उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि बीआरओ से बैठक के दौरान जानकारी प्राप्त हुई है कि सड़क की दशा को पूरी तरह से सुधारने में करीब एक महीने का समय लगेगा।
भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ की स्थित को देखते हुए अब जिस्पा से आगे शाम चार बजे के बाद वाहन लेह की तरफ नहीं जा सकेंगे। उपायुक्त नीरज कुमार ने बीआरओ और पुलिस से ग्राउंड रिपोर्ट लेने के बाद यह व्यवस्था लागू कर दी है। जिंगजिंगबार तथा भरतपुर समेत कई जगहों पर नालों में जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन की घटनाएं होने के कारण मनाली-लेह एनएच-तीन पर जिस्पा से आगे वाहनों को नहीं भेजा जाएगा।
बारालाचा से आगे सड़क की दशा को लेकर पर्यटकों की शिकायतों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बीआरओ के अधिकारियों से बैठक के बाद यह फैसला लिया है। बताया कि जब तक बीआरओ सड़क को बहाल नहीं करता तब तक वाहनों को शाम चार बजे के बाद लेह के लिए नहीं रवाना किया जाएगा। कोविड नियमों में ढील देने के बाद मनाली-लेह हाईवे पर सैलानियों की आवाजाही बढ़ गई है। रोजाना करीब ढाई से तीन हजार वाहन लेह की तरफ निकल रहे हैं।
लेह की तरफ सैलानियों की आवाजाही बढ़ने से लाहौल के जिस्पा, गेमुर समेत तोद वैली में पर्यटकों का जमावड़ा बढ़ गया है। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि बीआरओ से बैठक के दौरान जानकारी प्राप्त हुई है कि सड़क की दशा को पूरी तरह से सुधारने में करीब एक महीने का समय लगेगा। पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा भी इस मौके पर मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि जरूरी होने पर लेह की तरफ प्रतिबंधित समय के दौरान फोर बाई फोर की क्षमता वाले वाहन ही आवाजाही कर सकते हैं। इसके अलावा बाइक राइडर्स तो इस स्थिति में लेह की तरफ जाने से गुरेज ही करें। इस समय मानसून भी आरंभ हो चुका है। ऐसे में लाहौल-स्पीति का रुख करने वाले एहतियात का पूरा ध्यान रखें, जिससे उन्हें बिना वजह परेशानी का सामना न करना पड़े। उपायुक्त ने कहा कि लेह प्रशासन को भी इस संबंध में अवगत करवा दिया है।
मनाली से रोहतांग दर्रे तक ट्रैफिक देखेंगे 100 जवान पर्यटन नगरी मनाली से लेकर रोहतांग दर्रे तक 200 अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किए हैं। इनमें से 100 जवान मनाली से लेकर रोहतांग दर्रा तक यातायात देखेंगे। साथ ही 100 पुलिस जवान मनाली के साथ हिडिंबा मंदिर, सोलंगनाला, कोठी, मढ़ी, रोहतांग दर्रा, नेहरूकुंड तथा गुलाबा में कोविड नियमों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देंगे।
पहाड़ी क्षेत्रों मे अलर्ट के चलते पहाड़ों की नदियां और नाले में जाना खतरनाक हो सकता है। मैदानी क्षेत्रों से आए पर्यटक पहाड़ों में बहने वाली नदियों व नालों के बहाव का अंदाजा नहीं लगा पाते और यही कारण है कि वे अति उत्सुकता में अथवा फोटो व सेल्फी लेने के लिए पास चले जाते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा बन जाता है। पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि यातायात के नियमों का पालन करें और साथ ही कोरोना वायरस को फैलने से रोकें। मास्क पहनने के साथ सामाजिक दूरी का पालन किया जाए।
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जय भारत