बरुआसागर झाँसी जिले में स्थित एक नगर पालिका परिषद है यहाँ आपको देखने के लिए बरुआसागर का किला और एक बहुत ही सुन्दर झील और झरना है इनके अलावा यहाँ एक पार्क कम्पनी बाग़ भी है और कई मन्दिर जैसे मंसिल माता मन्दिर वेद मन्दिर आदि और एक मठ जिसका नाम जराय का मठ है जहाँ पर यह झरना और झील है उस स्थान पर कई मन्दिर कई छोटे छोटे कुण्ड भी है अरे हाँ न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर के देशी घी के रसगुल्ले भी लिस्ट में शामिल कर ले |
बरुआसागर कहाँ है ?
आपने हो सकता है बरुआसागर का नाम सुना हो लेकिन आखिर ये है कहाँ पर आइये बताते है देखिये यह स्थल उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में है और मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले का मुख्य पर्यटन स्थल है ओरछा वहां से भी यह पर्यटन स्थल पास में ही है तो आप चाहो तो झाँसी से यहाँ चले जाओ या फिर ओरछा से अगर हम दूरी की बात करे तो झाँसी से बरुआसागर की दूरी लगभग 21 किलोमीटर होगी वही अगर ओरछा से जाओगे तो ओरछा के किले से लगभग 20 किलोमीटर पड़ेगा |
देखा आपने झाँसी और ओरछा दोनों से बरुआसागर की दूरी लगभग बराबर ही है आप चाहे जहाँ से यहाँ जाए मूलतः यह स्थल उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले में ही आता है | अच्छा बरुआसागर झाँसी की एक नगर पालिका परिषद है और यहाँ की मुझे जो बात सबसे बढ़िया लगी बो थी साफ़ सफाई गज़ब की साफ़ सफाई यहाँ पर है |
यहाँ कैसे पहुंचे
अब बात आती है कि यहाँ तक आये कैसे तो सबसे बढ़िया विकल्प यही है की आप कभी भी झाँसी या ओरछा घूमने आये तो यहाँ आराम से घूम सकते है झांसी आने के लिये आपको देश के हर कोने से साधन मिल जायेंगे आप सबसे पहले झाँसी आ जाओ फिर झाँसी से कोई भी ऑटो या गाड़ी बुक कर लो और बड़े आराम से यहाँ आ जाओ यही काम आप ओरछा से भी कर सकते हो ओरछा से भी आप गाड़ी या ऑटो बुक करके यहाँ आसानी से आ सकते हो |परन्तु यदि आपको पब्लिक साधन से आना है तो आपको झाँसी बस स्टैंड से यहाँ तक के लिये बस मिल जाएगी यदि बस नहीं भी मिलती है तो आप टिगेला तक आ जाओ टेम्पो से फिर आपको टिगेला से बरुआसागर बस स्टैंड का टेम्पो मिल जायेगा |अब यदि आप पब्लिक साधन से ओरछा से जाना चाहते हो तो आपको ओरछा से टिगेला के लिए ऑटो टेम्पो मिल जायेगा फिर टिगेला उतरकर आपको के लिए टेम्पो मिल जायेगा पब्लिक साधन से भी आप यहाँ बड़े आराम से पहुँच सकते हो लेकिन बेस्ट रहेगा की आप कोई ऑटो या गाड़ी बुक कर लो वैसे यदि आप अकेले है तो आप पब्लिक साधन से जा सकते है कोई परेशानी नहीं है |
कहा रुके
अगर हम बिलकुल प्रक्टिकली बात करे तो यहाँ आपको रुकने की कोई भी जरूरत नहीं है यह स्थल आप दिन भर में घूमकर वापस झाँसी या ओरछा आ जाओगे आर यही सही भी है तो रुकने का कोई मतलब नहीं है यहाँ पर बस आप कोशिश करो की यहाँ सुबह आ जाओ तो जितना मन हो उतनी देर यहाँ रुको फिर वापस आ जाओ |
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अब बात करते की आखिर बरुआसागर में देखने वाला क्या क्या है तो मोटा-मोटा जान लो यहाँ पर एक झील है झील के पास झरना है फिर एक किला है एक पार्क है बाकी मन्दिर है तो आइये शुरू करते है -
बरुआसागर झील और झरना
