतिक महत्व है।
यह प्राचीन काल में बालवंतनगर (वर्तमान में झांसी के नाम से जानते है) नाम से जाना जाता था बलवंत नगर  में बंगरा नामक एक चट्टानी पहाड़ी पर ओरछा के राजा बीर सिंह जू देव (1606-27) द्वारा बनाया गया था।
किले में दस फाटक {दरवाजा} हैं।
मुख्य किले के भीतर महत्वपूर्ण स्थानों में  शिव मंदिर और गुलाम गॉस खान, मोती बाई और खुदा बख्श की “मजार” हैं।
झांसी किला, प्राचीन राजसी गौरव और वीरता की एक जीवित गवाही में मूर्तियों का एक संग्रह भी है जो बुंदेलखंड के घटनात्मक इतिहास में उत्कृष्टता प्रदान करता है |

Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu

झांसी का किला का महत्व स्वतंत्रता आंदोलन के लिए भागी दारी रहा है, 1857 के विद्रोह में किले की महत्वपूर्ण भूमिका थी और यह रानी लक्ष्मी बाई के नेतृत्व में किया गया आंदोलन  का भी गवाह था।
किले के परिसर में भगवान गणेश  के मंदिर हैं
जबकि रानी की कारक बिजली और भवानी शंकर तोप भी  रखी गई हैं।
मूर्तियों के संग्रह के साथ एक संग्रहालय भी है।  जबकि उस लड़ाई को प्रदर्शित करने वाला एक जीता जागता किला  है जहां झांसी की रानी ने अपने नागरिकों को अंग्रेजी राज से बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था।
यहाँ झाँसी किले के बारे में कुछ और रोचक विवरण दिए गए हैं
किला उत्तर भारतीय पहाड़ी किले की निर्माण शैली को दर्शाता है किले में  पत्थरों का बारी मात्रा में प्रयोग किया गया है झांसी किले  की दीवारें 16-20 फीट मोटी हैं और शहर की दीवारें इससे दक्षिणी तरफ मिलती हैं।
किले का दक्षिणी भाग लगभग लंबवत है। कुल मिलाकर 10 दरवाजा हैं, जिनमें से कुछ के नाम ऊपर दिए गए हैं।
किले के अंदर गार्डन की सुबेवस्थित तरीके से बनाया गया है
वर्तमान समय में झांसी का किला एक पर्यटन स्थल है जहां किले की ऊंचाई से सारा शहर दिखाई देता है जो की काफी सुंदर लगता है और धरोहर स्थल में संग्रहालया में पुरानी वस्तुएं विद्यमान है

गार्डन

Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu

किले की साइड दीवार से शहर का दृश्य

Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu
Photo of स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई झांसी by zeem babu

Further Reads