मानसून आते ही बच्चों से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर खुशी आ जाती है। गर्मी से राहत पाने के लिए मानसून का हम बेसब्री से इंतजार करते हैं। कई लोग इस मौसम में घूमने की प्लानिंग करते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप जगह का चुनाव सोच समझकर करें। बारिश के मौसम में कई ऐसी जगहें होती हैं जहां जाना खतरे से खाली नहीं। कई बार लैंड स्लाइडिंग, सड़कों पर पानी का जमाव आदि जैसी समस्याओं की वजह से एक जगह से दूसरे जगह जाना मुश्किल हो जाता है। भारत वर्ष अधिकांश भाग में गर्म रहता है, यही कारण है कि हम मानसून के आने की प्रतीक्षा करते हैं ताकि हम हरी-भरी भूमि की यात्रा कर सकें और दक्षिण भारत और उत्तर पूर्वी भारत के सुंदर परिदृश्य देख सकें। हालांकि मानसून यात्रा के लिए सबसे वांछनीय समय है, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जिनसे बचना चाहिए क्योंकि वे भारी वर्षा के कारण असुरक्षित हो जाते हैं।
1. उत्तराखंड -
उत्तराखंड जितना सुंदर है, मानसून के दौरान राज्य की यात्रा न करने की अत्यधिक सलाह दी जाती है। यह देश के सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से एक माना जाता है,खासकर 2013 में वहां विनाशकारी बाढ़ के बाद। क्षेत्र में भारी विनाश के कारण भूस्खलन मानसून के दौरान जाने के लिए एक खतरनाक विकल्प बनाता है। इतना ही नहीं लिंकिंग सड़कें कई बार ब्लॉक हो जाती हैं और फिर आना-जाना एक बड़ी समस्या हो जाती है। बादल फटने की कुछ घटनाएं भी हुई हैं जो अतीत में दर्ज की गई हैं जो स्थिति को अराजक बनाती हैं और यात्रियों को यात्रा रोकने के लिए मजबूर करती है।
2. मुम्बई -
भारी बारिश के कारण और शहर के कई हिस्सों में बाढ़ आने से इस शहर का आकर्षण फीका पड़ने लगता है। इस चहल-पहल वाली जगह में एक कोने से दूसरे कोने तक यात्रा करना लगभग असंभव हो जाता है, जिससे मानसून के दौरान यात्रा करना एक बुरा विकल्प बन जाता है। घरों में पानी भर जाना या फिर सड़कों पर पानी जमाव आपको बारिश के मौसम में आए दिन देखने को मिल जाएगा। ऐसे में शहर की सुंदरता का आनंद लेने की तो बात ही दूर है। ध्यान रहे, यहां की बारिश आपकी सामान्य बारिश के जैसे नहीं होती है, ये रुक-रुक कर होती हैं।
3. हिमाचल प्रदेश -
हिमाचल प्रदेश भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपने शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। आपको बता दें कि अगर आप हिमाचल की यात्रा करना चाहते हैं तो साल में कभी भी कर सकते हैं लेकिन मानसून के मौसम में यहां की यात्रा करना सही नहीं रहेगा क्योंकि यहां कई ऐसे इलाके हैं जो बारिश के दौरान भूस्खलन, कटाव और बाढ़ के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
4. केरल -
बारिश के मौसम में केरल और भी खूबसूरत नजर आने लगता है। अपनी अनोखी संस्कृति और खूबसूरत नेचर की वजह से लोग यहां दूर-दूर से घूमने के लिए आते हैं। हालांकि बारिश के मौसम में यहां का नजारा बेहद भयानक हो जाता है। केरल में कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है, यही नहीं कई बार तीन से चार दिन लगातार बारिश होती रहती है। इसलिए अगर आप केरल घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो सितंबर से मार्च के बीच में कभी आ सकते हैं।
5. सिक्किम -
