शहीदेआजम भगत सिंह के साथी सुखदेव थापर के लुधियाना में घर की यात्रा

Tripoto
10th Jul 2021
Day 1

#शहीद_सुखदेव_थापर_का_घर
#शहर_लुधियाना
#पंजाब_टूरिज्म

नमस्कार दोस्तों
आज मैं बात कर रहा हूं , शहीदेआजम सरदार भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च 1931 ईसवीं को देश के लिए हंसते हंसते फासी चढ़ने वाले लुधियाना के रहने वाले वीर सुखदेव थापर जी की। सुखदेव थापर जी का घर लुधियाना शहर में लुधियाना रेलवे स्टेशन से मात्र 1 किमी दूर हैं। बहुत अफसोस की बात है इतने महान शहीद के घर को सरकार ने बिल्कुल नजरअंदाज कर रखा है , बहुत लोगों को यह भी नहीं पता होगा शहीद सुखदेव थापर जी लुधियाना के रहने वाले थे। इस बार जब मैं गुजरात यात्रा के लिए गया तो मेरी ट्रेन लुधियाना जंक्शन से बड़ोदा गुजरात तक थी और मैं सटेशन पर दो घंटे पहले पहुंच गया। मुझे यह तो पता था शहीद सुखदेव थापर जी का घर लुधियाना जंक्शन से थोड़ी दूर ही हैं , लेकिन कभी गया नहीं था । इस बार मेरे पास समय था मैं पैदल ही सटेशन से चल पड़ा शहीद सुखदेव जी के घर की ओर , लुधियाना घंटा घर से चौड़ा बाजार को पार करके , एक दो तंग गलियों में से गुजरता हुआ और आसपास के लोगों से पूछता हुआ मैं शहीद सुखदेव थापर जी के घर पर पहुंच गया। उनका घर तो बंद था , कहते है कुछ करमचारी हैं जिनकी डियूटी लगी हैं लेकिन वह 10 बजे के बाद आते हैं , कयोंकि मेरी ट्रेन थी इसलिए मैंने घर के बाहर लगे शहीद सुखदेव थापर के बुत को नमन किया। शहीद सुखदेव जी की कुरबानी बहुत बढ़ी हैं , लेकिन जैसा नाम शहीद भगत सिंह को मिला है शहीद सुखदेव थापर जी को सरकारों ने नजरअंदाज किया है। मेरे लिए तो शहीद सुखदेव थापर जी के घर की यात्रा किसी तीर्थ यात्रा से कम नहीं है । शहीद सुखदेव थापर जी का जन्म लुधियाना शहर में इसी घर में 15 मई 1907 ईसवी को हुआ था। मात्र 23 साल की उम्र में 1931 ईसवीं में आपको भगत सिंह और राजगुरु के साथ फांसी दे दी गई थी। आपके पिता जी का नाम रामलाल थापर और माता रली देवी थी। आपका पालणपोषन आपके चाचा जी ने किया था आपके पिता जी के देहांत के बाद। शहीद सुखदेव जी ने बहुत सारी क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया था अंग्रेजों के विरुद्ध भारत को आजाद करवाने के लिए ।आपने लाहौर सैंट्रल जेल में भूख हड़ताल की , लाला लाजपत राय की शहीदी के बाद भगत सिंह और राजगुरु के साथ मिलकर अंग्रेजी अफसर सांडर्स को मार गिराया ।फिर आपके  ऊपर केस चला, जिसमें आपको फांसी की सजा सुनाई गई । सरकार को चाहिए आपके घर को राष्ट्रीय धरोहर में शामिल किया जाए , आपके घर की संभाल करके एक मयूजियिम बनाया जाए, आपकी जिंदगी के बारे में बताया जाए ताकि हमारी अगली पीढियां इस महान शहीद को याद रख सके।
इंकलाब जिंदाबाद
जय हिंद

शहीद सुखदेव थापर के घर के बाहर लगा उनका बुत

Photo of Ludhiana by Dr. Yadwinder Singh

मैं शहीद सुखदेव थापर के घर में

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शहीद सुखदेव थापर का घर

Photo of Ludhiana by Dr. Yadwinder Singh

शहीद सुखदेव थापर के जन्म सथल का साईन बोर्ड

Photo of Ludhiana by Dr. Yadwinder Singh

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