जी हां , भारत में चलती है, दुनिया की मात्र एक ऐसी ट्रेन, जिसमें नहीं लगता है, कोई टिकट, नहीं देना होता है कोई, किराया लोग फ्री में सफर करते हैं। 70 सालों से यह ट्रेन लोगों को फ्री में सफर करा रही है ।
हिमालय के शिवालिक हिल्स की पहाड़ियों के मध्य स्थित, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के नंगल से भांगड़ा डैम के मध्य 13 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर चलने वाली रेल में सफर करने के लिए टिकट नहीं लेना पड़ता है । और ना ही कोई पैसा देना पड़ता है।यह ट्रेन 70 वर्षों से लोगों को मुफ्त में लाती व ले जाती है। लोग इसमें फ्री में सफर करते हैं । पर्यटक इस ट्रेन के माध्यम शिवालिक की पहाड़ियों व भाखड़ा नांगल डैम की खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हैं। इस ट्रेन के माध्यम से भाखड़ा नांगल बांध का अवलोकन किया जा सकता है। भाखड़ा नांगल डैम के निर्माण के दौरान इस रेलवे लाइन का निर्माण किया गया था। इस ट्रेन के माध्यम से भाखड़ा नांगल डैम निर्माण सामग्री व कामगार मजदूर एवं लोगों को लाने ले जाने का काम किया जाता था। इस ट्रेन से 13 किलोमीटर लंबे ट्रैक के इर्द-गिर्द बसें 25 गांव के ,कामगार लोग ,स्टूडेंट , महिलाएं रोज इस ट्रेन में फ्री में सफर करते हैं। इनसे कोई टिकट नहीं लिया जाता है। इस ट्रेन का रखरखाव व सारा खर्चा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड करता है। इस ट्रेन के सभी कोच लकड़ी के बने हुए हैं। जिसमें लकड़ी की सीटें भी लगी है भाखड़ा डैम निर्माण में इस ट्रेन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ट्रेन का उद्घाटन 1948 में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। नंगल व भांगड़ा डैम के मध्य 13 किलोमीटर लंबे रेलवे रूट मैं 3 टनल व 6 स्टेशन है। इस ट्रेन में रोजाना आठ- नौ सौ, आदमी फ्री में सफर करते हैं।
फिल्म एक्टर राजेश खन्ना द्वारा निर्मित फिल्म चलता पुर्जा में इस ट्रेन को दिखाया गया है। यह एक हेरिटेज ट्रेन है।
13 किलोमीटर के इस रूट पर शिवालिक पर्वत की खूबसूरत पहाड़ियां पहाड़ों के बीच, खूबसूरत झरने व घने जंगलों के मनोरम दृश्यों के नजारे दिखाई देते हैं। नंगल हिमाचल के ऊना जिले में स्थित है। ऊना से नंगल कि दूरी 20 किलोमीटर है। भाखड़ा डैम के प्राकृतिक सौंदर्य के खूबसूरत नजारों को देखने लाखों पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
TripotoAbHindiMein
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