गोवा और मेरा रिश्ता यूंही कुछ बारा साल पुराना है। २००९ में नौकरी मिलने के बाद प्रशिक्षण हेतु पहली बार मैं हफ्तेभर गोवा रही और घूमी। तभी मेरी और गोवा की पहचान महज उतनी ही थी जितनी बाकी सैलानियोंकी रहती है। पर २०१२ में गोवा में पोस्टिंग के बाद मैने गोवा को काफी नजदीकी से जाना। २०१२ से २०१७ के लंबे समय में मैंने गोवा के चप्पे चप्पे छान मारे। मैं बारी बारी अपने अनुभावोंको ग्रुप में सांझा करती रहूंगी...
पर आज मैं आपको साउथ गोवा के ५ उन बहतरीन बीचेज के बारे में बताऊंगी, जहा आपके ट्रैवल एजेंट आपको नही लेके जायेंगे या फिर किसी टूर पैकेज में उनका जिक्र नही होगा। पर अगर आप ने ये नही देखे तो कुछ भी नही देखा। तो चलिए गोवा की सैर पर निकल पड़ते है.....
१. पाटनेम बीच
गोवा की कानकोन क्षेत्र में पड़नेवाला यह बीच भलेही लंबाई में छोटा हो, पर यह बीच आपको देश में रहते विदेश का अनुभव जरूर देता है। यहां लोगोंकी भीड़ नॉर्थ गोवा से तुलना करो तो काफी कम है। उसमे भी आपको यहां भारतीयोसे ज्यादा विदेशी यात्री ही दिखेंगे। नीलमणि से चमकते पानी के सामने, सुनहरी घास से लिपटी अंब्रेला के नीचे लेटे हुए, सीफूड के साथ मॉकटेल का लुफ्त उठानेका आनंद ही कुछ और है। बीच पे बनी वुडन कॉटेजेस बहुत ही क्यूट लगती है। यहां वाटर स्पोर्ट्स वगैरा नही है। अगर आपको शोर शराबा पसंद ना हो तो एक बार यहां रहनेका अनुभव जरूर ले।
२. अगोंदा बीच
कानकोना क्षेत्र में ही पड़ने वाला यह बीच , लंबाई में काफी फैला हुआ है। मुख्य शहर से काफी भीतर जंगली क्षेत्र से होते हुए यहां तक पहुंचने वाला रास्ता मुझे बहुत पसंद है। समुद्र के सामने खुलनेवाले बीच कॉटेज के सामने बैठ, रात के अंधेरे में , सिर्फ लहरोंकी गूंज सुनने का अनुभव किसी ध्यान से कम नही। सवेरे उठो तो विदेशी योगियोंको समुद्र की सफेद रेत में योग मुद्रा करते देख आप भारतीय होने पे नाज करोगे। साफ सुथरा कांच सा पानी और उतना ही स्वच्छ समुद्र तट - आप इस बीच के प्यार में जरूर पड़ोगे।
३. कोला बीच
जब मैं यहाँ गई थी तब इस बीच तक जाने के लिए पक्की सड़क नही थी। कच्चे रास्ते से चढ़ाव वाला रास्ता और फिर फिसलन वाला रास्ता। इस बीच तक जाना मतलब खतरों के खिलाड़ी खेल खेलना है। पर जब यहां पहुंचो तो भाई साब ! क्या चीज है ये। यहां कॉटेजेस तो तट समीप जो पर्वत है, उस पर भी ऊपर ऊपर फैली हुई है। बीच के लोकेशन से ये एक सीक्रेट बीच लगता है। यहां की खासियत है - यहां का लगून (lagoon), जहां कयाकिंग का मजा उठाते लोग नजर आते है। हालांकि मैंने यहां स्टे नही किया है, पर मेरे बकेट लिस्ट में वो जरूर पेंडिंग है।
४. बटरफ्लाई बीच
समुद्र को चीरते दो पड़ोसी पर्वत या दो पर्वतोको चीरता समुद्र का पानी। वर्णन से आप अंदाजा लगा सकते हो के इस बीच को ये नाम कैसे पड़ा। स्थान बिलकुल ही दुर्गम। पर खूबसूरती अतुलनीय। मनुस्यबस्ती से दूर यह बीच जंगल क्षेत्र में आता है जहा पहुचनेके लिए कोई पक्की सड़क नही हैं। फिर भी सैलानियोके जत्थे यहां पहुंच ही जाते है। पर्वत पे मिनी ट्रेल कर ऊपर से सेल्फी निकालने का मोह किसी से नहीं छूटता। यहां से पानी और आकाश का रंग बहुत ही खूबसूरत दिखता है। यहां कॉटेज , रेस्टोरेंट कुछ भी नही है। सिर्फ कुदरत और आप।
५. कैनिंगिनिम बीच
इस बीच का नाम टंग ट्विस्टर जैसा भले ही लगता हो, पर ये बीच मेरे दिल के काफी करीब है। इस बीच को ढूंढना मेरे लिए चुनौती सा था। पर यह बीच मेरी नायाब खोजोमेसे एक है। मडगांव से कानकोना जाने के लिए एक हाईवे का रास्ता है और एक अंदरूनी गावोसे गुजरता हुआ, जो प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन कराता है। इस रास्ते से होते हुए, गूगल मैप और स्थानीय लोगोंकी मदद से, मुझे इसे ढूंढना संभव हुआ। जब हम यहां पहुंचे तो यहां एक भी आदमी नही था। सिर्फ मैं और मेरे पति। शांत स्थिर समुद्र, एक कोने से गांव से घूमघामके समुद्र से मिलता झरना, फैला हुआ आकाश, और हरियाली की मनोहारी झालर , नजारा देख के ही बन रहा था। अहाहा!
अगर आपको भी नई जगहें एक्सप्लोर करनेका शौक है तो मैन स्ट्रीम बीचेज को डिच करके बताए गए बीचेज को जरूर भेट दे। अगर आप इनमे से किसी बीच पर पहले ही जा चुके है तो आपके अनुभव जरूर सांझा करे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो मैं गोवा की और भी अनसुने बीचेज की जानकारी दूंगी। उम्मीद है आपने वर्चुअली गोवा की यात्रा मेरे पोस्ट के जरिए एन्जॉय की होगी, धन्यवाद
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