#गुरुद्वारा_डेरा_बाबा_नानक
#जिला_गुरदासपुर
#पंजाब_टूरिज्म
नमस्कार दोस्तों🙏🙏🙏
दोस्तों पंजाब टूरिज्म की पोस्ट में आपका सवागत हैं, आज हम इस खास पोस्ट में पंजाब के गुरदासपुर जिला में गुरू नानक देव जी से संबंधित ईतिहासिक गुरूद्वारा डेरा बाबा नानक की बात करेंगे। यह ईतिहासिक कसबा रावी नदी के पास भारत-पाकिस्तान बारडर पर हैं। मुझे भी दो तीन बार इस ईतिहासिक गुरूद्वारा साहिब के दर्शन करने का सौभाग्य मिला हैं।
#गुरूद्वारा_डेरा_बाबा_नानक
दोस्तों गुरू नानक देव जी 22 सितंबर 1539 ईसवी को करतारपुर साहिब (पाकिस्तान ) में जयोति जोत समा गए, गुरु जी की याद में उनके पूत्र बाबा श्री चंद्र जी ने गुरू जी के नाम पर डेरा बाबा नानक कसबा बसाया, आज भी इस शहर की गलियों में गुरू नानक देव जी के वंश की पीढियों से संबंधित परिवार आज भी यहां रहते हैं। जिस जगह पर दरबार साहिब डेरा बाबा नानक बना हुआ हैं, वहां एक कुयां हुआ करता था, जहां गुरु नानक देव जी अपने परम सेवक अजित रंधावा से मिलने आया करते थे। इस जगह पर पंचम गुरू अर्जुन देव जी भी आए है। इसी शहर में गुरु नानक देव जी का एक चोला भी पड़ा हुआ हैं जो गुरू जी को बगदाद यात्रा के समय वहां के काजियों ने भेंट किया था, ऐसे ईतिहासिक सथल की यात्रा से जीवन सफल हो जाता हैं।
दोस्तों करतारपुर कोरिडोर का रास्ता भी डेरा बाबा नानक से ही शुरू होता हैं। डेरा बाबा नानक के दर्शन करके हम भारत-पाकिस्तान बारडर पर गए, रावी नदी दोनों देशों की सरहद बनाती हैं, बरसात में यह नदी भारी तबाही मचाती हैं, इसलिए मिट्टी का बांध बनाया हुआ हैं, बारडर के पास, सारा प्रबंधन B.S.F के पास है, हम 2014 ईसवीं में यहां गए थे, जब हमारी गाड़ी वहां पहुंची तो हमारा नाम पता, गाड़ी नंबर नोट करके हमें आगे जाने दिया। आरमी की कंटीन में हमें चाय पी, एक ऊंचे वियू टावर पर चढ़ कर एक दूरबीन से गुरू द्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान के दर्शन किए, मन बहुत खुश हुआ, चाहे दूर से ही सही लेकिन गुरू घर के दर्शन हो गए। फिर हम वापिस घर की ओर चल पड़े।
अब तो करतारपुर कारिडोर बन गया, जब वाहेगुरु चाहेगा, करतारपुर साहिब की यात्रा भी करने की इच्छा है
कैसे पहुंचे- डेरा बाबा नानक गुरदासपुर से 35 किमी, अमृतसर से 55 किमी, मेरे घर से 180 किमी और चंडीगढ़ से 260 किमी दूर है। बस मार्ग से सारे पंजाब से जुड़ा हुआ है। रेल भी जाती हैं अमृतसर से। रहने के लिए गुरूदारा में कमरे भी बने हुए हैं। जब अमृतसर जाए तो एक दिन डेरा बाबा नानक का भी रख ले।
धन्यवाद