क्यूँ ना हम आपको एक ऐसे खूबसूरत मन्दिर के बारे में बताएँ जो चमत्कारी तो है ही अपितु अपनी खूबसूरती और ऊंचाई के कारण भी प्रसिद्ध है। देवभूमि के कई मंदिर आज भी कई रहस्यों से भरे पड़े हैं। इन मंदिरों से जुड़ी देव आस्था की बातें हर किसी को हैरान कर देती हैं। हालांकि, इसके वैज्ञानिक पहलू भी हैं लेकिन देव आस्था इन वैज्ञानिक पहलुओं पर हावी रहती है। तो चलिए आपको ले चलते हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी की ऊँची खूबसूरत पहाडियों में बने प्राचीन शिकारी माता के मन्दिर।
शिकारी माता का यह मंदिर ग्यारह हजार फीट ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी पर है। इस पहाड़ी पर स्थित मंदिर से शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पिति की पर्वत मालाएं नजर आती हैं। रास्ते में एकांत वातावरण और देवदार के जंगल मन को बरबस मोह लेते हैं। इस स्थान पर मई से सितंबर के बीच जाना उचित नहीं रहता है क्योंकि इन महीनों यह क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है।
मान्यता है कि यहां पर आने वाले हर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। माता का यह स्थान सराज क्षेत्र में ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मां शिकारी मंदिर के पुजारी काहन सिंह ने कहा कि मूर्तियों पर बर्फ नहीं जमती। इसे दैवीय चमत्कार के रूप में देखा जाता है। नवरात्रों में यहां पर विशेष मेले लगते हैं।
शिकारी माता का यह मंदिर मंडी में एकमात्र एक ऐसा मंदिर है, जिसकी छत नहीं है। यहां पर देवी खुले आसमान के नीचे प्रतिष्ठित है। मंदिर में केवल दीवारों पर ही मूर्तियां स्थापित हैं। ऐसी मान्यता है कि देव छत डालकर मंदिर के भीतर रहना पसंद नहीं करतीं। देव आस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि कई बार मंदिर में छत डालने की कोशिश की गई लेकिन माता के अनुसार आज्ञा नहीं दी गई है।
मान्यता है कि मार्कंडेय ऋषि ने यहां सालों तक तपस्या की थी और उनकी तपस्या से खुश होकर यहां मां दुर्गा शक्ति रूप में स्थापित हुईं। कुछ समय के बाद पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान मंदिर का निर्माण किया। पांडवों ने यहां तपस्या कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया और पांडवों को कौरवों के खिलाफ युद्ध में जीत का आशीर्वाद दिया।
शिकारी देवी मंदिर जंजैहली से लगभग 18 किलोमीटर दूर है और वन का क्षेत्र सड़क से जुड़ा हुआ है। यह 3359 एमआरटी की ऊंचाई पर स्थित है। शिकारी शिखर के रास्ते पर घने जंगलों अद्भुत हैं। मंडी जिले का सर्वोच्च शिखर होने के नाते इसे मंडी का क्राउन भी कहा जाता है। विशाल हरे चरागाह, मनोरंजक सूर्योदय और सूर्यास्त, बर्फ सीमाओं के मनोरम दृश्य इस जगह को प्रकृति प्रेमियों के लिए पसंदीदा बनाते हैं। सर्दियों के दौरान इस जगह बहुत बर्फ होती है। इस प्राकृतिक खूबसूरती को नजदीकी से निहारने के लिए आपका आना तो बनता है आइए और एंजॉय कीजिए अपने इस कोम्बो ट्रिप प्लान का।
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जय भारत