रीवा में घूमने की जगह
रीवा शहर ब्रिटिश काल के समय विन्ध प्रदेश की राजधानी हुआ करता था लेकिन बाद में मध्यप्रदेश में विन्ध प्रदेश को जोड़ दिया गया अब यह एक जिला है।
टोंस झरना । Tons Waterfall
मध्यप्रदेश का जिला रीवा अपने ऐतिहासिक धरोहर को संभाल कर रखने बाला ये शहर अग्रसर आगे बढ़ बढ़ रहा है और साथ में यहाँ कई ऐसे प्राकृतिक सौंदर्य की बेहतरीन जगह है जहा पर्यटक घूमने का लुप्त उठा सकते है ।
पहाड़ के सतह पर ढ़लानी चट्टानों के टूटने से बनी ये घाटी कई वाटरफाल का निर्माण करती है जिसका यह एक उदाहरण है। कहने को तो रीवा के आस पास कई जलप्रपात है लेकिन उनमे से घूमने के लिए टोंस जलप्रपात सबसे बेहरीन फॉल है । इस झरने को मध्यप्रदेश का ecko tourist park है टोंस जलप्रपात की उचाई कुल 130 मीटर की है तथा ये टमस नदी पर बनता है शैलानियों को घूमने के लिए पर्यटन बिभाग द्वारा निर्मित रास्ता एकदम झरने के बीचो बीच निकलता है तथा ट्रैकिंग सीढ़ियों के दोनों तरफ से गिरता हुआ झरना आने बाले शैलानियों का मन मोह लेता है । यदि आप रीवा से है और घूमने फिरने के शौक़ीन है तो यकीन मनिया आपने इससे अच्छा झरना कही नहीं देखा होगा ।
सेल्फी पॉइंट – झरने के पास कई फोटोग्राफी पॉइंट है जहा से इस झरने का बेहतरीन पिक्चर click कर सकते है ।
धार कुण्डी आश्रम
रीवा से 60 किलोमीटर तथा चित्रकूट धाम से 50 कलोमीटर की दूरी पर विंध्यांचल पर्वत श्रृंखला और सतपुड़ा पठार के बीच स्थित धारकुंडी आश्रम मध्य्प्रदेश के सतना जिले में है यह रीवा शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर सेमरिया रोड पर स्थित है
शांत पहाड़ो गहरी खाई और घनघोर जंगलो को आदि काल से तपस्या और साधना के लिए श्रेष्ठ बताया गया है यहाँ स्वामी सच्चिदा सिंह जी ने अपने गुरु के आदेश पर इस स्थल को साधना के लिए इसे चुना और इसे धार कुण्डी आश्रम का रूप दिया ।
पहाड़ो के बीच से निकलती ये जलधरा आगे बढ़ने पर एक बड़े झरने का निर्माण करती है
धारकुंडी आश्रम में स्वामी सच्चिदान्द धार्मिक स्थान के साथ- साथ प्राकृतिक नैसगिक झरना गुफा और vivew point देखने को मिलता है ।
इस आश्रम में आकर पर्यटकों का जीवन ठहर सा जाता है तथा मन को शांति और सुकून मिलता है और यहाँ के प्राकृतिक सुंदरता का तो कोई जबाब ही नहीं ।
धारकुंडी आश्रम में गुफा से बहता हुआ साफ स्वच्छ पानी पास में ही एक कुंड का निर्माण करता है जहा शैलानी स्नान कर सकते है ।
इस आश्रम के दीवारों पर शैल चित्रों का बड़े खूबसूरत तरीके से वर्णन किया गया है । पहाड़ी खाई में कई ऐसे मंदिर है जह आप दर्शन के साथ साथ प्राकृतिक वतावरण के सौंदर्य दृश्य को देख सकते है ।
ऊचे पहाड़ो से यहाँ का vivew point जहा से nature का खूबसूरत दृश्य दिखाई पड़ता है ।
यदि आप रीवा में बाकई घूमना चाहते है तो एक बार धार कुण्डी आश्रम जरूर घूमने जाये ये इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है जहा सबसे ज्यादा लोग घूमने जाते है ।
यहाँ अतिथियों एवं योगियों के लिए ठहरने तथा खाने लिए निशुल्क व्यवस्था है
नोट -चित्रकूट धाम से धराकुंडी 50 किलोमीटर दूर है
White Tiger Safari मुकुंदपुर
रीवा शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाइगर सफारी मुकुंदपुर नामक स्थान पर पड़ता है रीवा में पर्यटकों का सबसे ज्यादा पसंदीदा घूमने की जगह में से एक है दुनिया में सबसे पहले सफ़ेद शेर रीवा रियाशत के अंतर्गत बांधव गढ़ में पाया था ।
जंगली गलियारों के बीच में शहर के शोर सरबे से दूर एक शानदार प्लेस है जहा आपको सफ़ेद शेर देखने के अलाबा और भी कई अन्य जंगली जानवर घूमते फिरते दिख जायेंगे ।
आपने टाइगर तो देखे होंगे लेकिन White tiger अभी तक नहीं देखे होंगे यदि आप जंगली जानवरो को देखने में रूचि रखते है तो एक बार टाइगर सफारी रीवा जरूर विजिट करे ।
साथ में मुकुंदपुर पहाड़ो से एक बेहतरीन view point देखने को मिलता है
पुरवा फॉल । Purwa Waterfall Rewa
मैहर के कैमोर पर्वत से निकलकर रीवा के पठार में बहती हुयी टमस नदी कई वॉटरफॉल का निर्माण करती है उन्ही में से एक पुरवा फॉल है ।
शहर से 32 किलोमीटर दूर सेमरिया रोड पर स्थित यह प्रकृतिक झरना आपको मंत्र मुघ्ध कर देगा पहाड़ी गलियारों के बीच से बहती नदी पुरवा फॉल जैसे झरने का निर्माण करती है ।
झरने के समीप बहती हुयी ठंडी हवाएं और वॉटरफॉल से उड़ती हुयी पानी की छोटी – छोटी बूंदे जब पर्यटकों को छूती है तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है ।
नदी की तेज बहाव से बहता हुआ पानी झरने के रूप में नीचे गिरता है जो पर्यटक को घूमने का एक शानदार अनुभव दिलाता है ।
पुरवा फॉल में फोटोग्राफी के लिए सेल्फी पॉइंट भी बनाया गहा है जहा से इस फाल की बेहतरीन पिक्चर अपने साथ कैमरे में कैद कर सकते है ।
पुरवा वॉटरफॉल घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर तक का होता है क्योकि इस समय नदियों में पानी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है । इसकी बजह से झरने का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है ।
रानी तालाब (झील) Rani Talab Rewa
शहर के बीचो बीच बना यह ताल इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है रीवा का एक मात्र झील यह रीवा रियाशत की पुरानी धरोहर है आधुनिक युग में निर्मित इस तालाब को यहाँ का झील भी माना जाता है वैसे तो
इसका निर्माण रीवा राजबंशो के समय किया गया था लेकिन आधुनिक युग में शाशन दवरा तालाब का नए तरीके से सौन्दर्यीयकरण किया है तब से यह इस शहर का मुख्य पर्यटन स्थल बन चुका है ।
रानी तालाब में घूमने की जगह
रानी तालाब घूमने आने बाले शैलानी बोटिंग का बखूबी लुप्त उठा सकते है
बहुत कम पैसो में पैडल बोट का मजा ले सकते है
यहाँ घूमने फिरने के लिए फैमिली के साथ जाये क्योकि बच्चो के लिए ये परफेक्ट प्लेस है ।
रानी तलाब के पश्चिमी दिशा में स्थित मंदिर भगवान् हनुमान को समर्पित है यहाँ पर आने पर्यटक मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य जाते है।
तालब में झील के बीच में 400 वर्ष पुराना मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव के द्वारा मंदिर तक जाना होता है ।
cafe area- शैलानियों को समय व्यतीत करने के साथ उन्हें खाने के लिए कैफे एरिया उपलब्ध है जहा बैठकर भोजन या snaks ले सकते है ।
गोविंदगढ़ किला Govindgargh Fort Rewa
रीवा रियाशत में बनबाया गया यह किला बहुत पुराना है इस किले की देख रेख न होने की बजह से अब ये खंडहर में तब्दील हो चुका है परन्तु फिर भी इस किले में पर्यटक पुरानी राजबंश की ऐतिहासिक धरोहर को जान ने के लिए यहाँ आया करते है –
किले के अंदर 400 वर्ष पुराना महामृंत्युजय मंदिर मौजूद है चाहे तो दर्शन के लिए जा सकते है ।
गोविंदगढ़ किला के तीन छोर में झील है जो हर मौसम में पानी से भरा रहता है ।
किला के बाहर एक मछली मार्किट मौजूद है जो यहाँ की सबसे बड़ी नॉनवेज मार्किट है जहा पर रीवा शहर से हर दिन सैकड़ो लोग जाते है ।
बारिश के मौसम में किला के आस पास कई झरने बहते रहते है उस समय यहाँ की प्राकृतिक हरियाली काफी सुकून देह लगती है
Aditya Waterpark Rewa
रीवा का एक मात्र वाटर पार्क जहा छुट्टियों के दिन बहुत ज्यादा लोग घूमने जाते है शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वाटरपार्क बेला नामक स्थान पर पड़ता है ।
