जब भी हम राजस्थान के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में राजा महाराजाओ की पुरानी हवेली वहा का रेत दिमाग में आता है। पर राजस्थान में भी अपना खुद का हिल स्टेशन है , जिसका नाम माउंट आबू है। जो की राजस्थान राज्य के लिए बङे गर्व की बात है। इस शहर का प्राचीन नाम अर्बुदांचल था , इस स्थान पर साक्षात भगवान शिव ने भील दंपत्ति आहुक और आहूजा को दर्शन दिए थे। यहां अरावली पर्वत का सर्वोच्च शिखर जिसका नाम गुरु सिखर इसी स्थान पर है और जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थान तथा राज्य का ग्रीष्मकालीन शैलावास है माउंट आबू मे हिन्दू ओर जैन धर्म के प्रमुख स्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। 1190ई के दौरान आबू का शासन राजा जेतसी परमार भील के हाथो में था , बाद में आबू भीम देव द्वितीय के शासन का क्षेत्र बना। बाद मे सिरोही के महाराजा ने माउंट आबू को राजपुताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया। ब्रिटिश शासन के दौरान माउंट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का पसंदीदा स्थान था। माउंट आबू के वो स्थान जहां आप घूम सकते हैं।
1. दिलवाडा मंदिर- इस मन्दिर की दुरी माउंट आबू से १५ किलोमीटर दूर गुरु शिखर पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के तीर्थंकरो समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियाँ भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इसका निर्माण 1231 ई. में वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाईयों द्वारा बनवाया गया था। यह पाँच मंदिरों का एक समूह है । जिनके नाम विमालवसाहि मन्दिर , लूना वसाही मंदिर , पित्तलहार मन्दिर , श्री पार्श्वनाथ मन्दिर ओर श्री महावीर स्वामी जैन ।
2. सनसेट पॉइंट - सनसेट पॉइंट माउंट आबू मे शाम मे पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है जो नक्की झील के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इस स्थान की पृष्ठभूमि में सुंदर पहाड़ हैं, जो देखने में सुंदर लगते हैं, विशेषत: सूर्यास्त के समय।
3.नक्की झील - नक्की झील भी पर्यटको के लिए अपनी अलग पहचान बनाती है । यह झील माउंट आबू का एक सुंदर पर्यटन स्थल है। मीठे पानी की यह झील , जो राजस्थान की सबसे ऊँची झील हैं सर्दियों में अक्सर जम जाती है। कहा जाता है कि एक हिन्दू देवता ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी। इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून) नाम से जाना जाता है।
4. अर्बुदा देवी मंदिर - यह मन्दिर भारत के 51 शक्तिपीठों मे से एक है । जो हिन्दूओ के पवित्र स्थानो मे से एक है । अर्बुदा देवी मंदिर को अधर देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मंदिर राजस्थान के माउंटआबू से 3 कि.मी. दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है की यहां माना देवी पार्वती के होंठ गिरे थे इसलिए यहां शक्तिपीठ स्थापित हुआ। यहां मां अर्बुदा देवी की पूजा माता कात्यायनी देवी के रुप में की जाती है क्योंकि अर्बुदा देवी मां कात्यायनी का ही स्वरुप कहलाती हैं। यूं तो यहां सालभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रि में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। कहां जाता है की यहां देवी दर्शन मात्र से ही भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
5. रघुनाथ मन्दिर - यह मन्दिर भी माउंट आबू मे पर्यटको के लिए अपनी अलग पहचान बनाता है । श्री रघुनाथ जी मंदिर माउंट आबू का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आकर्षण है जो नक्की झील के किनारे स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में हिंदू पंडित श्री रामानंद ने करवाया था। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में बड़ी संख्या में वे भक्त आते हैं जो हिंदू धर्म के वैष्णव पंथ के अनुयायी हैं।