गोवर्धन पर्वत और वृंदावन की यात्रा का मन बनाना ही अपने आप को रोमांचित कर देता है! ये एक धार्मिक यात्रा तो है ही लेकिन यहाँ पर प्राचीन मान्यताओ के पद चिन्हों को सूक्ष्मता से अवलोकन करना आपकी आस्था को प्रबल करता है! इसके साथ वहाँ आस्था के जन सैलाब को देखना अदभुत नजारा प्रतीत होता है!
राधे- कृष्ण के चरणों में स्वयं को समर्पित कर 21 किलोमीटर की परिक्रमा करना और उसके साथ ही बरसाना और वृंदावन मे बांकेबिहारी के दर्शन ,मन को शीतलता प्रदान करते है!
गोवर्धन पर्वत परिक्रमा के बाद बरसाना मे राधा रानी के दर्शन करना साथ ही जलेबी और दही का नाश्ता करने का अपना अलग ही मजा है! सीढ़ियां चढ़ते- चढ़ते राधे राधे बोल कर राधा रानी के दरबार मे हाजिरी लगाना!
रमण रेती जहाँ प्रभु ने अपनी बाल लीलाएँ की, वहाँ रेत पर चलना और अलौकिक शक्ति का अहसास करना शरीर के रोम रोम को रोमांचित कर देता है!