हालांकि सिक्किम की प्राकृतिक सुंदरता सभी को आकर्षित करती है लेकिन बारिश सड़कों पर बाहर निकलने के लिए भयानक बना देती है और इसलिए, इसलिए उत्तर-पूर्वी राज्य की यात्रा के लिए मानसून एक बुरा समय है। यह विश्वास करने में संदेह है, लेकिन हां, सिक्किम में मानसून की बारिश के बावजूद पानी की कमी और सूखे का अनुभव होता है , यही नहीं बारिश के मौसम में यहां हरे-भरे पहाड़ बादलों से ढक जाते हैं, इसलिए बारिश के मौसम में सिक्किम का ट्रिप प्लान बिल्कुल भी ना करें। इसलिए पहले से ही जो स्थान अपने अस्तित्व की समस्याओं से जूझ रहा है उस स्थान पर जाना कितना बुरा हो सकता है।
6. चेन्नई -
चेन्नई भी एक ऐसी सिटी है जहां बारिश के समय जाने से बचना चाहिए। यहां आपको घुमावदार रास्ते या चिकने रास्ते तो नहीं मिलेंगे लेकिन बारिश के वजह से जाम इतने मिलेंगे की हो सकता है आपका पूरा का पूरा समय ट्रैफिक जाम में ही निकल जाए। तो यहा दुआ कीजिए की जब आप चेन्नई में हों तो बारिश ना हो वरना आप बस अपने चारों ओर गाड़ियों के बीच ही फंसे रह सकते हैं।
7. दार्जिलिंग -
दार्जिलिंग एक खूबसूरत जगह है लेकिन भारी बारिश होने पर गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यह दर्शनीय स्थल पर्यटकों के आकर्षणों की खुशी में बाधा डालता है जिससे मानसून के दौरान जगह की यात्रा करना व्यर्थ हो जाता है। क्रेजी ट्रैफिक, अचानक भूस्खलन, अवरुद्ध मार्ग निश्चित रूप से आपको दार्जिलिंग की यात्रा करने से रोकने के सही कारण हैं, कोहरे का मौसम भी पहाड़ियों में ड्राइविंग को मुश्किल बना देता है। तो मॉनसून के समय यहां ना ही जाएं तो अच्छा।
8. गोवा -
बारिश के दौरान आप जितना गोवा का अनुभव करना चाहेंगे, हम आपको ऐसा न करने का सुझाव देंगे क्योंकि लगभग सभी समुद्र तट इस दौरान उच्च ज्वार से भर जाते हैं। मानसून के दौरान समुद्र तटों पर तैरना जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इतना ही नहीं यहां पानी की सारी एक्टिविटीज बंद हो जाती हैं। इस दौरान यहां न कोई झोंपड़ी होगी, कोई पिस्सू बाजार नहीं होगा और निश्चित रूप से कोई वाॅटरस्पाॅर्ट नहीं होगा।
9. अम्बोली -
अंबोली सह्याद्री रेंज का एक हिल स्टेशन है, जो महाराष्ट्र में सबसे अधिक वार्षिक वर्षा प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। यहहिल स्टेशन घने जंगलों, कई झरनों और खड़ी घाटियों से घिरा हुआ है, और इसलिए 750cm की अविश्वसनीय रूप से उच्च वर्षा प्राप्त करता है। इसे 'पहाड़ियों की रानी' के रूप में भी जाना जाता है, यहां जुलाई और अगस्त के महीने में सबसे अधिक वर्षा होती है। वार्षिक वर्षा की दृष्टि से यह भारत में सर्वाधिक वर्षा की श्रेणी में 5वें स्थान पर आता है। यहां मानसून के दौरान भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, जिसके कारण बारिश के दौरान यहां यात्रा करना उचित नहीं है।
10. चेरापूंजी -
यदि आप मानसून के दौरान यात्रा करना चाहते हैं तो चेरापूंजी पहले से ही पृथ्वी पर सबसे अधिक नम जगहों में से एक है। आप सोच सकते हैं कि 'मानसून के मौसम' से चेरापूंजी जैसी जगह पर कोई फर्क कैसे पड़ेगा, जो वैसे भी साल भर बारिश से भरा रहता है! लेकिन यह बारिश की आवृत्ति और तीव्रता के कारण होता है जो मानसून के दौरान बढ़ जाती है, जिससे यह आपकी यात्रा के लिए एक खराब विकल्प बन जाता है। इतना ही नहीं, शहर को पानी की भीषण कमी का सामना करना पड़ता है और स्थानीय लोगों को मीठे पानी की तलाश में काफी दूर जाना पड़ता है।