this is my introduction
मैं U. P गोरखपुर का रहने वाला हूँ
क्या बताऊँ बनारस के बारी में बनारस इश्क है बनारसी पान और काशी विश्वनाथ की घंटियों की आवाज़ ।
आई ए चलते है बनारस के सफर पर।
हमने रात को 11:20 पर गोरखपुर से बनारस के लिए ट्रेन पकड़ी बिना टिकट के हम लोग निकल चुके थे एक अनोखी यात्रा पर दिन ही खराब था T. T ने हमे पकड़ लिया फिर हम लोगों ने कुछ दंड शुल्क भरा उसके दो घंटे के बाद हम लोग बनारस स्टेशन पर पहुँच गये थे ।
फिर हम लोग आटो पकड़ कर अस्सी घाट पर गए मैंने पहली बार गंगा नदी को देखा था।
हम और हमारे साथी लोगो ने गंगा नदी मे स्नान किया
![Photo of आई ए चलते हैं एक अनोखे सफर पर बनारस बोले तो काशी by Harshit Yadav](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2217611/SpotDocument/1647532638_1647532619515.jpg.webp)
![Photo of आई ए चलते हैं एक अनोखे सफर पर बनारस बोले तो काशी by Harshit Yadav](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2217611/SpotDocument/1647535162_1647535126992.jpg.webp)
उस के बाद हम लोग काशी विश्वनाथ मन्दिर का दर्शन करने गए
![Photo of आई ए चलते हैं एक अनोखे सफर पर बनारस बोले तो काशी by Harshit Yadav](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2217611/SpotDocument/1647532927_1647532907597.jpg.webp)
दर्शन करने के बाद हम लोगो को भूख लग गई थी फिर हम लोगोँ ने बनारसी कचोरी और जलेबी खाई उसके बाद हम लोग निकल चुके थे बनारस को देखने के लिए।
तकरीबन 3 घंटे घूमने के बाद हम लोग काफी तक चुके थे
हम लोगो को आराम करने की जरूरत थी आराम करने के लिये ।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पार्क मे गए वहां पर 2 घंटे आराम करने के बाद हम लोग गंगा आरती देखने के लिए वापस आ गए आरती देखने के बाद हम लोग वापस स्टेशन पर चले गए ।
ये थी मेरी पहली यात्रा