देखिये यहाँ आकर आप किसी से भी यहाँ के झरने के बारे में पूछ ले यहाँ का हर व्यक्ति आपको इस झील और झरने तक का रास्ता बता देगा लोकल में लोग इसे झरना बोलते है यहाँ पर जब आप प्रवेश करोगे तो शुरू होंगे मन्दिर आप जब यहाँ आये ही है तो सभी मन्दिरों में दर्शन करते जाए हमको अब जाना है बरुआसागर झील देखने जिसके लिये हमें जीनो के रास्तो से ऊपर जाना होगा और इस रास्ते में कई धार्मिक स्थल पड़ेंगे इस जगह को स्वर्गाश्रम भी कहते है यहाँ पर एक आश्रम बना हुआ है जिसका नाम श्री श्री 108 ब्रम्हलीन स्वामी शरणानन्द सरस्वती महाराज है आप समय निकालकर इस आश्रम को देखे यहाँ पर आपको राधा कृष्ण मन्दिर , वेद मन्दिर आदि मिलेंगे जिनमे आप दर्शन कर ले |
फिर आगे जाकर आपको चार कुंड दिखाई देंगे जिनका अपना अलग-अलग महत्व है आइये अब हम इन सभी कुण्ड का महत्त्व भी समझ ले यहाँ पर जो प्रथम कुण्ड है वो सिर्फ देव पूजन के लिये है मतलब प्रथम कुण्ड का जल आप पूजा-अर्चना के लिए इस्तेमाल कर सकते हो वही दूसरे कुण्ड से आप किसी बर्तन में जल को लेकर कुण्ड से थोड़ी दूरी पर जाकर पी सकते है फिर तृतीय कुण्ड में आप बर्तन से जल लेकर स्नान कर सकते है वही चतुर्थ कुण्ड में आप बर्तन से जल लेकर कपडे धुल सकते हो कौन सा कुण्ड प्रथम है कौन द्रतीय यह जानने के लिए वहां पर लिखा हुआ है |
जहाँ पर ये चारो कुण्ड बने हुये है वहां आप बैठिये काफी अच्छा महसूस होता है एक छोटा सा झरना भी है यही पर अब आप जीने के रास्ते से ऊपर जाये और ऊपर आपको मिलेगा बरुआसागर इसे आप झील बोलो ताल बोलो या फिर बोलो डैम मर्जी आपकी इस झील को जब आप देखोगे मजा ही आ जायगा जहाँ तक नजर जाएगी बस पानी ही पानी दिखाई पड़ेगा बहुत ही सुन्दर झील है यहाँ आप एक अच्छा समय व्यतीत कर सकते हो |
देखिये बरुआसागर एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण 260 साल पहले ओरछा के राजा उदित सिंह जी ने करवाया था यहाँ जो चार कुण्ड बने है वही पर ऋषि श्रृंगारी मंदिर बना हुआ है इस झील के चारो किनारों पर सीढियां बनी है जहां से उतरकर आप बिलकुल झील के समीप जा सकते हो और इन सीढियों पर बैठ सकते हो हालाँकि जब पानी ज्यादा होता है तो ये सारी सीढियां डूब जाती है झील के चारो तरफ तटबंध बनवाये गये है यह स्थल आपको बहुत ही मनमोहक लगेगा |
अब बात करते है बरुआसागर झरने की देखिये यहाँ पर कोई प्राकृतिक झरना नहीं है ये जो झील है झील क्या डैम जब यहाँ पर पानी की मात्रा ज्यादा हो जाती है तब इसका पानी ओवरफ्लो होता है और नीचे आकर झरने में परिवर्तित हो जाता है और जब ऐसा होता है तो नीचे से आपको ये झरने जैसा ही दिखता है और वाकई में तब तो यह बहुत ही खूबसूरत हो जाता है तो आप कभी भी झाँसी या ओरछा तरफ आये यहाँ जरूर आये अच्छा जो बरुआ सागर का झरना है वो बरसात में अपने चरम पे होता है|
Baruasagar Fort बरुआसागर का किला
इस झील के किनारे ही एक किला है हालाँकि इसकी रास्ता आगे से है तो लगभग बरुआसागर झरने से 1 किलोमीटर की दूरी पर किले का प्रवेश मार्ग है यह किला काफी उंचाई पर बना हुआ है इस किले का निर्माण 18वी शताब्दी में हुआ था और इसका निर्माण राजा उदित सिंह जी ने करवाया था यह किला ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है इस किले का निर्माण प्रस्तर और लखोरी ईंटो से किया गया है इस किले के एक तरफ मनोरम बरुआसागर झील है तो वही दूसरी तरफ वन्य क्षेत्र है तो आप इस किले को देख सकते है किले का प्रवेश मार्ग काफी भव्य बना हुआ है यह किला भी अभी अच्छी दशा में है तो आप यहाँ भी जरूर आये |
जराय का मठ
