मल्लिकार्जुन मंदिर ( श्रीशैलम मंदिर)यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग् में से एक है.. यह मंदिरभारत मे आंध्र प्रदेश राज्य में में स्तिथ है.. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है..इस मंदिर में माता पार्वती की मल्लिका के रूप में पूजा जाता है..एवम भगवान शिव को अर्जुन के रूप में पूजा जाता है..यहाँ का मुख्य त्यौहार महाशिवरात्रि है.. इस मंदिर में दर्शन करने से पूर्व सिद्ध गणेश मंदिर के दर्शन करना आवश्यक हैं ऐसी मान्यता है कि गणेश मंदिर के दर्शन के बिना यह यात्रा अधूरी है..मंदिर परिसर 2 हैक्टेयर में फैला हुआ है मंदिर के चार मुख्य द्वार है जो गोपुरम के नाम से जाने जाते हैं मंदिर परिसर में अनेक मंदिर है..मुख्य मंदिर मालिकाजुर्न और भ्रामराम्बा सबसे मुख्य है..मंदिर का मुख पूर्व की ओर हैं..मंदिर परिसर में ही नन्दी की विशाल मूर्ति और कई स्तंभ है..मालिकाजुर्न का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है इसका निर्माण 7वी शताब्दी में किया गया..यह एक सहस्त्र लिंग(1000लिंग)है..मंदिर के रास्ते में शिखरेश्वरम मंदिर स्थित है ऐसा कहा जाता हैं इस मंदिर के दर्शन से पुनर्जन्म नही मिलता है..यहाँ कृष्णा नदी को पाताल गंगा कहा जाता हैं. नदी तक पहुँचने के लिए लगभग 850 सीढिया उतरनी पड़ती है जो कि बहुत कठिन है..इस नदी के जल से भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता हैं..
बारह ज्योतिर्लिंग में गुजरात वेरावल में सोमनाथ,आंध्र प्रदेश में मालिकाजुर्न(श्रीशैलम),मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर,मध्यप्रदेश में ओम्कारेश्वर,उत्तराखंड में केदारनाथ,महाराष्ट्र में भीमाशंकर,उत्तरप्रदेश में काशी विश्वनाथ,महाराष्ट्र में त्रंमकेश्वर,झारखंड में वैधनाथ,गुजरात में नागेश्वर,तमिलनाडु में रामेश्वरम,महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ग्रिशनेश्वर स्तिथ है..
मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर कुरनुल जिला मुख्यालय से लगभग 180 किलोमीटर और हैदराबाद से 213 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
निकटतम रेलवे स्टेशन-मरकापुर
निकटतम हवाईअड्डा-कुरनुल