भारत भूमि विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह देश विभिन्न राज्यों से मिलकर बना है। इसमें से मिज़ोरम एक राज्य है। वैसे तो यह छोटा राज्य है ।यह बहुत सी विशेषता लिए है ।अगर इसके नाम का संधिविच्छेद करे तो इसका मतलब मालूम होता है।मिजो यहां की जनजाति है और रम का शाब्दिक अर्थ लैण्ड है अर्थात मिजो लोगों की भूमि।मिजो जनजाति की अलग भाषा बोली है,रहन सहन भी अलग ही है। मिजो लोगों शान्ति प्रिय होते हैं। यह स्थान सैलानियों के लिए सुरक्षित है। ईमानदारी इनके स्वभाव में होती है। मिजोरम का मौसम सुहावना होता है।सर्दियों में यहाँ का तापमान 11डिगरीसे21 डिगरी तक होता है, गर्मी में 20 डिगरी से 29 डिगरी होता है।
मिजोरम में 11 जनजातियां हैं।मिजो व अंग्रेज़ी यहां की जुडिशियल भाषा है। यहां कुछ अन्य भाषाऐ भी बोली जाती हैं जैसे इसको,चाहो,हालाम,हिसार,लाई,देसाई,देसाई,मियामी कुकी आदि।
यहां का प्र मुख्य धंधा खेतों है। मिजोरम राज्य में मुख्य रूप से झूम विधि से खेती की जाती है। यहां के त्यौहार प्रायःफसल कटाई के समय धूमधाम से मनाये जाते है। यहां नृत्य के रूप में त्यौहार मनाने की परम्परा है ।चैलम यहां का प्रसिद्ध नृत्य है
चापचर कुट के अवसर पर किया जाता है। यह बसन्तोत्सव
के जैसा होता है। मार्च महीने में यह मनाया जाताहै।
चावल मुख्य भोजन है जो प्रायः विभिन्न तरीके से बनाये हुए नानवेज व्यन्जनो के साथ पसंद किया जाता है। पैशन फ्रूट व साफी यहां बहुतायत में पैदा होते हैं।
मिजो जनजाति का परम्परागत पहनावा पालन है। यह काला व सफेद रंग की धारियों का शाल जैसा वस्त्र होता है जो रैप ऑन के समान पहना जाता है।
प्र कृति को नजदीक से अनुभव करना हो तो मिजोरम आऐ।
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