हेलो दोस्तो मैं कामना करता हूं कि आप सब कुशल मंगल हो
तो दोस्तो मैं आज आया हु मेरठ कैंट मैंने यहां के बाबा ओघड नाथ मंदिर के बारे में बहुत सुना था तो मेरे मन में विचार आया के क्यू ना वहा जाके देखा जाए मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा मेरे मन को बहुत शांति मिली और सच में मन मोह लेने वाला नजारा है यहां का
दोस्तो जैसा की आप जानते है हमारे जनपद मेरठ का इतिहास में भी बडा योगदान रहा है मेरठ गंगा तथा यमुना दोआब के मध्यवर्ती भाग में बसा हुआ है। गंगा नहर और हिंडन नदी के तट पर बसा मेरठ 3911 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला उत्तर प्रदेश का प्रमुख ज़िला है। उत्तर में मुज़फ़्फ़रनगर , दक्षिण में ग़ाज़ियाबाद और बुलंदशहर तथा पश्चिम में बागपत ज़िले से घिरे मेरठ में अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
इतिहास
हिन्दू मान्यता है कि मेरठ की स्थापना रावण के ससुर माया ने की थी और इसे ' मैदांत का खेड़ा' कहा था।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, माया नामक एक वास्तुकार ने इसे राजा युधिष्ठिर से प्राप्त किया था। माया के नाम पर ही इसे 'मैराष्ट्र' कहा गया था।
मेरठ में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम चिंगारी फूटी थी। मेरठ छावनी में तैनात तीसरी कैवेलरी के 85 सैनिकों द्वारा परेड ग्राउंड पर चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के आदेश की अवहेलना ने भारत की स्वाधीनता के प्रथम संग्राम को एक ऐसा मोड़ दिया जिसको 1857 की क्रांति के नाम से जाना गया। 10 मई 1857 को प्रस्फुटित हुई यह क्रांति मात्र सैनिक विद्रोह नहीं थी। इसका सर्वाधिक उल्लेखनीय पहलू यह है कि इसमें हिन्दू और मुसलमान दोनों ही अपने राष्ट्रीय धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध थे।
(मेरठ के दर्शनीय स्थल है)
१ पांडव किला लाक्ष्य गृह
२ शहीद स्मारक
३ राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय
४ साहपीर मकबरा
५ सेंट जॉन चर्च
६ नंगली तीर्थ
७ सूरज कुंड
८ जामा मस्जिद
९ आबू मकबरा
१० कालीपाल्टन मन्दिर
११ बीस सिला लेख
१२ मॉल रोड
१३ कंपनी बाग
१४ पंजाब रेजिमेंट
१५ विक्टोरिया पार्क
१६ जैन श्वेतांबर मन्दिर
आदि बहुत सारी जगह है