घूमना किसको नही पसंद है?
कौन घूमना नही चाहता, सबको पसंद है।
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इसी तर्ज पर हम अपनी पहली यात्रा प्रारंभ कि...
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हमारी यात्रा की शुरुआत इलाहाबाद (प्रयागराज) यानी संगम नगरी से होती है, जहां हम और हमारे प्रिय मित्रगण के साथ एक सुनहरे सफर को निकल चले।
वैसे तो डेस्टिनेशन मसूरी जाने का था सिर्फ , क्योंकि हम लोग सिविल सर्विस की तैयारी करते थे।
इसी चलते लबासना (LABASNA) को देखने की चाहत सफर का हमसफर हो चले
स्टार्ट होती है संगम नगरी से शाम 5.30pm संगम एक्सप्रेस से, रात सारी और अगला दिन भी सफर में ही कट गया फिर अखिरकार लगभग 24 hrs में देहरादून पहुंच ही गए जनरल बोगी का एंजॉय करते.....
जीवन का पहला सफर था न ज्यादा कुछ मालूम था और न अनुभव, कि कहां रुका जाए और कहा खाया जाए हम लोग ऑनलाइन प्लेटफार्म का प्रयोग करना शुरू करदिया तभी ...
एक टैक्सी वाले भईया पूंछे कहा जाना है ?
तब हम लोग बोले कहीं नही........
ये शब्द अजीब है न..।
हमको पता भी नही लेकिन फिर ऐसे जता रहे थे मानो सब कुछ ज्ञात हो.....
फिर टैक्सी ड्राइवर हमारे चेहरे की परेशानी को देख कर बोला रूम चाइए क्या....
तब मित्र बोला.... हां रूम चाइए
तब हम लोग उसके टैक्सी मे बैठ गए और उसने कई होटल दिखाए उन्ही होटलों में से एक होटल लिया जो आखिर कार बहुत महंगा था हम लोगो के लिए, थके हारे होने के कारण लेना पड़ा और ड्राइवर भईया भी बहुत ज्यादा प्रेरित कर रहे थे
उस शाम को होटल चेक इन होने के बाद हम लोग फ्रेश होकर पेट पूजा के निकल पड़े और पेट पूजन होने के बाद देहरादून मे मेला आयोजित था तो वहां घूमे और अनेक हस्तशिल्प की वस्तुएं ज्यादातर मौजूद थी जो बहुत सुंदर और बारीक तरीके तरह से बने थे
फिर हमरा वहां से वापस रूम आना सो जाना,,,,,
अगला दिन हमारे लिए बहुत excited था
morning 🌄
दिन की शुरुआत देहरादून की वादियों के दृश्य को देख कर होती है गर्मी के दिन था लेकिन शीतल पवन चल रही थी पवन हमारे मन को छूती हुई गुजर रही थी और मन प्रफुल्लित हो रहा था.........
अब सफर स्टार्ट होता है फ्रेस होकर रिफ्रेशमेंट होकर सफर को निकल चले.....
अब हम लोग टैक्सी के बजाए बस पकड़ी और मसूरी को निकल पड़े...
मसूरी बस की टिकट लेना मानो राशन की लाइन में खड़े हो
जैसे तैसे टिकट लिए और निकल लिए मसूरी को.......
देहरादून से मसूरी जाना कोई दूर नही था लेकिन मोददार रोड ने हमारी हालात बिगाड़ दिया मसूरी पहुंचते पहुंचते खस्ता हालत हो गईं......
जैसे तैसे आखिरकार पहुंच गए.............
मसूरी पहुंचते ही बहुत सुकून मिला राहत की सांस लेते हुए वादियों में डूब जाने का मन हुआ वक्त को देखते हुए
मसूरी के दृश्य का आनंद लिया और फिर कैंप्टी फॉल के बस बुक करके निकल पड़े
फिर शाम को रिटर्न किया मसूरी को।