क्या आपने पहले कभी ये नाम सुना है मुझे पता होगा केवल 1% लोगों ने ही ये नाम सुना होगा और आप उन 1% में भी नहीं होंगे। मैंने भी नहीं सुना था जब तक मैं हिमालय को सही से नहीं जानता था। लेकिन जबसे हिमालय से प्यार हुआ, इसके सिवा कुछ दिखता ही नहीं दुनियाँ में भोलेनाथ का हाथ और हिमालय का साथ सिर्फ ये दो चीज ही चाहिए। इनके बिना जिंदगी अधूरी है।
आइये आपको नामचा बरवा के बारे में बताता हूँ। बरवा नाम से ऐसा लगता है ये कोई आसामी नाम होगा। वैसे ये एक पर्वत का नाम है जिसकी ऊँचाई 7600 मीटर है और ये आसाम हिमालय की सबसे पूरब की चोटी है। ये चोटी असम हिमालय की सबसे ऊँची चोटी है और हिमालय की सबसे पूर्वी चोटी है।इसके बाद हिमालय करीब करीब ख़त्म हो जाता है। हिमालय सिंधु नदी से ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला है। ये पर्वत तिब्बत से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के पास ही है। मुझे तो लगता है ये पर्वत अरुणाचल प्रदेश के टुटिंग नामक जगह से भी दिखाई देता होगा क्युकी मेरी रिसर्च के अनुसार ये वहाँ से बेहद करीब है।
दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से एक होने के अलावा, नमचा बरवा माउंट एवरेस्ट और नंगा पर्वत के बाद हिमालय की तीसरी सबसे प्रमुख चोटी भी है। ब्रह्मपुत्र नदी नामचा बरवा के पास पहुँच कर यू टर्न लेती है और अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश कर जाती है। जहाँ इसको सियाँग नदी बोला जाता है। सियाँग नदी आगे जा कर लोहित और दिबांग से मिलकर ब्रह्मपुत्र बनाती है।
नमचा बरवा जाने का रास्ता बेहद ही खूबसूरत है। ये ट्रेक आपको तिब्बत के उन गाँव से हो कर जाता है जहाँ बहुत कम लोग पहुँच पाते हैं। ये जगह स्वर्ग में होने का अहसास कराती है। इस पर्वत का बेस कैंप सिर्फ 1600 मीटर पर है। जिंदगी में एक बार इस जगह पर जाना चाहता हूँ।