"चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव

Tripoto
4th Jun 2022
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Day 1

इस बार भी मैं गर्मी की छुट्टियों से पहले ही बंगाल के पहाड़ों में जाने का मन बना लिया।  इस बार गंतव्य था टोकडा, छोटा मंगोया, चारखोल, चिबो, मोंगपू।  चिबो के अलावा अन्य जगहों के नाम विख्यात है।  इसलिए मैं उन जगहों के लिए मेरे  शब्द और आपका समय बर्बाद नही करूंगा।  आज मैं सिर्फ चिबो के बारे में बताऊंगा।

Photo of Chibbo Approach Road by Pankaj Biswas (akash)

कलिम्पोंग के सभी जगहों पर घूमने के बाद हमारा पता था चिबो हिमालयन ईगल रिजॉर्ट और होम स्टे। कलिम्पोंग से महज 4 किमी दूर पहाड़ियों में पेड़ों और फूलों से भरा गांव है।  चिबो की ऊंचाई 1250 मीटर है।  चारों तरफ चीड़ के पेड़ si घिरा है चिबो । यहाँ के जंगलों में वनस्पतियों और जीवों के जीवन चक्र को देखा जा सकता है।  मैंने सुना है कि कंचनजंगा को यहाँ से देखा जा सकता है। हालाँकि यह इस समय मौसम खराब होने के कारण सफेद बर्फीले उजले पहाड़ों वाले पहाड़ों वाले कंचनजंगा रेंज हमें नहीं दिखा।

Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)

यहाँ कैसे आए ?

चारखोल से हम चिबो आए।  इसमें करीब तीन घंटे का समय लगा।  हम जंगल में संकरी पहाड़ी सड़क से धीरे-धीरे चिबो पहुंचे।  पहाड़ के जंगली पेड़, देवदार के पेड़ों की कतारें, सुन्दर पहाड़ी फूलों ने हमारा स्वागत किया। 

Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)

कहां ठहरें ?

फिर हम हिमालयन ईगल रिज़ॉर्ट और होम स्टे पहुंचे। पहाड़ी की ढलानों पर बना यह सुव्यवस्थित होम स्टे निश्चित रूप से पर्यटकों को अभिभूत कर देगा। हाथ में चाय का प्याला लेकर रिजॉर्ट के बरामदे पर खड़े होकर सामने पहाड़ की विशालता को महसूस करना एक स्वर्गीय अनुभूति है। पक्षियों की चहचहाहट यहां की भोर की कोमलता को और बढ़ा देती है। बादल का आना जाना लगा रहता है। यहां कभी-कभी बहुत कम समय के लिए बारिश होती थी। होम स्टे के बरामदे के सामने एक विशाल घाटी है, जहां से दूर-दूर तक चीड़ के पेड़ों की कतारें और पहाड़ दिखता है। पहले दिन दोपहर के भोजन के बाद हम पहाड़ी जंगली रास्ते से एक नर्सरी में चले गए। वह नर्सरी जिसे ऑर्किड और कैक्टस से सजाया गया है। एक मित्र ने हमें उपहार के रूप में कुछ ऑर्किड भी दिए।

कहां ठहरें ? फिर हम हिमालयन ईगल रिज़ॉर्ट और होम स्टे पहुंचे।  पहाड़ी की ढलानों पर बना यह सुव्यवस्थित होम स्टे निश्चित रूप से पर्यटकों को अभिभूत कर देगा।  हाथ में चाय का प्याला लेकर रिजॉर्ट के बरामदे पर खड़े होकर सामने पहाड़ की विशालता को महसूस करना एक स्वर्गीय अनुभूति है।  पक्षियों की चहचहाहट यहां की भोर की कोमलता को और बढ़ा देती है।  बादल का आना जाना लगा रहता है। यहां कभी-कभी बहुत कम समय के लिए बारिश होती थी। होम स्टे के बरामदे के सामने एक विशाल घाटी है, जहां से दूर-दूर तक चीड़ के पेड़ों की कतारें और पहाड़ दिखता है। पहले दिन दोपहर के भोजन के बाद हम पहाड़ी जंगली रास्ते से एक नर्सरी में चले गए।  वह नर्सरी जिसे ऑर्किड और कैक्टस से सजाया गया है।  एक मित्र ने हमें उपहार के रूप में कुछ ऑर्किड भी दिए।

Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)

होमस्टे का खाना बनाना भी बहुत अच्छा है।  और कीमत बहुत कम  है।  यहां आपको लगभग वह सब कुछ मिल जाएगा जो आप खाना चाहते हैं।  दुसरे दिन शाम को बारबेक्यू का मजा लिया हमने।  और इस होम स्टे की एक ख़ासियत है, जो और कहीं नहीं मिलती है, वह यह है कि उनके पास एक पुस्तकालय है, जहाँ मैंने कलिम्पोंग और सिक्किम पर कई किताबें देखीं।

Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)
Photo of "चिबो" कालिमपोंग की पहाड़ियों में बसा एक सुंदर गांव by Pankaj Biswas (akash)

होमस्टे का खाना बनाना भी बहुत अच्छा है।  और कीमत बहुत कम  है।  यहां आपको लगभग वह सब कुछ मिल जाएगा जो आप खाना चाहते हैं।  दुसरे दिन शाम को बारबेक्यू का मजा लिया हमने।  और इस होम स्टे की एक ख़ासियत है, जो और कहीं नहीं मिलती है, वह यह है कि उनके पास एक पुस्तकालय है, जहाँ मैंने कलिम्पोंग और सिक्किम पर कई किताबें देखीं।

होमस्टे का खाना बनाना भी बहुत अच्छा है। और कीमत बहुत कम है। यहां आपको लगभग वह सब कुछ मिल जाएगा जो आप खाना चाहते हैं। दुसरे दिन शाम को बारबेक्यू का मजा लिया हमने। और इस होम स्टे की एक ख़ासियत है, जो और कहीं नहीं मिलती है, वह यह है कि उनके पास एक पुस्तकालय है, जहाँ मैंने कलिम्पोंग और सिक्किम पर कई किताबें देखीं।

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