#रानी_की_वाव
#गुजरात_की_शानदार_कलाकारी
दोस्तों वैसे तो मुझे इस ईतिहासिक जगह के बारे में थोड़ा पता था, लेकिन जबसे भारत सरकार ने इस जगह को 100 रूपये के नये नीले रंग के नोट पर छपवा दिया तो मेरी इच्छा और प्रबल हो गई रानी की वाव को देखने के लिए जो विश्व विरासत सथल भी हैं। मेरी यह इच्छा पूरी हुई सितंबर 2019 में, जब घर से राजकोट आना हुआ, कोटकपूरा से रेलगाड़ी से बठिंडा, बीकानेर, जोधपुर, आबू रोड़, पालनपुर होता हुआ मैं गुजरात के सिद्ध पुर सटेशन पर उतर गया, वहां से बस लेकर गुजरात की पुरानी राजधानी पाटन पहुंच गया। वहां से थोड़ी दूर ही रानी की वाव हैं जहां एक आटो पकड़ कर मैं पहुंच गया।
#रानी की वाव
वाव कुएँ को कहते हैं और इस वाव को रानी उदयमति ने अपने पति सोलंकी वंश के राजा भीमदेव 1 की याद में बनाया। यह वाव बहुत ही खूबसूरत बनाया हुआ है, सीढियों से उतर कर नीचे तक जाया जा सकता हैं, यह वाव लोगों को पानी सपलाई करने के लिए बनाया गया। यह वाव 27 मीटर गहरा हैं, लगभग 500 के करीब कलाकृतियों से भरा पड़ा हैं जो पत्थर पर नककाशी करके बनाई हुई हैं, जिसमें विष्णु जी के 10 अवतारों, नाग कन्या, योगिनी, अपसरा सोला शिगार करती हुई बनी हुई हैं। दोस्तों मैंने यहां 150 रूपये में एक गाईड ले लिया जिसने मुझे यह सब बताया और दिखाया। इस जगह को घूमकर मुझे बहुत आनंद आया, हमारा भारत म इतनी खूबसूरत धरोहरों से भरा पड़ा हैं, जरूरत हैं वहां जाकर इनको देखने की, ईतिहास को महसूस करने की।
कैसे पहुंचे- रानी की वाव अहमदाबाद से 125 किमी दूर 2.5 घंटे में पहुंच सकते हैं, मेहसाणा से 65 किमी, सिद्ध पुर 34 किमी हैं जो पाटन के बहुत पास का रेलवे सटेशन हैं यहां से बस से पाटन जा सकते हो। पाटन में रहने के लिए बहुत सारे होटल हैं।
जब भी गुजरात जाए तो इस ईतिहासिक धरोहर को जरुर देखें।