यह जगह और यह सफर दोनों ही मेरे लिए बहुत खास है. एक खुशनुमा याद है जो हमेशा मेरे जहन में रहेगी. यहां आने का वो खास कारण मैं आगे इस ब्लॉग में बताऊंगी. वैसे यहां आने से पहले मैंने इस जगह के बारे में सुना भी नहीं था लेकिन हैरानी होगी कि बच्चपन से अभी तक ना जाने कितनी बार इसी रास्ते से मैं गुजरी हूं.
उत्तराखंड मेरा घर, मेरी जड़ और यहीं है यह खूबसूरत-सी जगह चरेख डांडा. चरेख डांडा पहूंचने के लिए दिल्ली से हमने अपना सफर तय किया. दिल्ली से लगभग 240 किलोमीटर कोटद्वार के पास है चरेख डांडा. कोटद्वार जहां से मेरे गांव का रास्ता निकलता है लेकिन इसी कोटद्वार से एक रास्ता चरेख जाता है यह नहीं जानती थी. खैर देर से ही सही लेकिन खुशी है कि इस जगह को जान तो पाई.
चरेख डांडा आयुर्वेद के जनक चरक श्रृषि की कर्मस्थली है. यहां दिल्ली से बाय-रोड़ आप आसानी से पहुंच सकते है. बात करें यहां स्टे की तो उसके लिए बहुत ज्यादा मशक्कत आपको नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि यहां केवल एक ही रिसोर्ट है charekh food and forest resort एक बेहद ही खूबसूरत रिसोर्ट है( https://www.youtube.com/watch?v=hgEc2WvvJ0E)
शहर की भीड़-भाड़ से दूर शांति में कुछ पल बिताने के लिए यह जगह परफेक्ट है. यहां आप साईट सीइंग कर सकते हैं, ट्रैकिंग कर सकते हैं, इसके अलावा रिसोर्ट में ही कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं. यहां एक्सप्लोर करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है बस यह रिसोर्ट और यहां की वादियां. यहीं कारण है कि 2 दिन (आना-जाना मिलाकर) इस जगह के लिए काफी है. एक तरह से अपके वीकेंड के लिए यह जगह बेस्ट हैं.
अब बात बजट कि, हमारा टोटल एक्सपेंस था 5 लोगों का 20 हजार. इसमें आना-जाना, रहना और खाना-पीना सब शामिल है. ( हम दिल्ली से बाय-रोड़ कैब बुक करके चरेख गए थे इसलिए आप किस संसाधन और कहां से चरेख आ रहे हैं उसके मुताबिक यह बजट चेंज हो सकता है). सिर्फ रिसोर्ट में स्टे के एक्सपेंस की बात करे तो यह 5200 था पांच लोगों का ( फूड एक्सपेंस शामिल नहीं है)
चलिए इस खूबसूरत जगह की तो बात हो गई लेकिन यहां आने का कारण तो मैंने अभी तक बताया ही नहीं. तो वह लोग जिनकी शादी होने वाली है और अपना प्री-वेड शूट कराने की वो तैयारी कर रहे हैं लेकिन कोई लोकेशन नहीं मिल रही है तो बस आ जाईये चरेख डांडा. यह जगह मेरे दिल के करीब है क्योंकि यहीं मेरा प्री-वेड शूट हुआ था.
एक नए सफर की शुरुवात करने से पहले अपने हमसफर के साथ सबसे पहले यहीं तक का सफर तय किया था. यकीन मानिये यहां आकर आपको मलाल नहीं होगा और यह मैं इसलिए कह रही हूं क्योंकि मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस है.