पंजाब_की_पोस्ट
#गुरूद्वारा_बाबा_संग_जी
#संग_ढेसीयां_जिला_जालंधर
नमस्कार दोसतों 🙏🙏
पंजाब की पोस्ट में आपका सवागत हैं, आज की पोस्ट में हम पांचवें गुरू अर्जुन देव जी के सेवक बाबा संग जी की बात करेंगे। दोस्तों गुरु जी का शबद हैं "मेरे राम राए तू संतां का संत तेरे " , इसमें गुरु जी भक्तों और संत महात्मा का प्रभु से प्रेम बताते हुए कहते है संत भक्त प्रभु के हैं और प्रभु संत भक्तों का हैं, ऐसे ही संत महात्मा थे बाबा संग जी, जिनके गुरुद्वारा साहिब के हम दर्शन करेंगे और उनके बारे में जानकारी लेगें।
#बाबा_संग_जी
पंजाब के दोआबा ईलाके में जिला जालंधर में एक मशहूर और ईतिहासिक गांव हैं ढेसीयां जिसे अब बाबा संग जी के नाम से संग ढेसीयां कहते हैं। पांचवें गुरु अर्जुन देव जी के समय की बात है , जब इस गांव में दाता नाम का जिमीदार हुआ करता था, जो बहुत धार्मिक और सेवा सिमरन करनेवाला, आए गए अनजान महमानों की सेवा करने को भी अपना कर्तव्य समझता था। दाता जिमीदार के घर एक पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम भाई जोध रखा गया। यह बाबा संग जी का पहला नाम हैं। एक बार संगत किसी दूर के गांव सेअमृतसर में अमृत सरोवर की बनाने की सेवा और गुरु अर्जुन देव जी के दर्शन के लिए जिमीदार दाता के पास रुकी, रात का पड़ाव ढेसीयां में ही किया, सुबह को बाबा जोध जी भी संगत के साथ ही अमृतसर के लिए चल पड़े। गुरु दरबार में पहुंच कर गुरु अर्जुन देव जी महाराज के दर्शन किए, अमृत सरोवर की कार सेवा में हिस्सा लिया। गुरु जी आपकी सेवा से बहुत खुश हुए और आपको भाई संग के नाम से बुलाना शुरू कर दिया। काफी समय सेवा करने के बाद गुरु जी के हुक्म के अनुसार आप अपने गांव ढेसीयां आ गए, यहां भी आप सारा दिन सेवा सिमरन करते रहते, गांव में पानी की कमी को दूर करने के लिए भाई संग जी ने कुयें को लगाया। जिस जगह पर बैठ कर बाबा संग जी ने लोगों की सेवा की, वहां आज उनकी याद में आलीशान और शानदार गुरुदारा बनाया गया है जो गांव वालों ने बनाया हैं, जो गुरूद्वारा बाबा संग जी के नाम से मशहूर है। यहां लंगर और रहने की उत्तम वयवस्था हैं। गुरूद्वारा बाबा संग जी पंजाब के जिला जालंधर में फिलौर तहसील में गांव संग ढेसीयां में गोराया से 5 किमी दूर गोराया- जंडियाला सड़क पर बना हुआ है। गोराया जीटी रोड़ पर लुधियाना- जालंधर के बीच एक कसबा हैं जालंधर जिले का। मुझे भी इस शानदार गुरुघर के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। धन हैं बाबा संग जी जिन्होंने पूरा जीवन सेवा सिमरन में लगा दिया। मानवता की सेवा करने वाले ऐसे संत महात्मा को नमन हैं। पंजाब में ऐसे बहुत सारे ईतिहासिक गुरुद्वारा साहिब है जो दर्शनीय है | आईए कभी पंजाब के ईतिहासिक गुरुद्वारा साहिब की यात्रा पर दर्शन करने के लिए|