दोस्तों के साथ छुट्टिया मानाने के लिए एक शानदार प्लेस है इस वाटरपार्क में पहुंच कर स्वीमिंग का भरपूर लुप्त उठा सकते है ।
क्योटी जलप्रपात । Keonti waterfall
क्योंटी जलप्रपात रीवा सिटी से 43 किलोमीटर की दूरी सिरमौर रोड में स्थित यह वॉटरफॉल यहाँ का सबसे सुन्दर झरना में से एक माना जाता है। तथा यह भारत का 24 व सबसे ऊचा वॉटरफॉल है
रेवा जिला से निकलने बाली कई छोटी -छोटी नदिया आगे जाकर एक बड़े वाटरफाल का निर्माण करती है ।
क्योंटी घूमने का सब से उपयुक्त समय जुलाई से ऑक्टूबर इस मौसम में नदिया उफान पर होती है इसकी बजह से जलप्रपात की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती है ।
वॉटरफॉल के पास मकर संक्रांति के समय 8 दिनों का विशाल मेला लगता है जहा स्थानीय लोग मेले का भरपूर आनंद उठाते है।
बहुती जलप्रपात
ढ़लानी चट्टानों के टूटने से बना यह जलप्रपात केबल रीवा का ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश राज्य का सबसे ऊचा प्रपात है इसकी भूतल से उचाई 198 मीटर है तथा यह सेलार नदी पर बनता है जो की तमसा नदी की सहायक नदी है । बर्षात के समय जब सेलार नदी पानी का उफान लेकर आती है उस मौसम में यह प्राकृतिक झरने का दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है ।
देवतालाब मंदिर । Devtalab Mandir
रीवा शहर से 50 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 7 पर स्थित शिव नगरी यानि देवतालाब यहाँ का सबसे बड़ा धार्मिक स्थान स्थानीय लोगो की ऐसी मान्यता है की
भगवान् शंकर को समर्पित इस मंदिर का निर्माण स्वयं विश्वकर्मा भगवान ने एक रात में किया था। सफ़ेद पत्थरो को काटकर बनाये गए इस
मंदिर के गर्व गृह में भगवान् शिब लिंग की प्रतिमा स्वयं प्रकट होकर देवतालाब में स्थित हुयी थी । शिब मंदिर के अलाबा और कई छोटे- छोटे
मंदिर मौजूद है जिनमे से मुख्य मंदिर शिब मंदिर तथा गौरा पारवती मंदिर है मंदिर के समीप ही एक शिव कुंड है जहा से शिव को जल अर्पित करने के लिए लाया जाता है ।
महाशिवरात्रि के समय देवतालाब में 1 महीने का भव्य मेला लगता है उस समय हजारो श्रद्धालु शिव को जल अर्पित करने लिए जाते है ।
वैसे तो यहाँ हमेशा मेला लगा रहता है लेकिन उस समय मेले की भव्यता देखते बनती है ।
जब आप रीवा घूमने निकले तो तो एक बार देवतालाब मंदिर जरूर घूमे ।
साई मंदिर
शहर के बीच में स्थित मंदिर साई नाथ को समर्पित है इस मंदिर में अपनी श्रद्धा भाव से दिन भर दर्शनार्थी यहाँ आते रहते है । खास तौर पर गुरूवार के दिन अत्यधिक भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते है ।
लक्षमण बाग
रीवा शहर से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन ऐतिहासिक हिन्दू मंदिरो की श्रंखला तथा मंदिर के बगल से बहती हुयी बिछिया नदी यहाँ की सुंदरता का को बड़े ढंग से सजोये हुए ।
जब आप लक्षमण बाग घूमने के लिए जाये तो ध्यान रहे इस जगह पर भारी मात्रा में बंदरो की झुण्ड होती है अगर आपके पास कुछ खाने की वस्तुए है तो उन्हें संभाल कर रखे ।
चचाई जलप्रपात । chachahi waterfall
रीवा शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चचाई वॉटरफॉल भारत का 23 वा सबसे बड़ा प्रपात है इसकी भूतल से उचाई 130 मीटर है।
यह जलप्रपात रीवा की प्रमुख नदी टोंस पर बनता है इसके साथ -साथ झरना पर्यटकों के लिए भी बेहतरीन जगह है यहाँ पर बारिश के मौसम में बहुत ज्यादा मात्रा में पर्यटक टोंस नदी का सौंदर्य दृश्य देखने पहुंचते है ।
मैहर माँ शारदा मंदिर
रीवा से मैहर की दूरी 70 किलोमीटर मीटर हैं