उत्तर पूर्व के सात राज्यों में नागालैंड प्रमुख है। नागालैंड को 1963में स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। कोहिमा नागालैण्ड राज्य की राजधानी है। माउंट साबरमती नागालैंड राज्य की सबसे ऊंची चोटी है। नागालैंड राज्य की सीमा म्यांमार से साझा है।
नागालैंड एक समुदाय मैं सीमित नहीं है। इस राज्य मैं 16 जनजातियां हैं। सभी जनजातियों की अपनी भाषा एवम् संस्कृति है।नागालैंड राज्य का प्रमुख जीविकोपार्जन कृषि है। नागालैंड की जनजातियों के सभी त्योहार कृषि पर आधारित हैं। इस प्रदेश की जनजातियां आज भी अपनी संस्कृति को संजोए है।इस धरोहर को संजोए रखने के लिए नागालैंड सरकार ने सन 2000=में हॉर्नबिल उत्सव की शुरुआती। इस उत्सव मैं सभी जनजातियां एक साथ अपनी संस्कृति का प्रदर्शन एक मंच पर करती हैं।
हॉर्नबिल उत्सव का इतिहास
हॉर्नबिल उत्सव सरकार के प्रोत्साहन और योगदान से दिसंबर माह की 1_10तारीख तक मनाया जाता है। यह उत्सव राजधानी कोहिमा से 10किलोमीटर दूर kisama गांव में संपन्न होता है। इस उत्सव को सफल बनाने के लिए यहां के नवयुवा पूर्ण सहयोग देते हैं।
हॉर्नबिल उत्सव का नामकरण हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर हुआ है।हॉर्नबिल बहुत लंबे समय से भारत के आदिवासी त्योहारों को दर्शाने के लिए प्रतीक के रूप मैं प्रयोग किया जाता रहा है। हॉर्नबिल उत्सव का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जनजातियों के बीच जुड़ाव को प्रोत्साहित करता है। हॉर्नबिल उत्सव मैं लोक संगीत,लोक नृत्य,हस्तशिल्प,हस्तकर्घा से बने सामान आदि parytakonavm प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध रहता है।
हