मैं सुबह जल्दी सुंधा माताजी के दर्शन करने के लिए घर से निकला सुंधा माताजी मेरे गांव से लगभग 65 किमी है स्टेशन पर पहुंचते पहुंचते बस निकल गई तभी मुझे एहसास हो गया था की आज कोई नई जगह देखने को मिलेगी क्योंकि जब भी मेरे साथ ऐसी घटना घटित होती है तो नई जगह देखने को मिलती है ।स्टेशन पर थोड़ी देर इंतजार करने पर मुझे मेरे मित्र की बोलेरो गाड़ी मिल गई जो जसवंतपुरा जा रहा था ।सुंधा माताजी रानीवाड़ा जसवंतपुरा मार्ग पर पड़ता है।हमारा सफर बाते करते गुजर रहा था तभी बरसात व झरनों की बात आई तो मित्र ने कहा कि झरनों में स्नान करना हो व देखने हो तो खोडेश्वर महादेव चलते है यह जगह बहुत ही सुंदर जगह है अभी बरसात का समय है यहां बहुत ही अच्छे झरने चलते है यह देख लेते है फिर सुंधा माताजी चले जाना।
और हमने वहां जाने का निश्चय किया।खोडेश्वर महादेव मंदिर जाविया गांव से 2 किमी व सुंधा माताजी से 12किमी दूर है। यह सुंधा माता जी जसवंतपुरा मार्ग पर स्थित है।हम वहां पहुंचे वहां पहुंचते ही अहसास हुआ की हम वास्तव में स्वर्ग में आ गए है ।वहां भोलेनाथ जी का सुंदर मंदिर बना हुआ है जो काफी पुराना मंदिर है जो खोडेश्वर महादेव नाम से प्रसिद्ध है।यहां बहुत ही सुंदर झरने है ,चारो तरफ हरियाली ही हरियाली है ,पहाड़ों के बीच में सुंदर जगह है जो भालू अभ्यारण्य सुंधा माताजी में स्थित है।हमने वहां महादेव जी के दर्शन किए फिर झरने में स्नान का आनंद लिया।खूब ही आनंद आया ,जगह बहुत ही मनमोहक है।हमने वहां अमेरिकन मक्का खाने आनंद लिया।चाय नाश्ता किया फिर हम वहां से सुंधा माताजी के लिए निकले।जगह बहुत ही सुंदर, मनमोहक ,आनंद दायी,आकर्षक है।
यहां पहुंचने के लिए सुंधा माता जी से ऑटो, टैक्सी मिल जाती है।