जराय का मठ भी यहाँ का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कि किले से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ये चंदेल काल का मंदिर है जराय का मठ पूर्वमुखी मन्दिर है इस मंदिर को 860 ईसवी में प्रतिहार द्वारा बनवाया गया था फिर बाद में मंदिर के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए थे फिर दुबारा 17वी शताब्दी में जराय के मठ को चंदेल राजाओ ने बनवाया था यह मठ कुछ कुछ खजुराहो के मन्दिर की तरह दिखाई देता है इस मन्दिर की वास्तुकला दीवारों पे की गई नक्खाशी दीवारों पर देवी के बने चित्र अद्भुत है यह मन्दिर प्रतिहार वास्तुकला का एक बेहतरीन उदहारण है जराय का मठ भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है
राजकीय उद्यान कंपनी बाग़
यह एक पार्क है जहाँ आपको हरे भरे पेड़ एक बढ़िया वातारवरण मिल जायेगा यदि आपको प्रकृति से लगाव है शांत जगह पसंद है तो आप थोड़ी देर घूम सकते है कम्पनी बाग़ बरुआसागर किले से थोड़ी दूरी पर स्थित है |
मंसिल माता दरबार
मंसिल माता का मन्दिर एक सिद्धपीठ है और इस मंदिर की यहाँ पर बहुत ही ज्यादा मान्यता है यह मंदिर बरुआसागर बस स्टैंड के समीप ही स्थित है यदि वहां के स्थानीय लोगो की बात माने तो इस मंदिर में बहुत से लोगो की मनोकामनाये पूरी होती है यहाँ पर सोमवार को ज्यादा भीड़ होती है तो जब आप Baruasagar आये ही है तो यहाँ के प्रसिद्द सिद्धपीठ मंसिल माता के मन्दिर में दर्शन अवश्य करे |
ऊपर मैंने आपको कुछ टूरिस्ट पॉइंट बताये इसके अलावा में एक घुघई मठ है जिसे भी चंदेल राजाओ ने बनवाया था हालाँकि यहाँ मै जा नहीं पाया लेकिन यह भी एक बढ़िया जगह है जहाँ आप जा सकते हो तो आपको बरुआसागर में सबसे पहले झरना झील देखनी है फिर कंपनी बाग़ फिर Baruasagar Fort फिर जराय का मठ फिर बस स्टैंड पर आकर मंसिल माता के दर्शन करे ये तो हो गई बात घूमने की इसके बाद यहाँ की एक और बात बड़ी प्रसिद्ध है और वो है एक मिष्ठान भण्डार आइये उसे भी जान लेते है |
न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर
न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर और आसपास के क्षेत्र मतलब बुन्देलखण्ड में काफी ज्यादा फेमस है इस मिष्ठान भण्डार ने अपनी बेहतरीन गुणवत्ता की वजह से इस क्षेत्र में एक अच्छी पकड़ बना ली है सन 1963 में इस मिठाई की दुकान की शुरुआत नाथूराम पाण्डेय जी ने की थी तब यह एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी फिर इन्होने अपनी मेहनत और गुणवत्ता की दम पर आज एक बड़ा मकाम हासिल कर लिया है , न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर का देशी घी में बना रसगुल्ला गज़ब का स्वाद देता है दूर-दूर से लोग यहाँ पर आते है और इस रसगुल्ले का स्वाद लेते है |
न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर स्थित दुकान के बुन्देलखण्ड केशरी रसगुल्ले का साइज़ और वजन दोनों ही काफी बड़े है और रेट 30 रूपये प्रति रसगुल्ला है और यकीन मानिये यदि आपको मीठा पसंद है तो आप पाण्डेय जी का रसगुल्ला बहुत ही पसंद आएगा यहाँ पैकिंग की भी व्यवस्था है आप इनका रसगुल्ला अपने घर भी ले जा सकते हो तो कभी भी इस तरफ आना हो तो न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर का देशी घी में बना रसगुल्ला अवश्य खाये |
दोस्तों हमने आपको ऊपर बरुआसागर झाँसी की जानकारी दी जिसमे हमने आपको घूमने वाली सभी जगहों की जानकारी दी साथ में इस स्थल की एक प्रसिद्ध खाने पीने के ठिये न्यू पाण्डेय मिष्ठान भण्डार बरुआसागर की भी जानकारी दी यदि आपको लेख पसन्द आया हो तो अपने दोस्तों में शेयर करे और कमेन्ट करके बताये भी कैसा लगा आपको यह लेख धन्यवाद |