![Photo of आखिर सड़क के किनारे क्यों लगाए जाते हैं अलग-अलग रंग के मील के पत्थर, जानिए - by Pooja Tomar Kshatrani](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2059001/TripDocument/1627900956_maxresdefault_1.jpg)
जब आप सड़क मार्ग से सफर करते है तो आपने सड़क किनारे किलोमीटर बताने वाले पत्थर तो देखे ही होंगे, जिन्हे मील पत्थर भी कहा जाता है। ये पत्थर मार्गों में इसलिए लगाए जाते है ताकि मार्ग पर चलने वाले यात्री एक शहर से दुसरे शहर के बीच की सही दूरी जान सकें। क्या आपने कभी ध्यान दिया है, यह पत्थर अलग अलग रंगों के होते है। इन पत्थरों में सफेद रंग के साथ पीले, हरे, नीले, काले, लाल रंग की पट्टी होती है। आइये जानते है कि अलग अलग रंगों के इन पत्थरों से क्या संकेत मिलता है:
पीले रंग वाला मील का पत्थर -:
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अगर आप अपने किसी सफर पर निकले हैं और आपको सड़क किनारे लगे मील के पत्थर के ऊपरी हिस्से पर पीला रंग और निचले हिस्से पर सफेद रंग दिखें तो समझ जाइए कि आप किसी राष्ट्रीय राज्य मार्ग (नेशनल हाईवे) पर सफर कर रहे हैं। इस रंग के मील के पत्थर का अर्थ यह भी है कि इस सड़क को केंद्र सरकार द्वारा बनवाया गया है और इस सड़क की देख-रेख का जिम्मा केंद्र सरकार का है।
राष्ट्रीय राजमार्ग (NH): ये भारत का प्रमुख राजमार्ग है जो सभी शहरों और राज्यों को कनेक्टिविटी प्रदान करता है। NH को भारत सरकार (यानी NHAI) द्वारा अनुरक्षण किया जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 70,000 किलोमीटर से भी अधिक लंबा होता है और इन हाईवों के द्वारा उत्तर-दक्षिण – पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर (NS-EW corridor) और Golden Quadrilateral (GQ) भी बनते हैं।
हरे रंग वाला मील का पत्थर -:
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अगर सड़क किनारे लगे मील के पत्थर के ऊपरी हिस्से का रंग हरा और निचले हिस्से का रंग सफेद है तो आप किसी नेशनल हाईवे पर नहीं बल्कि किसी स्टेट हाईवे पर सफर कर रहे हैं। वहीं यह पत्थर यह भी बताता है कि उस सड़क की देख-रेख का जिम्मा राज्य सरकार के पास है। साफ-शब्दों में समझाएं तो अगर सड़क टूटती-फूटती है तो उसको सही कराना राज्य सरकार के जिम्मे होगा।
राज्य राजमार्ग (SH) : राज्य राजमार्गों की लंबाई लगभग 150,000 किमी होती है और राज्यों द्वारा प्रत्येक राज्य में प्रवेश और शहरों में अंतर-संपर्क स्थापित करने के लिए प्रबंधित किया जाता है।
काले रंग वाला मील का पत्थर -:
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मील के पत्थर के ऊपरी भाग पर काला रंग और निचले भाग पर सफेद रंग होने का मतलब है कि आप किसी बड़े शहर या फिर किसी जिले की सड़क पर सफर कर रहे हैं। ये बताता है कि इस सड़क की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के पास है। इस सड़क में कभी भी कोई परेशानी होती है तो स्थानीय जिला प्रशासन राज्य सरकार को सूचित करता है और दोनों मिलकर सड़क की मरम्मत कराते हैं।
नारंगी रंग वाला मील का पत्थर -:
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अगर आपको मील के पत्थर के ऊपरी हिस्से पर नारंगी रंग और निचले हिस्से पर सफेद रंग दिखाई दे तो समझ लीजिए कि आप किसी गांव की सड़क पर हैं। ऐसी सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत किया गया है और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के पास होती है। साल 2000 से इस योजना के तहत गांवों में सड़के बनाई जा रही हैं।