हरदोई जिला उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर है और यह शहर हरदोई अपने गौरवशाली इतिहास और पौराणिक कथाओ के लिये जाना जाता है इस शहर को हरिद्रोही और हरिदवेई नामो से भी जाना जाता है जिसमे हरिद्रोही का मतलब भगवान हरी का विरोधी से है जबकि हरिद्वेई का मतलब दो भगवान से है दो भगवान मतलब इस शहर में भगवान के दो अवतार हुये एक नरसिंह भगवान दूसरा वामन अवतार |
मै बहुत आभारी हु इस शहर के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट श्री पुलकित खरे जी का जिनके अथक प्रयासों से हरदोई पर्यटन को एक नई दिशा मिली , श्री पुलकित खरे जी ने प्रहलाद कुण्ड को एक नया रूप दिया वही एक पुराने तालाब बेलाताली को एक झील के रूप बनवाकर हरदोई की जनता को समर्पित किया |
चलिये अब हरदोई जिला के पौराणिक महत्त्व पर एक नज़र डाल ली जाय यह शहर पूर्ण रूप से भक्त प्रहलाद के लिये जाना जाता है स्थानीय लोगो की मान्यता है की हिरण्यकश्यप नाम का राजा इसी जिले में रहता था और वह भगवान विष्णु का विरोधी था इसीलिये इस शहर का नाम हरिद्रोही था लेकिन इसी राजा का पुत्र प्रहलाद बहुत बड़ा विष्णु भक्त था |
हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद की हत्या के लिये अपनी बहन होलिका से कहा और होलिका एक कुण्ड में प्रहलाद को लेकर बैठ गई क्यूंकि होलिका के पास एक चुनरी थी जिससे वो जल नहीं सकती थी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था वो चुनरी उड़कर प्रहलाद के ऊपर आ गई इससे प्रहलाद बच गया लेकिन होलिका उसी कुण्ड में जलकर भस्म हो गई और ये कुण्ड प्रहलाद कुण्ड के नाम से आज भी हरदोई में मौजूद है |
तो हरदोई जिला वही स्थल है जहाँ भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था अब इस पौराणिक कथा में कितनी सच्चाई है ये तो पता नहीं क्यूंकि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है , इतिहास की बात करे तो हरदोई में माधोगंज में एक राजा थे नरपत सिंह जी जो की एक स्वत्रंतता सेनानी थे इसके अलावा हरदेव सिंह जी , कादिर बख्श जैसे कवि भी हरदोई से थे , हरदोई जिला में अफगान और मुगलों के बीच कई युद्ध हुये चलिये बहुत कुछ है इस जनपद फ़िलहाल हम सिर्फ यहाँ के पर्यटन स्थलों की बात करेंगे |
कैसे पहुचे हरदोई जिला - How to reach Hardoi City
अब थोड़ी सी जानकारी Hardoi Zila की भौगोलिक स्थिति की बात हो जाये तो काम की बात ये है की हरदोई की उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से दूरी लगभग 110 किलोमीटर है और यहाँ के निकटवर्ती जिले शाहजहांपुर , सीतापुर , कन्नोज , फरुखाबाद है यहाँ पहुचना बहुत ही आसान है |
यदि आप वायुमार्ग से हरदोई शहर आने की सोच रहे है तो आपको बता दे कि यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ अमौसी का चौधरी चरण सिंह एअरपोर्ट है जिसका IATA कोड LKO है और एअरपोर्ट से हरदोई के लिये आपको बस , ट्रेन , या किराये की टैक्सी मिल जायेगी |
अच्छा यदि आप जिला हरदोई ट्रेन से आना चाहते है तो आपको बता दे हरदोई में एक रेलवे स्टेशन है जहाँ कई बड़े शहरो से ट्रेन का आवागमन होता है हरदोई रेलवे स्टेशन का कोड HRI है , हरदोई रेलवे स्टेशन अच्छी तरह से भारत के कई बड़े शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है फिर भी यदि आपके शहर से हरदोई के लिये कोई सीधी ट्रेन नहीं है तो आप शाहजहांपुर या लखनऊ आ सकते है फिर वहां से हरदोई के लिए कई साधन उपलब्ध है |
