#पंजाब_टूरिज्म
#फरीदकोट_शहर_की_ईतिहासिक_ईमारतें
नमस्कार दोस्तों 🙏🙏
आज की पंजाब टूरिज्म पोस्ट में आपका सवागत हैं, दोस्तों आज हम बात करेंगे पंजाब के रियासती शहर फरीदकोट की ईतिहासिक ईमारतों की, फरीदकोट शहर का नाम पंजाब के महान सूफी संत बाबा फरीद जी के नाम पर पड़ा है, बारवीं सदी में बाबा फरीद जी इस शहर में आए थे और अपना नाम सदा के लिए इस शहर को दे गए।
आज फरीदकोट के घंटा घर, फरीदकोट किला और एक लाईब्रेरी की बात करेंगे।
#फरीदकोट_घंटा_घर
फरीदकोट शहर के बीचोंबीच बने इस शानदार घंटा घर को फरीदकोट के महाराजा बलबीर सिंह बराड़ ने 1902 ईसवीं में ब्रिटिश महारानी विकटोरीया की याद में बनाया था, इसीलिए इसको विकटोरीया मैमोरियल कलाक टावर फरीदकोट भी कहा जाता हैं। दोस्तों फरीदकोट के महाराजे अंग्रेजों के मित्र थे, ऐगलों सिख युद्धों में भी इन्होनें अंग्रेजों का साथ दिया, जिसकी वजह से सिख हार गए थे। इस घंटा घर में लगे हुए कलाक को सविटजरलैड़ की एक कंपनी ने बनाया है, 1970 से पहले घंटा घर के पास रहने वाले लोग घड़ी का इसतेमाल नहीं करते थे और घंटा घर से ही समय देखते थे लेकिन 1970 के बाद यह कलाक बंद पड़ा हैं। अभी भी इस ईतिहासिक घंटा घर की ईमारत बहुत दिलकश हैं, मैंने भी अपने मोबाइल से इस घंटाघर की दो फोटोज खींच कर पोस्ट में लगाया है।
#फरीदकोट_किला
फरीदकोट का किला बहुत पुराना हैं, बारवीं सदी में बना हुआ है, उसी समय बाबा फरीद जी भी इस शहर में आए हुए थे, जब यह किला बन रहा था। टीला बाबा फरीद जी भी फरीदकोट किले के पास ही बना हुआ है। आजकल इस किले में जाने की अनुमति नहीं हैं। वैसे इस किले की मुरम्मत का काम चल रहा हैं। जब यह काम पूरा हो जायेगा और किले के अंदर प्रवेश की अनुमति मिल जायेगी तब एक खूबसूरत ईतिहासिक धरोहर को करीब से निहारने का मौका मिलेगा, तब तक फरीदकोट किले को बाहर से ही देखकर सबर कर लिया जाए, जैसे फरीदकोट किले की बाहरी दृश्य की फोटो लगाई हैं।
#महारानी_महिंदर_कौर_मैमोरियल_लाईब्रेरी
यह ईतिहासिक ईमारत महाराजा के समय में एक अस्पताल हुआ करता था, जिसका नाम पुराना बलबीर अस्पताल था, जहां राज्य के मरीजों का मुफ्त ईलाज किया जाता था, इस को महाराजा बलबीर सिंह ने बनाया था, आजकल इस हैरीटेज ईमारत को महारानी महिंदर कौर मैमोरियल लाईब्रेरी में तब्दील कर दिया है। इन जगहों के इलावा फरीदकोट शहर में और भी बहुत ईतिहासिक ईमारतें हैं, आईए कभी इस हैरीटेज शहर फरीदकोट को निहारने के लिए।



