दीवाली पर अगर कुछ घुमक्कड़ी की जाए तो कैसा रहेगा! आखिर त्योहार मनाने के साथ बहुत कुछ अलग देखने व जानने को भी मिलेगा। जानें कोलकाता से गोवा तक कहाँ अलग होती है दीवाली।
दीवाली को यूं तो सभी अपने घर पर और अपनों के बीच मनाना चाहते हैं लेकिन इस मौके पर घूमने के शौकीन लोगों को कहाँ चैन आएगा। अगर आप भी उनमें से हैं तो हम आपके लिए खासतौर पर उन शहरों की लिस्ट लेकर आए हैं जहाँ आप रोशनी का ये पर्व मना सकते हैं। दीपावली का त्योहार मुख्य रूप से श्री राम की अयोध्या वापसी के लिए मनाया जाता है। वे रावण का वध कर सीता जी को सकुशल लौटा लाए थे। भले ही वजह एक हो लेकिन देश के हर क्षेत्र में दीवाली के अपने रिवाज हैं और मनाने के तरीके भी। ऐसे में हरेक की झलक पाने के लिए आप कुछ खास जगहों पर जरूर जाएं। तो जानें इन शहरों का नाम और हो जाएं तैयार दीवाली की अलग-अलग तरह की रौनक देखने के लिए।
कोलकाता
नवरात्र के बीच दुर्गा पूजा की तरह ही दीवाली भी कोलकाता का एक खास आकर्षण है। बंगाल क्षेत्र में माना जाता है कि देवी काली ने ही बुराई पर जीत हासिल की थी। लिहाजा इस क्षेत्र में इस वजह से दीप जलाए जाते हैं। वहीं दुर्गा पूजा की तरह ही दीवाली के मौके पर शहर में खूबसूरत काली पंडाल लगते हैं और शहर की खूबसूरती को दोगुना कर देते हैं।
चेन्नई
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी दीवाली मनाने का अपना तरीका है। हालांकि यहाँ धनतेरस का महत्व ज्यादा है। धनतेरस को इस क्षेत्र में धन त्रयोदशी या फिर अश्वयुज बहुल त्रयोदशी कहा जाता है। इस दिन यहाँ कुबेर की पूजा होती है और उनको खजूर, शहद और गुड़ का भोग लगाया जाता है। घरों की खासतौर पर साफ सफाई होती है और सेहत का वरदान धन्वंतरि से मांगा जाता है। साथ ही नरकासुर के पुतले को जलाया जाता है जिसका वध अदिति और श्री कृष्ण ने किया था।
अमृतसर
पंजाब में यूं तो दीवाली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस मौके को सेलिब्रेट करने की अमृतसर में एक अलग ही वजह है। दरअसल, इस दिन गुरु हरगोबिंद सिंह मुगलों से आजाद हो कर वापस लौटे थे। इसे बंदी छोड़ दिवस भी कहा जाता है। ऐसे में दीवाली पर गोल्डन टेंपल की शोभा देखने वाली होती है।
वाराणसी
वाराणसी में दीवाली का उत्सव करीब 15 दिन तक मनाया जाता है। अगर आप दीवाली के मौके पर घूमने का प्लान बना रहे हैा तो ये शहर आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। वाराणसी में देव दीपावली मनाई जाती है। ऐसे में गंगा के रविदास घाट और राज घाट पर पंडित भव्य पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस रात देव आकाश से उतर कर गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। वाराणसी की पूजा इतनी पॉपुलर हो चुकी है कि लोगों को आकर्षित करने के लिए अब दीवाली के साथ गंगा महोत्सव भी मनाया जाने लगा है।
गोवा
समंदर के खूबसूरत किनारे और साल के अंत में होने वाली पार्टीज को लेकर गोवा तो मशहूर है ही। लेकिन यहाँ की दीवाली अब पॉपुलर होने लगी है। यहाँ का मुख्य आकर्षण है गांवों में नरक चतुर्दशी के मौके पर जलाए जाने वाले नरकासुर के खूब बड़े पुतले। यही नहीं, यहाँ बड़े और भयंकर पुतले बनाने को लेकर यहाँ प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
जयपुर
भारत के सबसे पुराने शहरों में शुमार और वर्तमान में पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर वर्तमान में राजस्थान राज्य की राजधानी है। इस शहर का शुमार भारत के उन शहरों में है जिन्हें वास्तुशास्त्र को ध्यान में रखकर स्थापित किया गया था। इस शहर का निर्माण अम्बेर के राजा महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बंगाल के एक वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद से करवाया गया था। यह जगह हिंदू वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, जो पिथापड़ा रूप यानि आठ भागों के मंडल में बना हुआ है। दिवाली के दौरान इस शहर की खूबसूरती ऐसी होती है कि इसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। दिवाली के आसपास इस खूबसूरत शहर का कोना कोना रंगीन और रौशनी से नहाया रहता है। आपको बताते चलें कि दिवाली के दौरान शहर और उसके आसपास कई छोटे बड़े मेलों का भी आयोजन किया जाता है। कुल मिलाके कहा जा सकता है कि जयपुर घूमने का असली मज़ा तब है जब आप यहाँ दिवाली के दौरान आ रहे हों।
दिल्ली
भारत की यात्रा अपने आप में एक अनोखा अनुभव है, और इसकी राजधानी दिल्ली की सैर किसी भी व्यक्ति के लिए एक अमिट संस्मरण साबित होगी। भारत के सबसे बडे शहरों में से एक दिल्ली, प्राचीनता और आधुनिकता का सही संयोजन है। घूमने के लिहाज से इस शहर की यात्रा पर कभी भी जाया जा सकता है लेकिन हमारा सुझाव ये है कि यदि आप दिल्ली की यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो आप दिवाली के दौरान यहाँ आएं। इस दौरान इस शहर में ऐसा बहुत कुछ होता है जो किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित कर सकता है।
तो दीवाली पर अगर आप भी इन बेहतरीन जगहों पर घुमक्कड़ी के लिए जाए तो कैसा रहेगा? सच मानिए तो बहुत आनन्द आयेगा आपको। तो देर किस बात की अगर आप दीवाली की छुट्टियों में कही जाने का प्लान बना रहें है तो इन जगहों पर जाकर घूमनें के साथ ही साथ दीवाली का भी आनन्द ले सकते हैं।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।