हरदोई सिटी सड़क मार्ग द्वारा भी भारत के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है आप बड़े आराम से यहाँ पहुच सकते है |
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हरदोई में कहा रुके
वैसे यदि आप चाहे तो एक दिन में ही हरदोई के मुख्य मुख्य पर्यटन स्थलों को देखकर वापसी कर सकते है लेकिन यदि आप हरदोई जिला को जानने के लिये आये है तब तो आपको एक दो दिन यहाँ रुकना होगा रुकने के शहर में विकल्प बहुत सारे है आपको रेलवे स्टेशन के सामने कई होटल मिल जायेंगे आप मोलभाव करके रुक सकते है इसके अलावा शहर में कुछ अच्छे लग्ज़री होटल भी उपलब्ध है जिनके बारे में आप ऑनलाइन जानकारी ले सकते है अन्यथा मुझसे मेल करके पूछ सकते है |
हरदोई जिला के समस्त पर्यटन स्थल - Places to visit in Hardoi
देखिये हमारा काम आप पाठको को सच बताना है तो इसी क्रम में हरदोई कोई बहुत बड़ा पर्यटन का केंद्र नहीं है लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं की यहाँ के कुछ मन्दिर आस्था के केन्द्र है वही इस शहर में कई एतिहासिक और धार्मिक स्थल भी मौजूद है इसके अलावा एक पक्षी अभ्यारण्य भी हरदोई पर्यटन के महत्त्व को बढाता है |
चलिये अब एक एक करके हरदोई के सभी पर्यटन स्थलों को जान लिया जाय –
श्री बाबा मन्दिर
श्री बाबा मन्दिर हरदोई जिला के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है और शहर के मध्य में स्थित है हरदोई का बच्चा-बच्चा बाबा मन्दिर के नाम से वाकिफ है , स्थानीय लोगो की इस मन्दिर को लेकर अत्यन्त आस्था है जब भी हरदोई सिटी में कोई भी नया वाहन खरीदतता है तो सबसे पहले श्री बाबा मन्दिर जाकर प्रसाद जरूर चढ़ाता है इसके अलावा नवविवाहित जोड़ा भी यहाँ दर्शन हेतु जाता है यहाँ पहुचंना अत्यंत आसान है आप ऑटो या ई-रिक्शा या रिक्शा से यहाँ पहुच सकते हो और एक बात कभी भी हरदोई आये तो बाबा मन्दिर में मत्था जरूर टेके |
राजा नरपति सिंह स्मारक रुइयागढ़ी माधोगंज
हरदोई जिले में एक क़स्बा है माधोगंज इस कस्बे से दो किलोमीटर दूर एक गाँव रुइयागढ़ी है जो की हरदोई शहर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है वैसे तो यहाँ कुछ खास नहीं है बस एक स्मारक बना हुआ है लेकिन जो घुमक्कड़ी इतिहास को देखना चाहता है उसके लिए यह गाँव महत्वपूर्ण है क्यूंकि यह गाँव महान स्वंत्रतता सेनानी राजा नरपति सिंह की जन्म स्थली था , राजा नरपति सिंह ने अपनी बहादुरी और कुशल नेतृत्व के चलते अंग्रेजो की बड़ी फ़ौज को हराया था |
घंटा घर , विक्टोरिया हाल
घंटा घर क्लॉक टावर हरदोई जिला की पहचान है यह पर्यटन स्थल एक सुन्दर ईमारत है जिसमे एक बड़ी घड़ी लगी हुई है हालाँकि यह घडी तो अब बंद है लेकिन ईमारत की भव्यता देखते ही बनती है एक जानकारी के अनुसार 1960 तक यह घड़ी काम करती थी और इसमें जो घंटियाँ लगी थी उनकी आवाज 4-5 मील तक सुनी जा सकती थी , इसे विक्टोरिया हाल भी कहा जाता है |
नवाब दलेर खां का मकबरा शाहाबाद
