भारत का सबसे ऊंचा मीनार - फतेह बुरज जो कुतुब मीनार से भी ऊंचा हैं।

Tripoto
9th Feb 2020
Day 1

#फतेह_बुरज_चपड़चिड़ी
#जिला_मोहाली
#पंजाब_टूरिज्म

दोस्तों पंजाब टूरिज्म  की पोस्ट में आपका सवागत हैं, आज इस पोस्ट में फिर आपको पंजाब की एक ईतिहासिक जगह की जानकारी दूँगा, जिसका नाम है फतेह बुरज चपड़चिड़ी जो चंडीगढ़ मोहाली और खरड़ के बिल्कुल पास हैं। चपड़चिड़ी एक गांव का नाम है जहां लड़ाई हुई थी।  फतेह बुरज भारत की सबसे ऊँची मीनार हैं जो अब कुतब मीनार से भी ऊँची हैं, फतेह बुरज की ऊँचाई 100 मीटर ( 328 फीट) हैं और कुतब मीनार दिल्ली की 73 मीटर (240 फीट ) हैं। पंजाब में दिल्ली-अमृतसर जीटी रोड़ पर एक पुराना शहर हैं सरहिंद 1704 ईसवी में सरहिंद का सूबेदार था वजीर खान जो बहुत जालिम और क्रूर था, इस दुष्ट ने 1704 ईसवी में गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिजादे बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह को दीवारों में चिनवा कर शहीद कर दिया था, बाबा बंदा सिंह बहादुर ने चपड़चिड़ी की लड़ाई में इस पापी वजीर खान को मार कर साहिबजादों की शहीदी का बदला लिया और सरहिंद पर फतेह प्राप्त की थी।
#चपड़चिड़ी_की_लडा़ई
यह ईतिहासिक लडा़ई 12 मई 1710 ईसवी में सरहिंद से 20 किमी दूर मोहाली शहर के बाहर चपड़चिड़ी में हुई थी, सरहिंद के सूबेदार वजीर खान के पास हाथी और तोपों के साथ बहुत बड़ी सेना थी लेकिन फिर भी बाबा बंदा सिंह बहादुर के सामने टिक न सके, इस लडा़ई में सरहिंद का सूबेदार वजीर खान मारा गया और सरहिंद पर सिखों ने फतेह प्राप्त कर ली। पंजाब सरकार ने चपड़चिड़ी में बहुत शानदार बुरज बनाया हैं जो 100 मीटर (328 फीट) ऊँचा हैं, यह बुरज तीन मंजिला बना हुआ हैं जो बाबा बंदा सिंह बहादुर की तीन ईतिहासिक जीतों को समर्पित हैं, पहली मंजिल समाना की जीत को प्रदशित करती हैं जो 67 फीट की ऊंचाई पर बनी हैं, समाना भी पटियाला जिला का एक पुराना शहर हैं , गुरू तेग बहादुर जी को शहीद करने वाले जल्लाद समाना शहर के रहने वाले थे, बाबा बंदा सिंह बहादुर ने समाने को भी जीता । फतेह बुरज की दूसरी मंजिल सढौरा की जीत को समर्पित हैं जो 117 फीट की ऊंचाई पर बनी हैं, सढौरा हरियाणा के यमुनानगर जिले का एक कसबा हैं, जहां पीर बुधू शाह रहते थे जो गुरु गोबिंद सिंह जी का बहुत आदर करते थे, पीर जी को गुरू गोबिंद सिंह की मदद करने की वजह से सढौरा के फौजदार ने शहीद कर दिया था, इस लिए बाबा बंदा सिंह बहादुर ने सढौरा पर हमला किया और इसे भी जीता। तीसरी मंजिल सरहिंद की जीत को समर्पित है जिसके बारे में मैं ऊपर लिख चुका हूँ, तीसरी मंजिल की ऊंचाई 220 फीट हैं।
फतेह बुरज इन तीनों ईतिहासिक लड़ाईयों की जीत को समर्पित हैं,इसके ऊपर एक खंडा बना हुआ हैं। इस समारक में बाबा बंदा सिंह बहादुर और उनके 5 जरनैल बाबा आली सिंह, बाबा माली सिंह, बाबा फतेह सिंह, बाबा राम सिंह, बाबा बाज सिंह के बुत लगाए हुए हैं, एक खूबसूरत पार्क भी बना हुआ हैं, सुंदर मयूजियम भी, आप कभी भी चंडीगढ़ आओ तो फतेह बुरज चपड़चिड़ी को जरूर देखना जो हमारे गौरवशाली ईतिहास को दिखाती हैं।
धन्यवाद 🙏

फतेहबुरज का शानदार दृश्य

Photo of Fateh Burj by Dr. Yadwinder Singh

फतेह बुरज का ईतिहास पंजाबी में

Photo of Fateh Burj by Dr. Yadwinder Singh

फतेह बुरज की एक और खूबसूरत फोटो

Photo of Fateh Burj by Dr. Yadwinder Singh

बाबा बंदा सिंह बहादुर का बुत

Photo of Fateh Burj by Dr. Yadwinder Singh

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