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नमस्कार दोसतों
दोसतों सारागढ़ी की ईतिहासिक लड़ाई के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जिसके उपर बालीवुड में अक्षय कुमार की केसरी मूवी बन चुकी हैं, बहुत सारे दोसतों ने यह मूवी देखी भी होगी। यह सारागढ़ी की लड़ाई 12 सितंबर 1897 को सारागढ़ी के किले में ब्रिटिश राज के सिख रैजीमैंट और अफगानी अफरीदी और दूसरे कबीलों के साथ हुई थी। यह जगह अब पाकिस्तान में हैं। इस युद्ध में 12000 से 24000 कबीले वालों से कुछ सिख सिपाहियों ने लड़ाई की थी, कबीले वाले सारागढ़ी को घेर कर खड़ गए थे, सिख सिपाहियों ने भागने की बजाए लड़ कर शहीद होने को तरजीह दी, सिख सिपाहियों का सैनापती हवलदार ईशर सिंह थे, विश्व के ईतिहास में इस लडा़ई का बहुत अहम सथान हैं। सिख सिपाही लड़ते लड़ते शहीद हो गए, सिर्फ 21 सिख सिपाहियों ने लडा़ई की और सारागढ़ी की पोस्ट पर 600 अफगानों की लाशें मिली, इन 21 बहादुर सिपाहियों के नाम नीचे लिखे हैं
1. हवलदार ईशर सिंह
2. नायक लाल सिंह
3. लांस नायक चंदा सिंह
4. सिपाही सुंदर सिंह
5. सिपाही राम सिंह
6. सिपाही उत्तर सिंह
7. सिपाही साहिब सिंह
8. सिपाही हीरा सिंह
9. सिपाही दया सिंह
10. सिपाही जीवन सिंह
11. सिपाही भोला सिंह
12. सिपाही नारायण सिंह
13.सिपाही गुरमुख सिंह
14.सिपाही जीवन सिंह
15. सिपाही गुरमुख सिंह
16. सिपाही राम सिंह
17. सिपाही भगवान सिंह
18.सिपाही भगवान सिंह
19. सिपाही बूटा सिंह
20 . सिपाही जीवन सिंह
21. सिपाही नंद सिंह
यह वह पंजाब के शेर थे, जो अफगानों के सामने खड़ गए थे, चट्टान की तरह, ईडियन आरमी की सिख रैजीमैंट 12 सितंबर को सारागढ़ी दिवस मनाती हैं।
36 सिख रैजीमैंट की सथापना 1887 में फिरोजपुर में हुई थी, यही 36 सिख रैजीमैंट के सिपाही सारागढ़ी में लड़े थे, इनकी याद में ही फिरोजपुर में सारागढ़ी मैमोरियल गुरुद्वारा बनाया हैं, जिसकी तस्वीरों को आप देख रहे हो पोस्ट में, सारागढ़ी पाकिस्तान तो हम जा नहीं सकते लेकिन जब भी फिरोजपुर आओ तो इन बहादुर शहीदों को नमन करना न भूले।
केसै पहुंचे - फिरोजपुर पंजाब का एक मशहूर शहर हैं जो पाकिस्तान के बार्डर पर बसा हुआ है। फिरोजपुर रेलवे का मंडल हैं यहां से आप देश के अलग अलग शहरों से रेल यात्रा से पहुंच सकते हो। बस से भी फिरोजपुर पंजाब के सभी महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है।
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