कहा जाता है की नवाब दलेर खा एक अफगानी था इसे शाहजहाँ ने शाहजहांपुर में विद्रोह करने के लिए भेजा और इसी दलेर खां ने शाहाबाद की स्थापना की थी , दलेर खां का मकबरा अब मौजूद नहीं है लेकिन फिर भी इसके अवशेष आज भी शाहाबाद में है जो की दो भव्य प्रवेश द्वार है , यह ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हरदोई जिला से मतलब शहर मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है |
सांडी पक्षी अभयारण्य
हरदोई शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर यह सांडी पक्षी विहार अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और चिड़ियों की चहचहाहट के लिये जाना जाता है , स्थानीय लोग इसे डेहर झेल के नाम से भी जानते है , सांडी पक्षी विहार लगभग 3 वर्ग किलोमीटर झील के रूप में फैला हुआ है , यह जगह बहुत सुन्दर है लेकिन कही न कही एक चीज जरूर निराश करती है वो ये की यहाँ पक्षियों का कम होना |
सांडी पक्षी विहार वन विभाग के अन्तर्गत आता है यहाँ आप जब भी जाए तो साथ में एक आई-डी कार्ड जरूर रख ले यहाँ का किराया मात्र 30 रूपये प्रति व्यक्ति है , यहाँ आपको जलीय पक्षी जैसे गुगराल बत्तख , सुरखाब बत्तख आदि दिखाई दे सकते है इसके आलावा नम भूमि के पक्षीयों में आप चमचा , सारस , अँधा बगला जैसे पक्षियों को भी देख सकते है घास के पक्षियों में टुनटुनी फुदकी, सादी फुदकी,गुलदुम बुलबुल जैसे पक्षी भी देख सकते है |
यहाँ जाने का उपयुक्त समय नवम्बर से मार्च तक है यहाँ का निकटतम बस अड्डा पक्षी विहार से 1 किलोमीटर दूर सांडी में है और हरदोई जिला से यहाँ तक के लिये आपको साधन बड़ी आसानी से मिल जायेंगे|
धोबिया आश्रम पिहानी
हरदोई जिला का धोबिया आश्रम पिहानी में मौजूद है यह लगभग शहर मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर है और अपने प्राकृतिक जल स्त्रोत के लिए जाना जाता है इसके पीछे की पौराणिक कथानुसार महाभारत काल में जब वीर कर्ण धनुर्धारी अर्जुन से युद्ध में घायल होकर अंतिम सांसे ले रहे थे तब श्रीकृष्ण ने कर्ण की परीक्षा हेतु एक ब्राम्हण का वेश बनाकर कर्ण से भिक्षा मागने आये तब दानवीर कर्ण से अपना सोने का दांत तोड़कर उन ब्राम्हण को दिया लेकिन ब्राम्हण रूप में श्रीकृष्ण ने दांत को अशुद्ध बताया तब घायल कर्ण ने अपने धनुष से एक तीर चलाकर धरती से जल निकलकर दांत को शुद्ध किया यह स्थल धोबिया आश्रम ही था |
श्रवण देवी मंदिर और प्रहलाद कुण्ड
श्रवण देवी मंदिर भी हरदोई जिला का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है यहाँ पर एक यज्ञशाला भी है और प्रहलाद कुण्ड भी है इस कुण्ड के जो जल स्त्रोत है वो प्राकृतिक ही है अच्छा प्रहलाद कुण्ड वही जगह है जहाँ पर हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रहलाद को लेकर जलती हुई आग में बैठी थी यह सम्पूर्ण स्थान अत्यधिक सुन्दर है इस पर्यटन स्थल पर आप बड़े आराम से पहुच सकते है क्यूंकि यह शहर से ज्यादा दूरी पर नहीं है कभी भी हरदोई आये तो प्रहलाद कुण्ड और श्रवण देवी मन्दिर जरूर आये |
हत्याहरण तीर्थ संडीला
