किसी भी कार्य के पूर्ण होने में भगवान का रोल बहुत बड़ा है। मैं बहुत समय से तिरुपति बालाजी जाने की योजना बनाती थी परन्तु यह प्लान बनता था पर पूर्ण नहीं हो पाता था।कहते हैं ना कि जब तक बालाजी का बुलावा नहीं आता तब तक दर्शन संभव नहीं हैं। यही कारण रहा और चाह कर भी नहीं जा पाई।ऑन लाइन दर्शन के सम्राट पहले से ही बुक थे ।बिना टिकट बुकिग तो सम्भावना कम ही रहती है। मैं तो चमत्कार ही मानूंगी कि एकाएक प्रोग्राम बना और निकल गई दर्शन की ओर।मन में यही विचार आ रहा था कि कैसे भी हो पर दर्शन अवश्य हो। जब तिरुपति पहुँच कर पता चला कि स्पेशल दर्शन के लिए ऑन लाइन बुकिंग का प्रावधान है। दर्शनार्थियों की लाइन देख कर लग रहा था कि क्या दर्शन सम्भव हैं। फिर भी मन ने हार नहीं मानी और निकल गई तिरूमाला की ओर।सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए आगे की तरफ़ बढ़े चले जा रहे थे। रास्ते के विहंगम दृश्य को मानसून पटल में भर कर बढते गये।चारों तरफ़ घना जंगल दिखाई दे रहा था । 22 किलोमीटर का रास्ता कैसे तय हो गया पता ही नहीं चला।तिरूमाला पहाड़ी बसा हुआ नगर के समान है। चारों तरफ बालाजी की महिमा है। इस भूमि को बारबार प्रणाम करने को जी चाह रहा था। काफी प्रयास के बाद हमें एक लिंक मिला और हमें आशा लगी कि ह9म उन भाग्यशालियो में से हैं जो बालाजी के दर्शन पाने के हकदार हैं। हमें प्रातः 5_15का समय मिला और हम गन्तव्य की ओर चल पड़े। सुबह का समय और बालाजी के दर्शन और क्या चाहिए मानव जीवन में।
बालाजी मन्दिर का विशाल प्रांगण व सिस्टेमिटिकली किए जा रहे सारे कार्य ।हर ओर कार्यकर्ता एवम् भक्त गण अपना अपना कार्य करने में व्यस्त हैं।
एक तरफ़ पोगल का प्रसाद तो कुछ दूरी पर लड्डू काउन्टर।
थोडी थोडी दूरी पर बालाजी के सेवक सहायता के लिए उपलब्ध हैं।
आवश्यक सूचना_मन्दिर में मोबाइल फोन ले जाना अलाउड नहीं है। आप अपना फोन काउन्टर पर जमा करवा सकते हैं ,दर्शन के बाद पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
बालाजी की मूरती के सामने खडे हो कर ऐसा लगता है मानो पुन्य उदय हो गये।
कोलिड के चलते हुए समय समय पर नियमों में बदलाव होता रहता है ।यात्रा प्रारंभ करने से पहले चेक कर लें
SAFE JOURNEY🙏