बारिश के दिनों में और निखर गया है भारत का स्विटजरलैंड कौसानी, एडवेंचर टूरिज्‍म के लिए है बेस्‍ट जगह

Tripoto
18th Jul 2021
Photo of बारिश के दिनों में और निखर गया है भारत का स्विटजरलैंड कौसानी, एडवेंचर टूरिज्‍म के लिए है बेस्‍ट जगह by kapil kumar
Day 1

कोरोना महामारी के दौर में एक बार फिर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व भारत के स्विटजरलैंड नाम से मशहूर कौसानी पर्यटकों से गुलजार होने लगा है। इससे पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। कौसानी नेचर लवर्स ट्रैकिंग करने वालों के लिए जन्नत से कम नहीं है

कोरोना महामारी के दौर में एक बार फिर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व भारत के स्विटजरलैंड नाम से मशहूर कौसानी पर्यटकों से गुलजार होने लगा है। इससे पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। कौसानी नेचर लवर्स, ट्रैकिंग करने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है इसीलिए इसे भारत का स्विटजरलैंड भी कहा जाता है। बागेश्वर जिले में 6075 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बसा हुआ है यह खूबसूरत हिल स्टेशन। कोविड-19 की फैली बीमारी ने पर्यटन व्यवसाय को सबसे अधिक प्रभावित किया। इससे पर्यटन से जुड़े लोगों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर कमजोर पड़ते ही पर्यटक भी कौसानी का रुख करने लगे हैं। विदेशी पर्यटक नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश आदि जगहों से यहा पर्यटक पहुंचने लगा है। नीचे की उमस भरी गर्मी से परेशान यहां आकर लोग सुकून महसूस कर रहे हैं। हरियाणा से आए पर्यटक रामबीर ने कहा कि नीचे काफी गर्मी यहां तो ठंड लग रही है। यहां पहुंचते ही गर्म कपड़े पहनने पड़ रहे है। वह पहले भी यहां आ चुके हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को लुभाता है। व्यापार संघ अध्यक्ष बबलू नेगी ने बताया कि पहले की तुलना में काफी कम सैलानी ही यहां पहुंचे है। बुकिंग तो हो नहीं रही। कुछ ही लोग करा रहे हैं। लेकिन लाकडाउन के बाद जो पर्यटक आना एकदम बंद हो गए थे। वह धीरे-धीरे आने लग गए हैं। उम्मीद है कि अब पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा।

Day 2

अनाशक्ति आश्रम में रुके थे बापू

कौसानी के आस पास के स्थल खूबसूरत पहाड़ियों और पर्वतों के अलावा कौसानी आश्रमों, मंदिरों और चाय के बगानों के लिए भी जाना जाता है। अनाशक्ति आश्रम यहां का एक प्रसिद्ध आश्रम है, जहां महात्मा गांधी कुछ दिन के लिए रुके थे। अब यह एक अध्ययन और शोध केंद्र के रूप में विकसित हो गया है, जहां रहने और खाने की भी व्यवस्था है। एक और जाना माना आश्रम है लक्ष्मी आश्रम। इसे सरला आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम का निर्माण 1948 में महात्मा गांधी की एक अनुयायी कैथरीन हिलमन ने करवाया था

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Day 3

एडवेंचर टूरिज्‍म के लिए बेस्‍ट जगह

जोखिम को पसंद करने वाले पर्यटक यहां ट्रेकिंग (लंबी पैदल यात्रा) और रॉक क्लाइंबिंग (चट्टानों की चढ़ाई) का आनंद ले सकते हैं। सुंदर धुंगा ट्रेक, पिण्डारी ग्लेशियर ट्रेक और मिलम ग्लेशियर ट्रेक का शुमार भारत के सबसे अच्छे ट्रेकिंग रूट में होता है। देश के अलग-अलग हिस्सों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से कौसानी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है। यह भारत के अन्य शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। कौसानी का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम लखनऊ, दिल्ली और हावड़ा जैसे शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। कौसानी बस स्टेशन भी कई शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है।

Day 4

कौसानी में ऐतिहासिक मंदिरों की भरमार

पिन्नाथ मंदिर, शिव मंदिर, रुद्रहरि महादेव मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर और बैजनाथ मंदिर कौसानी के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। समुद्र तल से 2750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिन्नाथ मंदिर हिन्दू देवता भैरों को समर्पित है। शिव मंदिर सोमेश्वर शहर में पड़ता है, जो कौसानी से 11 किमी दूर है। भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के संस्थापक सोमचंद ने करवाया था। इसके अलावा कौसानी प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्मभूमि भी है। यहां एक संग्राहलय भी है, जिसे सुमित्रानंदन पंथ गैलरी के नाम से जाना जाता है। इसमें इस महान कवि की कविताओं की पांडुलिपि, विभिन्न कृतियां और उन्हें दिए गए पुरस्कारों का संग्रह है। संग्राहल में हर वर्ष उनका जन्मदिन मनाया जाता है और उनके सम्मान में एक सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है

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