
परांठे वाली गली !
परांठेवाली गली पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के पास स्थित है।
चांदनी चौक की परांठेवाली गली सदियों पुरानी है।
चांदनी चौक को मुगल सम्राट शाह जहां की बेटी राजकुमारी जहांआरा बेगम ने design किया है। चांदनी चौक सन 1650 में लाल किले के साथ ही बनवाया गया था। पहले चांदी की दुकाने होती थी बाद में यहां धीरे-धीरे और गहने कपड़ों की दुकाने बढ़ती गई।
1872 में पंडित गया प्रसाद परांठावाला से चांदनी चौक में परांठे वाली गली की शुरूआत हुई |

यहां कौन-कौन से परांठे मिलते हैं?
यहां पर सिर्फ शुद्ध शाकाहारी परांठे ही मिलते हैं इनमें प्याज और लहसुन तक नहीं डाला जाता | ऐसा इस्लिये है क्योंकि इन दुकानों के मालिक ब्राह्मण हैं
मिक्स वेज परांठे, रबड़ी, खोया परांठा, गोभी परांठा, परत परांठा जैसे कई तरह के परांठे यहां पर आपको खाने के लिए मिलते हैं।

यहां परांठे को रायते और सिर्फ अचार के साथ ही serve नहीं किया जाता बल्कि यहां पर आपको इनके साथ इमली की चटनी, धनिया-पुदीने की चटनी, सब्जियों का मिक्स अचार, आलू-पनीर की सब्जी, आलू मेथी की सब्जी, और सीताफल की सब्जी भी परोसा जाता हैं।

यहां लोग पराठे के साथ लस्सी का उपयोग करते हैं। लस्सी एक Kulhad में परोसी जाती है।