वैसे तो पंजाब किसी परिचय का मोहताज नहीं अपनी विरासत संस्कृति रहन सहन की वजह से पंजाब पूरी दुनिया में मशहूर है पंजाब को अपना नाम पांच नदियों की वजह से मिला है जो कि इस प्रदेश से होकर बहती है यह सिखों के पवित्र गुरुओं की की भूमि भी है वैसे तो चंडीगढ़ पंजाब प्रदेश की राजधानी है लेकिन अमृतसर यहां की सांस्कृतिक राजधानी है इस शहर का केंद्र बिंदु है विश्व प्रसिद्ध अति पावन श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर )जिसे गोल्डन टेंपल भी कहा जाता है भले ही आप किसी भी धर्म जाति मजहब को मानने वाले हो आप यहां आकर मत्था टेक सकते हैं तथा लंगर भी शक सकते हैं यहां से कोई भूखे पेट नहीं जाता यहां की विशेषता है जो इसे बाकी जगहों से अलग करती है यह बहुत ही पवित्र पाक जगह है आप यहां की रूहानियत यहां आकर ही महसूस कर सकते हैं
स्वर्ण मंदिर के नजदीक ही प्रसिद्ध जलियांवाला बाग मेमोरियल भी है आप वहां भी जा सकते हैं वहां अभी भी सन 1919 में हुए भीषण नरसंहार की गवाही देते हुए कुछ यादें और निशानियां भी है यह जगह भी अपने आपे में बहुत खास है यहां आना अपने आप में इतिहास की किताब पढ़ने के बराबर है आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस वक्त यहां क्या हुआ होगा क्या मंजर रहा होगा
अगले दिन आप अमृतसर के कुछ मंदिर भी देख सकते हैं जैसे यह दुर्गियाना मंदिर काफी प्रसिद्ध है उसके अलावा आप गोविंद फोर्ट साड्डा पिंड खालसा कॉलेज इंडिया गेट तथा शाम के वक्त आप यहां से 40 किलोमीटर दूर वाघा बॉर्डर भी जा सकते हैं जहां पर हर रोज बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होता है यह भी अपने आप में बहुत खास है और अनूठी है ऐसी सेरेमनी शायद ही विश्व के किसी कोने में किसी बॉर्डर पर होती हो अगर आप अमृतसर आए हैं तो यहां आना तो बनता है यहां आने पर देशभक्ति की भावना अपने चरम पर होती है आप इस अनुभव को कभी नहीं भूल पाएंगे
तो आप कब आ रहे हैं अमृतसर ... ..