बिजली महादेव का चमत्कार

Tripoto
23rd Nov 2021

बिजली महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। यहां पर पारवती और व्यास नदी का संगम भी है।
क्या है मान्यता

मान्यता है कि यहां की विशालकाय घाटी सांप के रूप में है, जिसका वध महादेव के द्वारा किया गया था। मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की अज्ञा लेकर ही हर 12 साल पर भगवान इंद्र बिजली गिराते हैं। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खंडित हो जाता है, उसके बाद यहां के पुजारियों द्वारा खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, इस घाटी में कुलान्त नाम का एक दैत्य रहता था, जो बहुत ही मायावी था। एक बार उसने सभी जीवों को मारने की लिए व्यास नदी को रोक दिया। कहा जाता है कि दैत्य के इस रवैये से महादेव क्रोधित हो गए और उन्होंने इस दैत्य को मारने का मन बना लिया।

कहा जाता है इसके लिए भगवान शिव ने भी एक माया रची और उसी माया के अनुसार, भगवान शिव दैत्य के पास गए और कहा कि आपकी पूंछ में आग लग गई है। जैसे ही दैत्य पूंछ देखने के लिए पीछे मूड़ा, भगवान शिव ने अपने त्रिशुल से दैत्य के सिर पर वार कर दिया और इस तरह कुलान्त मारा गया। कहा जाता है कि उसके विशालकाय शरीर एक पहाड़ में तब्दील हो गया, जिसे हम कुल्लू के पहाड़ों के नाम से जानते हैं।

क्यों गिरती है बिजली

कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने कुलान्त दैत्य को मार दिया, उसके बाद उन्होंने इन्द्र से कहा कि वे हर 12 साल पर बिजली गिराएं। बिजली गिरने से शिवलिंग टूट जाता है, जिसे यहां के पूजारियों द्वारा इसे मक्खन से ठीक कर दिया जाता है, जो बाद में कठोर हो जाता है।

शिवलिंग पर ही क्यों गिरती है बिजली

कथा के अनुसार, भगवान शिव अपने ऊपर बिजली इसलिए गिराते है ताकि जन-धन की हानी न हो। कहा जाता है भगवान शिव खुद बिजली के झटके को सहन करते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं

Photo of Bijli Mahadev Temple by Ankit Upadhyay

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