हत्या हरण तीर्थ हरदोई शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर संडीला तहसील में आता है यह एक पवित्र स्थल है यहाँ के बारे में पौराणिक कथानुसार जब श्रीराम ने रावण का वध किया था तो रावण के ब्राम्हण होने के कारण राम जी पर ब्रम्हहत्या का दोष लग गया था इसी दोष से मुक्ति हेतु भगवान राम ने इसी स्थल पर स्थित सरोवर में स्नान किया था तभी से यह पावन स्थल हत्या हरण तीर्थ नाम से जाना जाता है , हरदोई जिला का हत्या हरण तीर्थ भी एक रोचक पर्यटन स्थल है |
हरदोई का सेल्फी पॉइंट अम्बेडकर पार्क
जनपद हरदोई के जाने माने पार्क कम्पनी बाग़ के समीप जेल रोड पर निरिक्षण भवन के सामने बना हुआ है आंबेडकर पार्क जिसमे I Love Hardoi लिखा हुआ बहुत ही खूबसूरत सेल्फी पॉइंट बनाया गया है इसके अलावा इस पार्क में एक छोटी सी झील है जिसमे रंगीन फव्वारे लगे हुये है जो की शाम के समय काफी सुन्दर दिखाई देते है हरदोई जनपद वासियों के लिये यह पार्क घूमने के लिये एक बढ़िया विकल्प है आई लव हरदोई लिखा हुआ सेल्फी पॉइंट पर लोग अपनी सेल्फी जरूर लेते है |
शिव संकट हरण मन्दिर सकाहा हरदोई
शिव संकट हरण मन्दिर सकाहा नाम के गांव में स्थित है जो की हरदोई जिला से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर है और यह एक बेहद पुराना मन्दिर है इसकी आस्था के बारे में आप लोगो को अवगत कराना चाहूँगा सावन के महीने में यहाँ पैर रखने की भी जगह नहीं होती है दूर दूर से भोले भक्त यहाँ दर्शन करने आते है इस मंदिर में एक बड़ा सा शिवलिंग है , मान्यता है की यहाँ भोलेनाथ अपने हर भक्त का संकट हर लेते है तभी इसका नाम संकट हरण मंदिर है |
इस मन्दिर में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते रहते है जैसे मुंडन संस्कार तो आप इस पावन स्थान को बिलकुल भी छोड़ नहीं सकते है |
बेलाताली
बेलाताली हरदोई सिटी के मध्य में स्थित है यह शहर वासियों के लिए पिकनिक और बोटिंग के लिये एक अच्छा स्थल है , तालाब के चारो और हरे-भरे पौधे लगाये है जगह जगह पर बैठने के पुख्ता इंतजाम किये गए लाइटिंग की भी बढ़िया व्यवस्था की गई है , अगर हम टिकट की बात करे तो बेलाताली में प्रवेश शुल्क महज दो रूपये प्रति व्यक्ति है और यह झील सुबह 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक खुली रहती है फिलहाल यहाँ पर दो बोट है जिनसे आप झील की सैर का मजा ले सकते है , हरदोई जिला का बेलाताली पर्यटन स्थल रविवार के दिन अत्यधिक व्यस्त हो जाता है |
हरदोई जिले के अन्य पर्यटन स्थल
वैसे तो हमने आपको हरदोई जिला के लगभग सभी पर्यटन स्थलों से अवगत करा दिया है लेकिन इनके अलावा भी कुछ अन्य स्थल है जिन्हें भी एक नज़र में जान लिया जाय –
हरदोई से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर एक मन्दिर है जिसका नाम सुनासीरनाथ है यह मन्दिर मल्लांवा के पास स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है |
हरदोई शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित संकट मोचन हनुमान जी का बालाजी मंदिर भी एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है |
हरदोई शहर में ही स्थित श्री राम जानकी मंदिर भी देखने वाला है क्यूंकि इसकी बनावट अत्यंत सुन्दर है |
हरदोई जिला में एक और मंदिर भी जो हरदोई में मोहलिया नामक स्थल पर है यह मुख्यता देवी काली को समर्पित है इस मंदिर की भी मान्यता किसी से छुपी नहीं है |
