बनारस घाटो और अपनी गलियों के लिए तो जान ही जाता है इसके साथ साथ बनारस में मिलने वाला नास्ता और खाने के लिए भी जाना जाता है बनारस बाबा विश्वनाथ की नगरी है जो कि बहुत ही प्राचीन भी है बनारस जो भी जाता है वही का हो कर रह जाता है बनारस की शाम और घाटो पर घूमने का आनंद ही कुछ और है हम आज आपको बताएंगे काशी के कुछ दुकान और वहा पर मिलने वाले पकवान के बारे में जो आपको को काशी का दीवाना बना देंगे
कचौड़ी और जलेबी
अगर आप काशी जाए और वहाँ पर सुबह कचौडी और जलेबी ना खाये तो आपका वहां जाना अधूरा है वैसे तो आपको सुबह 6 बजे से ही सभी गलियों में कचौड़ी और जलेबी की दुकान मिल जाएगी जिनपर भीड़ भी लगी रहती है
लंका पर चाची की दुकान
कद्दू की सब्जी-पूड़ी और साथ में गरमागरम जलेबी बनारस की पहचान है. लंका पर स्थित ‘चाची की दुकान’ पूड़ी-सब्जी के लिए मशहूर है. इसका स्वाद चखने के लिए लोग सुबह से ही लाइन लगा कर खड़े हो जाते है अगर आप काशी जाए तो एक बार यहाँ पर जरूर जाए और पूड़ी सब्जी और जलेबी जरूर ट्राय करे
चौक की कचौड़ी गली
बनारस में लोगो को कचौड़ी का नास्ता इतना ज्यादा पसंद है कि वहाँ पर एक गली का नाम ही इसे दे दिया गया है उस तांग गलियारे में आपको बहुत सी दुकान कचौड़ी की मिल जाएंगी
कचौड़ी की. ठठेरी बाजार में राज बंधु विश्वेश्वरगंज में विश्वनाथ साव और लंका वाली मरहूम चाची(चचिया) के साथ-साथ राम भंडार परिवार के ही सदस्यों की नदेसर और महमूरगंज के सोनू की दुकान की खर कचौड़ी और तर जलेबी प्रसिद्ध हैं.
बनारसी पान :-
बनारसी पान का नाम तो सबने सुना ही होगा बनारस का पान इतना ज्यादा फेमस है की इसपे तो गाना भी है खइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अकल का ताला। जी हां यह बनारसी पान देश दुनिया के जुबान को लाल करने को बेताब है। फिर वह चाहे सुरती वाला हो या मीठा या सादा। सबके जायके के अपने चाहने वाले लोग हैं।
चाय:-
मोहल्ला अस्सी में पप्पूी के इस चाय की अड़ी को सही मायने में मनोज के पिता पप्पू भइया के तौर पर पहचाना जाता है। फिल्म मोहल्ला अस्सी के किरदार आज भी यहां चाय की चुस्की लेते नजर आते हैं। अनूठी चाय के लाजवाब स्वाद और ताजगी का राज और इसे तैयार करने की विधि और पेश करने का खास अंदाज है। बनाने का तरीका और धीमी आंच पर जयका जुबान पर ऐसा चढता है मानो चाय का पूरा बागान ही कुल्ह ड में उमड पडने को बेताब है। खास तो सभी चाय की अडियां हैं मगर कुल्हरड की चाय के लिए चौबीसों घंटों आबाद रहने वाली चाय की अडियों की अपनी अपनी नायाब कहानी है।
लौंग लाता :-
ये बनारस की ऐसी डिश है, जो लगभग हर दुकान पर मिलती है। मैदे को गूंथकर उसे रोटी की तरह बेल लेते हैं। फिर इसमें खोया और लौंग डालकर फोल्ड करके घी में डीप फ्राई करते हैं। एक बार जो लौंगलता खा लेता है, वो इसका दीवाना हो जाता है।
टमाटर चाट:-
आप भी सोच रहे होंगे ये क्या है
आपने बाजार में कई तरह की चाट खाई होंगी, लेकिन टमाटर चाट की खासियत ही अलग है। उबले हुए आलू में कई तरह के मसाले मिलाए जाते हैं। इसके बाद उसमें टमाटर का गूदा मिलाकर धीमी आंच पर पकाते हैं। मिट्टी के कुल्हड़ में गार्निश कर गर्मा-गरम सर्व करते हैं। अगर आप बनारस घूमने गए हैं तो टमाटर चाट का स्वाद जरूर चखें। यकीन मानिए, आप इसके स्वाद के दीवाने हो जाएंगे
ठंडाई:-
बनारस की जिक्र करते ही खुद-ब-खुद भांग वाली ठंडाई की तस्वीर सामने आ जाती है। बाबा की नगरी में ठंडाई की भारी डिमांड होती है। देसियों के साथ-साथ विदेशी भी इसके स्वाद का जमकर लुत्फ उठाते हैं।