अद्भुत कलाकारी का नमूना हैं - पंजाब के संगरूर शहर का बनासर बाग बारांदरी

Tripoto
20th Feb 2022
Day 1

#बनासर_बाग_बारांदरी
#संगरूर
#पंजाब_टूरिज्म

नमस्कार दोसतों 🙏🙏
आज हम पंजाब के ईतिहासिक शहर संगरूर के खूबसूरत बनासर बाग और बारांदरी के बारे में बात करेंगे।

#संगरूर_शहर
पंजाब के दक्षिण पूर्वी भाग में पटियाला से तकरीबन 50 किलोमीटर की दूरी पर हैं, संगरूर शहर को संगू नाम के एक जाट ने तकरीबन 400 साल पहले बसाया था एक गांव के रुप में। संगरूर का ईलाका पहले नाभा रियासत में आता था, नाभा रियासत और जींद रियासत का आपस में झगड़ा रहता था, दोनों रियासतों में युद्ध हुआ और जींद रियासत की जीत हुई और नाभा रियासत के कुछ ईलाके जींद रियासत में शामिल हो गए जिसमें संगरूर भी शामिल था। जींद रियासत के राजाओं ने संगरूर को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया,  यहां बाग, बारांदरी, मंदिर, गुरुद्वारा और घंटा घर का निर्माण करवाया।संगरूर शहर का नक्शा जैपुर की तरज पर बनाया गया, यहां अब भी बहुत सारी ईतिहासिक और रियासती ईमारतें बनी हुई हैं जिनको संभाल कर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता हैं। संगरूर आजकल पंजाब का एक जिला मुख्यालय भी हैं।
#बनासर_बाग_बारांदरी
पुराने समय में कहा जाता हैं एक बड़े तालाब के बीच राजा का महल हुआ करता था और उस महल पर जाने के लिए लकड़ी के पुल का उपयोग किया जाता था, लेकिन आजकल वह तालाब नहीं हैं। बनासर बाग , बन का अर्थ होता हैं वृक्षों का जंगल, सर का अर्थ होता हैं तालाब , किसी समय में जंगल के बीच बने हुए तालाब में महल होता था।
अब बात करते हैं बारांदरी की, बारांदरी का अर्थ होता हैं जिसके बारां (12) दरवाजे हो, इस बाग के भी 12 दरवाजे थे, पंजाब में लाहौर, दीनानगर, पटियाला और संगरूर में बारांदरी बनी हुई हैं। इस बारांदरी को बनाना जींद रियासत के राजा संगत सिंह  ने  1827 ईसवीं में बनाना शुरू किया, बाद में उनके पुत्र महाराजा सरूप सिंह और उनके पुत्र महाराजा रघुवीर सिंह ने पूरा निर्माण करवाया। बनासर बाग के अंदर सफेद मारबल की खूबसूरत मीनाकारी के साथ बारांदरी के दरवाजे को बनाया गया, यह दूर से देखने से ही बहुत आकर्षक लगती हैं, दरवाजे के ऊपर इंग्लिश में Maharaja Jind लिखा हुआ हैं आप फोटो में पढ़ सकते हो।  दरवाजे के दोनों तरफ मारबल से बने हुए दो द्वारपाल खड़े हुए हैं, एक खूबसूरत मीनाकारी और कलाकारी मन मोह लेती हैं। मुझे यह ईतिहासिक जगह बहुत पसंद आई। अब भी संगरूर शहर के लोग रोज सुबह टहलने के लिए सैर, योगा करने के लिए बनासर बाग आते हैं। यहां जाने के लिए कोई टिकट नहीं हैं, बस जरूरत हैं ऐसी ईतिहासिक धरोहरों को बचाकर संभालने की ताकि हमारी आने वाली पीढियों को हमारे कौशल, हुनर और ईतिहास का पता चलता रहे। 
कैसे पहुंचे-  संगरूर शहर पटियाला से 50 किमी और चंडीगढ़ से 120 किमी दूर है। संगरूर रेलमार्ग और बस से पंजाब के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

बनासर बाग बारांदरी संगरूर

Photo of Banasar Bagh by Dr. Yadwinder Singh

बनासर बाग बारांदरी

Photo of Banasar Bagh by Dr. Yadwinder Singh

बनासर बाग

Photo of Banasar Bagh by Dr. Yadwinder Singh

मैं बनासर बाग बारांदरी में

Photo of Banasar Bagh by Dr. Yadwinder Singh

Further Reads