
त्रिपुरा पूर्वी भारत का एक खूबसूरत राज्य है। जहा नदिया, पर्वत, जनजातिया, घने जंगल पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। देश आजाद होने से पहले यह राज्य माणिक्य राजाओं के अधीन था। राज्य में बांग्ला भाषा बोलने वाले लोग ज्यादा रहते हैं। इसके अलावा ककबर्क भाषा बोलने वाली जनजाति का भी कुछ इलाकों में दबदबा है। यहां की प्रसिद्ध घूमने का स्थान है उनाकोटी, निरामहल, त्रिपुरेश्वरी मंदिर, उज्जयंत महल, हेरिटेज पार्क इत्यादि,

उनाकोटी...
उनाकोटी शब्द का अर्थ स्थानीय भाषा में है "एक करोड़ से कम"। हालाकि ऐसा नाम क्यों पड़ा यह किसी को नही मालूम। यह इलाका rock carving पत्थर पर चित्रण से भरा पड़ा है। जिसमे से ज्यादा शिव जी की बताई जाती है। सातवी से नवी शताब्दी के बीच ये चित्र उकेरे गए थे ऐसा इतिहासकारों का दावा है। सालो से श्रद्धालु यहां आते है। ये जगह ट्रेकिंग और रॉक क्लाइंबिंग के लिए भी बहुत अच्छा है।


निरमहल....
निरामहल भारतीय उपमहादेश में सबसे बड़ा लेक पैलेस है। जिस झील से महल घिरा हुआ है उसका नाम रूद्रसागर है। जिसका निर्माण राजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने कराया था। यह महल राजा और उनके परिवार का छुट्टियों का महल था। यहां शाम को लाइट एंड साउंड शो होता है। इसके अलावा बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। आप अगरतला आएं तो निरमहल जरूर आइएगा।




एक विशाल क्षेत्र में फैला हेरिटेज पार्क त्रिपुरा के प्रमुख पर्यटक स्थल में से एक है। पार्क में लकड़ी और पत्थर की कलाकृतियों के साथ लीची, नीलगिरी आदि के खूबसूरत पौधे हैं। इसमें एक एम्फीथिएटर है जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं और पूरे पार्क में हरी-भरी हरियाली का आनंद लिया जा सकता है।