कंपनी गार्डन नाम का एक पार्क भी हरदोई जिला में है जहाँ आप टहल सकते है बोटिंग कर सकते है और यहाँ एक ओपन जिम भी है जहाँ आप कसरत का भी लुत्फ़ उठा सकते है यह गार्डेन भी शहर के मध्य में स्थित है |
हरदोई सिटी से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर बावन नाम की एक जगह है जहाँ सूरजकुण्ड के पास नकटिया देवी का मंदिर है जो की स्थानीय लोगो के अनुसार सभी मनोकामनाओ को पूर्ण करने वाला है |
हरदोई जिला से लगभग 30 किलोमीटर दूर पिहानी नाम की जगह में रौज़ा सदर जहाँ नाम की जगह है जो की इतिहास के द्रष्टिकोण से महत्वपूर्ण है |
शहर के मध्य में स्थित गाँधी भवन जहाँ अभी हाल ही में हरदोई के जिलाधिकारी ने पुस्तकालय और संग्रहालय का शुभारम्भ किया |
श्री रामजानकी मंदिर हरदोई जिला
श्री रामजानकी मंदिर हरदोई
खानपान और खरीददारी
हरदोई सिटी में आपको खानपान की कोई भी दिक्कत नहीं होने वाली यहाँ हर किस्म के रेस्टोरेंट उपलब्ध है फिर भी हरदोई की कुछ प्रतिष्ठित खानपान की दुकानों में लाखन का मिर्चाराम स्वीट रेस्टोरेंट बेहतरीन है हरदोई जब भी आये यहाँ के व्यंजनों का स्वाद जरूर ले इनकी खीर , मसाला डोसा , दहीबड़ा , छोला भटूरा लाजवाब है इसके अतिरिक्त आप सियाराम की टिक्की का भी स्वाद ले सकते है |
खरीददारी के लिये हरदोई जिला में सबसे बढ़िया सिनेमा चौराहा से लेकर बड़ा चौराहा तक की बाज़ार है बाकी यहाँ पर एक दो शौपिंग माल भी है जैसे सिटी लाइफ और वी मार्ट , विशाल मेगामार्ट , मेगाशोप |
Itinerary - यात्रा कार्यक्रम
हम आपको हरदोई जिला घुमने के लिए एक यात्रा कार्यक्रम बनाकर दे रहे है जिससे आपको अत्यंत आसानी हो जायेगी |
पहला दिन – पहले दिन आप श्री बाबा मन्दिर जाये फिर वही पास में श्रवण देवी मंदिर और प्रहलाद कुण्ड देखे फिर निकल जाये सीधे सांडी पक्षी विहार लौटकर कुछ आराम करे फिर शहर के अन्य स्थल जैसे कंपनी गार्डन , बेलाताली, घंटा घर , श्री राम जानकी मन्दिर , मोहलिया स्थित देवी काली मन्दिर देख ले |
दूसरा दिन – दूसरे दिन आप निकले हरदोई शाहजहांपुर रोड पर और सबसे पहले संकट हरण सकाहा मन्दिर में दर्शन करे फिर शाहाबाद का नवाब दलेर खान का मकबरा देखे फिर धोबिया आश्रम का रुख कर सकते है अब दोपहर भोजन पश्चात आप निकलिये राजा नरपति सिंह स्मारक रुइयागढ़ी माधोगंज यहाँ से आप निकल जाये संडीला स्थित हत्याहरण तीर्थ और लौटते समय रास्ते में श्री बालाजी मन्दिर के भी दर्शन कर ले |
Conclusion - निष्कर्ष
हमने कोशिश की आपके सामने सम्पूर्ण हरदोई जिला का पर्यटन रखने की हरदोई का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व बहुत ही ज्यादा है यहाँ के समस्त पर्यटन स्थल प्रसिद्ध तो नहीं है लेकिन फिर भी हर स्थान अपने आप में एक इतिहास छुपाये हुये है उत्तर प्रदेश का हरदोई शहर पर्यटन के लिहाज से उपेक्षा का शिकार है लेकिन फिर भी जो असली घुमक्कड़ी है जिनके मन में हर शहर के पर्यटन को जानने के अभिलाषा रहती है उनके लिये हरदोई भी एक खास पर्यटन का केंद्र है तो कभी दो दिन निकालकर आइये हरदोई अरे हा पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में इसे शेयर करना न भूले |