मेरा अनुभव कैलाश चरण स्पर्श 23 जून 2018
कैलाश चरण स्पर्श कहा जाता है, जहाँ आप वास्तव में कैलाश पर्वत को छू सकते हैं, चीनी सरकार ने उस जगह के पास कुछ जगह बनाई है जहाँ पर यात्री जा सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं। हमारे बैच में, हममें से 30 लोग उस प्रवित्र स्थान पर गए। स्वयं, ए लो सर और रिद्धि, मनीषा दी, गिरीश भैया, बबलू भैया, पांडे जी एवम अन्य सहयात्री थे..यह तक जाने के लिए कोई निश्चित मार्ग नही बना हुआ है.. हमे कैलाश पर्वत की दिशा में ही आगे बढ़ना था.. यहाँ का रास्ता बहुत ही चुनौती पूर्ण था.. जब हम कैलाशचरण स्पर्श के पास पहुँचे तो हमारी आँखों में आँसू आ गए। मुझे अपने पिताजी और मम्मी की याद आ रही है। मुझे एक चंचल व्यक्ति की याद आ रही थी। कैलाश के चरण स्पर्श पर बहुत अच्छा अनुभव हो रहा था.. ऐसा लग रहा था मानो सब कुछ मिल गया यहाँ आकर जीवन सफल हो गया. वहाँ के अनुभव के लिए मेरे पास शब्द नही है। मैं बेल पत्र, दीपक, कलश घर से साथ लेके गई। । हमने कैलाश पर्वत पर भोलेनाथ से अपनी प्रार्थना की, हमने 10-15 मिनट तक आरती की "आरती" गाई । अंत में, हमने यह सोचते हुए अपनी आँखें बंद कर लीं। जैसे ही मैंने अपनी आँखें बंद कीं, मुझे लगा कि मेरी आँखों पर एक तेज़ प्रकाश स्रोत आ रहा है और मैंने अपनी आँखें 2 सेकंड के लिए खोल दीं,। मेरी आँखों से आँसू बहने लगे।
चरण स्पर्श एक सुखद अनुभव है जो हम दुनिया में कहीं भी नहीं पा सकते हैं। मेने अपने जीवन के सबसे खास व्यक्ति केलिए चरण स्पर्श पर प्राथर्ना की ..मुझे अपने परिजनों की बहुत याद आरही थी। मैंने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली, भगवान शिव से फिर से प्रार्थना की..थोड़ी ही देर में मौसम खराब होने लगा बर्फ़बारी होने लगी..हम सभी मौसम खराब होते ही वापस ऊपर से नीचे आने के लिए निकल गए.. सभी सहयात्री समय से नीचे पहुँच गए थे.. *ओम नमः शिवाय*