पॉइचा गांव में कई एकड़ में फैला नीलकंठ मंदिर स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट द्वारा बनवाया गया। नर्मदा नदी के किनारे बना यह मंदिर अपनी विशालता के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। यहां बड़े ही खूबसूरत उद्यान बने हुए हैं, जिनमे विशाल मूर्तियों के माध्यम से पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है। इस मंदिर परिसर में ठहरने की भी व्यवस्था है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह मंदिर हजारों श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करता है। देश-दुनिया से लोग इस मंदिर को देखने आते हैं।
नीलकंठ मंदिर की वास्तुकला –
वास्तुकला की बात करे तो यह मंदिर का निर्माण हिन्दू शैली में बना हुवा है। नीलकंठ मंदिर करीबन 105 एकड़ के क्षेत्र में बना हुवा है। मंदिर को नीलकंठ मंदिरऔर स्वामीनारायण मंदिर और सहजानन्द यूनिवर्सल को दो हिस्सों में बाटा गया है। मंदिर के ध्वार पर भगवान नटराज की विशाल प्रतिमा स्थापित है। नीलकंठ मंदिर में बड़ा और सुन्दर सरोवर बना हुवा है।
बिच में भगवान शिव की शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा गणेशजी , हनुमानजी के साथ अन्य कई मंदिर स्थापित है। मंदिर के निचे के हिस्से में पवित्र 108 गौमुखी गंगा से बहती नर्मदा नदी के पानी से स्नान करने वाला स्थान सुबह से शाम तक भीड़ श्रद्धालुओसे भरा हुवा है। मंदिर में कई अन्य छोटे-छोटे मंदिर निर्मान मंदिर के परिसर में भगवान स्वामीनारायण का एक सुंदर और आकर्षित मंदिर का निर्माण किया गया है इस मंदिर के अलावा आप इस धाम में कई अन्य सुन्दर और आकर्षित स्थल देख सकते है मंदिर के परिसर में बहोत ही आकर्षक गार्डन और भगवान की प्रतीयमाये देख सकते है। जैसे की…
नीलकंठ धाम मंदिर का आकर्षण
तकरीबन 105 एकड़ में फैला इस मंदिर का नजारा छुट्टियों के दिन अलग ही नज़र आता है। लोगों की भीड़ देखकर ऐसा लगता है मानो यहां कोई मेला लगा हो। नीलकंठधाम, स्वामीनारायण मंदिर और सहजानंद यूनिवर्स दो हिस्सों में बंटा हुआ है। मंदिर के द्वार पर भगवान नटराज की विशाल मूर्ति विराजमान है। मंदिर के अंदर बड़ा सा सरोवर बना हुआ है और इसके बीचों-बीच शिवलिंग, गणेशजी, हनुमानजी के मंदिर के साथ और भी कई छोटे-छोटे मंदिर। मंदिर में नीचे की ओर 108 गौमुखी गंगा से बहती नर्मदा नदी के जल से स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से लेकर शाम तक एक समान ही रहती है।
मंदिर का नजारा शाम के वक्त इतना खूबसूरत होता है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे आप किसी महल में घूम रहे हैं। रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग मंदिर में चारों ओर भक्तिगीत और नृत्य करते हुए भक्तगण नज़र आते हैं।
म्यूजियम :
Pradarshni ticket window timings :
सुबह 10:30 बजे से शाम के 7 बजे तक
Pradarshni ticket :
वरिस्ट नागरिको के लिए -140/-
स्टूडेंट और बच्चो के लिए – 80/-
Light Saw Timings –
शाम के 7 बजे से 10 बजे तक
प्रदर्शन
एग्जिबिशन हॉल
आर्ट गैलरी
मिरर हाउस
हॉरर हाउस
मनोरंजन पार्क
लेसर शॉ
साइंस सिटी
बोटिंग
एम्यूजमेंट पार्क
प्रसाद के रूप में मिलता है छाछ
यहां भगवान का अभिषेक दूध और जल के साथ किया जाता है। और इसी दूध से छाछ बनाकर उसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। जहां आमतौर पर मंदिरों में प्रसाद के रूप में मिठाईयां देखने को मिलती है वहीं यहां अभिषेक में इस्तेमाल दूध का ही प्रसाद बनता है।
मंदिर में आरती का समय
मंदिर में सुबह 5 से 6 बजे आरती होती है और शाम को 6 से 7 बजे के बीच। हां, खास मौकों और त्योहारों पर आरती के समय में थोड़े बहुत बदलाव किए जाते हैं। दर्शन के अलावा अगर आप लाइट शो देखना चाहते हैं तो 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच आएं।
मंदिर के अन्य आकर्षण
दर्शन के अलावा आप यहां आकर नेचर पार्क, एक्जीबिशन, लाइट एंड साउंड शो, टनल ऑफ यमपुरी, फ्लावर क्लॉक, ऑर्ट गैलरी और होरर हाउस जैसी दूसरी चीज़ें भी एन्जॉय कर सकते हैं।
गुजरात के तीसरे बड़े शहर वडोदरा को सांस्कृतिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो गुजरात में मंदिरों की भरमार है लेकिन नीलकंठधाम की बात ही निराली है।
नीलकंठ यात्रा के समय रुकने की अच्छी जगह –
स्वामीनारायण मंदिर के यात्रा के समय अगर आप चाहे तो मंदिर के परिसर में भी ठहर सकते है इसके लिए आपको दो प्रकार के रूम मिल सकते है जिसमे आपको ac वाले रूम का रेट करिबन 1000/- का दिन का रेट होता है। और बिना ac वाले रूम आपको 500 रु के रेट से आपको मिल सकता है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- वड़ोदरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पोइचा के सबसे नज़दीक है। जहां से नीलकंठ धाम की दूरी 65.7 किमी है।
रेल मार्ग- राजपीपला, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से 12.5 किमी का सफर तय करके आप नीलकंठ स्वामीनारायण धाम पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग- पोइचा लगभग सभी बड़े शहरों के सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा प्राइवेट गाड़ियां भी यहां के लिए अवेलेबल हैं।