राम घाट, उज्जैन अपने कुंभमेला के लिए प्रसिद्ध है। भारतीय खगोलविदों के अनुसार, कर्क रेखा उज्जैन के सुरम्य शहर से होकर गुजरती है। ऐतिहासिक उज्जैन मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में मध्य भारत का एक प्राचीन शहर है। यह शहर क्षिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। उज्जैन अपने विभिन्न पर्यटक आकर्षण स्थलों के लिए भी जाना जाता है, जिनमें राम घाट, मध्य प्रदेश उज्जैन में सबसे पुराना स्नान घाट है और जब तक कुंभ मेला आयोजित किया गया है तब तक इसका उपयोग उस उद्देश्य के लिए किया जाता है।
रामघाट उज्जैन शहर का प्रमुख धार्मिक स्थल है। रामघाट उज्जैन शहर में महाकाल मंदिर से करीब 1 किलोमीटर दूर होगा। यह घाट बहुत सुंदर है। यह घाट शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। इस घाट के किनारे बहुत सारे प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है। यहां पर, जो भी लोग आते हैं। वह शिप्रा नदी में स्नान जरूर करते हैं। यहां पर बहुत सारे लोग मछलियों को दाना डालते हैं। यहां पर बोटिंग का मजा लेते हैं। घाट के किनारे गुरु नानक साहब जी का गुरुद्वारा भी देखने के लिए मिलता है। यह गुरुद्वारा रामघाट के दूसरे तरफ है। घाट के दूसरे तरफ जाने के लिए पुल बना हुआ है, जिससे आप आसानी से जा सकते हैं और दूसरी तरफ में घाट में भी घूम सकते हैं।
में शाम के वक्त वह पोहच गयी। मुझे घाट की आरती में सहभागी होना था। यहां पर बहुत सारे लोग नहा रहे थे और बहुत सारे लोग पूजा कर रहे थे। रामघाट में बहुत सारी पूजा होती है। यहां पर बहुत शांति मिलती है। ऐसा लग रहा था कि, हम लोग यहीं बैठे रहे। 7 बजे आरती चालू हुयी और वो मेरे हात में भी आई। राम घाट में आरती मिलना इससे और बढ़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आरती को संपन्न करके कुछ देर हम बैठे रहे। सुकून था। फिर वह से निकल रहे थे तभी वह के एक पंडित जी ने हमे शिवलिंग के ऊपर से निकालके रंग लगाया। और आशीर्वाद दिया। और मेरी होली और निखरगयीं। महाकाल का आशीर्वाद रंगों के रूप में बरस रहा था।
उज्जैन में हर 12 साल में कुंभमेला का आयोजन होता है। कुंभ उत्सव के संबंध में राम घाट, उज्जैन सबसे प्राचीन स्नान घाट है। कुंभमेला के दौरान दुनिया के कोने-कोने से और पूरे भारत से लाखों योग्यता-प्राप्तकर्ता शहर में आते हैं। ये योग्यता-साधक भारत में उज्जैन में राम घाट पर योग्यता प्राप्त करने के लिए स्नान करते हैं। साल भर स्नान चलता रहता है। आपको नदी में कछुआ भी मिल जाएगा। उज्जैन का रामघाट में बहुत सारे शिव मंदिर देखने के लिए मिलते हैं। यहां पर छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं, जहां पर शिवलिंग विराजमान है।
रामघाट के किनारे पिशाचमुक्तेश्वर महादेव मंदिर भी स्थित है। पिशाचमुक्तेश्वर महादेव मंदिर 84 महादेव मंदिरों में से एक है। इस महादेव मंदिर का अपना महत्व है। इस महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है, कि यह रामघाट का सबसे प्राचीन मंदिर है और इस घाट में भगवान श्री रामचंद्र जी ने माता सीता जी के साथ शिप्रा नदी में स्नान करके महादेव जी का पूजन किया था। पिशाचमुक्तेश्वर शिवलिंग के दर्शन एवं जल चढ़ाने से, जो भी प्राणी रहता है। वह प्रेत योनि व अधोगति से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है। यह मंदिर रामघाट में शिप्रा नदी के किनारे ही बना हुआ है। यह प्राचीन मंदिर है। गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है और गर्भगृह के बाहर मंडप में नंदी भगवान जी विराजमान है। श्री राम जी ने राम घाट के किनारे भगवान शिव की पूजा करी थी। इसलिए इस घाट को रामघाट के नाम से जाना जाता है।
उज्जैन जंक्शन से 3 किमी की दूरी पर, राम घाट या राम मंदिर घाट मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर एक स्नान घाट है। यह उज्जैन के प्रसिद्ध घाटों में से एक है, और आपके उज्जैन दर्शन के दौरान अवश्य देखे जाने वाले स्थानों में से एक है।
राम घाट हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व का है क्योंकि यह उन चार स्थानों में से एक है जहां हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने राम घाट पर अमृत की कुछ बूंदें डालीं। इसे कुंभ समारोह के संबंध में सबसे पुराने स्नान घाटों में से एक माना जाता है। दुनिया में सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक के रूप में माना जाता है, कुंभ मेला हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच बहुत महत्व रखता है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि लगभग 2 करोड़ लोग मेले में शामिल होते हैं।
शाम की क्षिप्रा आरती राम घाट पर सबसे अच्छे आकर्षणों में से एक है। घाट पर स्थित मंदिरों की एक विस्तृत श्रृंखला है, जिनमें से चित्रगुप्त का मंदिर सबसे अधिक पूजनीय है। राम मंदिर घाट से सूर्यास्त देखना आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले सबसे आकर्षक दृश्यों में से एक है।
रामघाट आप घूमने के लिए आते हैं, तो रामघाट के दूसरे तरफ गुरुनानक जी के गुरुद्वारा घूमने जा सकते है। यह गुरुद्वारा प्राचीन है और बहुत फेमस है। आपके पास समय रहता है, तो इस गुरुद्वारे में आप जरूर घूमने जाएं। रामघाट के दूसरे तरफ भूखी माता का मंदिर है। भूखी माता मंदिर में जाने के लिए पुल बना हुआ है। आप पुल से रामघाट के दूसरे तरफ जाकर इस मंदिर में भी घूम सकते हैं। हम लोग इस मंदिर में नहीं गए थे। मगर आप इस मंदिर में जाकर माता के दर्शन कर सकते हैं। भूखी माता मंदिर में बहुत सुंदर मंदिर है और प्राचीन मंदिर है। रामघाट में सभी लोग नहाते हैं और यहां पर घाट में गहराई में जाने की मनाही है। घाट के किनारे ही लोग नहा सकते हैं, क्योंकि पानी गहरा है और डूबने की संभावना रहती है। इसलिए किनारे नहाने के लिए कहा जाता है।
समय: 24 घंटे
प्रवेश शुल्क
राम घाट कहां पर है -
रामघाट उज्जैन का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। रामघाट उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे बना हुआ है। रामघाट महाकाल मंदिर से 1 किलोमीटर दूर है। रामघाट में कार और बाइक से पहुंचा जा सकता है। यहां पर बाइक और कार को खड़े करने की अच्छी जगह है।
उज्जैन रेल और सड़क मार्ग से काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उज्जैन को भारत के अन्य शहरों से जोड़ने वाली प्रमुख सड़कें इंदौर रोड, देवास रोड, मक्सी रोड, बड़नगर रोड और आगर रोड हैं। उज्जैन के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों में उज्जैन सिटी जंक्शन, विक्रम नगर और चिंतामन (मीटर गेज) शामिल हैं।