नेपाल हिमालय की गोद में बसा हुआ एक छोटा सा खूबसूरत देश है। जो चारो तरफ से पहाडि़यों से घिरा हुआ है। नेपाल की कोई समुद्री सीमा नहीं है।
नेपाल में कृषि और टूरिस्ट उनके आय का एक बहुत बड़ा स्रोत है।
नेपाल की आधी से ज्यादा आबादी लगभग ₹70 प्रतिदिन कमाती है इसके कारण नेपाल के को विश्व के सबसे गरीब देशों में गिना जाता है।
नेपाल से एशिया के बाहर बहुत ही कम फ्लाइट जाती है क्योंकि नेपाल से फ्लाइट से यात्रा करना बहुत ही ज्यादा महंगा पड़ता है नेपाल ने एडवेंचर और एक्सट्रीम टूर में अपने आप को काफी उन्नत किया है जिसमें पैराग्लाइडिंग बंजी जंपिंग हाई एटीट्यूड हाई एल्टीट्यूड मैराथन माउंट बाय किंग वॉटर राफ्टिंग हाइकिंग और पर्वतारोहण शामिल है।
नेपाल में शुद्ध पानी की नदियां और 6000 से ज्यादा झीलें हैं जिससे हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर बनाई जाती है लेकिन वहां पर बिजली की उत्पादन उतनी मात्रा में नहीं है जितनी होनी चाहिए इसलिए वहां के लोगों को दिन में कई घंटे बिना बिजली के रहना पड़ता है।
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मेरी यात्रा का पहला दिन कानपुर उत्तर प्रदेश से शुरू होता है। वैसे तो भारत के 5 राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम नेपाल के साथ सीमा रेखा बनाते है।
उत्तर प्रदेश से नेपाल जाने के लिए २ बार्डर है, पहला सोनौली बार्डर, जिला महराजगंज तथा दूसरा बढ़नी बार्डर जिला सिद्धार्थ नगर।
मेरी पहले दिन की यात्रा बस द्वारा कानपुर से बलरामपुर दूरी 250 किमी० किराया 300 रूपये, तथा बलरामपुर से बढ़नी बार्डर 90 किमी० किराया 80 रू०।
बार्डर लाईन के भारत की तरफ बढ़नी बार्डर तथा नेपाल की कृष्णानगर बार्डर कहा जाता है।
दोनो की बीच 1 किमी० की दूरी है, रिक्शा वाला नेपाल सीमा रेखा गेट तक 10 रू० लेता है, चाहो तो पैदल भी जा सकते हो। नेपाल जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नही है।
चूंकि पूरे नेपाल मे भारतीय मुद्रा चल जाती है, आप कृष्णानगर बार्डर पर चाहो तो मुद्रा बदलवा सकते है, जिससे लोकल में खर्च करने में आसानी रहती है।
चूंकि नेपाली मुद्रा भारतीय मुद्रा की 1.6 गुनी है, अर्थात 100 भारतीय रूपये में 160 नेपाली रूपये मिल जाते है।
हर बार भारतीय मुद्रा में पेमेंट करने पर आपको 1.6 से भाग देकर कैलकुलेन कर के हिसाब करना पडेगा।
बेहतर है बार्डर पर ही मुद्रा बदलवा ले, और वापिसी में जो नेपाली मुद्रा बचे उसे फिर से भारतीय रू मे बदलवा ले।
अधिक आवश्यका पड़ने पर S.B.I. नेपाल के ATMs से भी आप नेपाली मुद्रा निकाल सकते है।
दूसरी जरूरी बात आपके भारतीय सिम में अन्तर्राष्ट्रीय रोमिंग रिचार्ज करवाना पडे़गा जोकि 500 से अधिक होगा, आप भारतीय आधार कार्ड या पासपोर्ट से नेपाली सिम 100 रू० में ले सकते हैं जो सस्ता पडे़गा।
कृष्णानगर बार्डर से बुटवल के लिए बस दूरी (80 किमी०) चलती है।
जिसका किराया 250-350 रू0 (नेपाली रूपये- अब नेपाल पहुंचने के बाद सारा खर्च नेपाली रु० में लिख रहा हूँ)
नेपाली सड़के बेहद ही खराब और जर्जर स्थिति में है, जिससे यात्रा मे समय बहोत लगता है।
इस 80 किमी की यात्रा में 4 घंटे- से 5 घंटे का समय लग जाता है। नेपाल में रेलवे की सुविधा नहीं है, इसलिए सारा सफर बाई रोड ही तय करना है।
कष्णानगर से बुटवल रोड पर बौद्ध स्थल कपिलवस्तु एवं लुम्बिनी स्थित है। लुम्बिनी भगवान बुद्ध का जन्मस्थान है।
इन मैदानी क्षेत्रों में तो आटो टेम्पो रिक्सा जैसे साधन उपलब्ध है, किन्तु काठमांडू घाटी मे ये सब नही है, वहाँ पर बस और कैब ही मुख्य साधन है जिनका किराया बहुत ही मंहगा है। हाँ काठमांडू में आप बाईक किराये पर ले सकते है जो 2000-5000 प्रतिदिन के हिसाब से है।
काठमांडू के लिए बुटवल से बस चलती है जिसका किराया 600-700 रू० दूरी 250 किमी० यात्रा समय 10-11 घंटे।
बुटवल से रात की बस से सफर करके आप सुबह काठमांडू पहुंच जाएंगे।
काठमांडू नया बस पार्क पर बस आपको उतार देगी, यहाँ से बस द्वारा 8 किमी0. की दूरी किराया 30 रू तय कर आप गौशाला पहुंचेगे।
यहाँ आपको रहने के लिए होटल मिल जाएगा।
यहाँ पर प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मन्दिर स्थित है।
जो कि बेहद ही खूबसूरत और प्राचीन है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है।
सबसे मुख्य बात नेपाली भोजन आपको पसन्द नहीं आयेगा सिर्फ पेट भरेगा आत्मसन्तुष्टि नहीं मिलेगी।
रोटी बहोत ही बडे़ होटल और रेस्टोरेंट में मिलेगी वो भी 30-50 रू0 की एक रोटी।
यहां खाना भी काफी मंहगा है 200 रू0 की थाली में 2 सब्जी 1 दाल और चावल, रोटी नहीं होती है।
दाल और सब्जी भी पसन्द नही आयेगी।
काठमांडू से आगे बस द्वारा 10 जाने पर भक्तापुर कमलविनायक प्लेस भी 1-2 घंटे घूमने के लिए अच्छा है।
भक्तापुर दरबार स्क्वायर यहाँ का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थान है।
जिसकी स्थापत्यकला एवं वास्तुकला बेजोड़ है।
भक्तापुर से बस या कैब या रेन्टल बाईक द्वारा आप नागर कोट के लिए प्रस्थान करेंगे।
चूँकि यह 15 किमी0 का टेढा़ मेढा़ पहाडी़ रास्ता है यदि आप एडवेंचर के शौकीन है तो भक्तापुर से बाईक ले ले और नागरकोट की चढा़ई शुरु करें।
यहाँ बेहद ठंढा और शान्त सुखद वातावरण है।
नागर कोट मार्निंग सनसाईन वियू के लिए प्रसिद्ध है,
सुबह सूर्य किरणो के साथ सुनहरी पहाडि़याँ बहोत ही खूबसूरत लगती है।
ठहरने के लिए कुछ होटल और दुकाने रेस्टोरेंट भी है।
यह मजेदार ट्रिप हो सकती है।
किन्तु यदि कार द्वारा भारत से ही जाया जाए यो इसमें काफी समय बचेगा।
बस का सफर बहोत ही थकाऊ टाईम टेकिंग है।
भारत की तरह नेपाल में शराब के ठेके नहीं होते है।
यहाँ साधारण दुकानो होटलो रेस्टोरेंट सभी जगह 24 घंटे बीयर शराब उपलब्ध है।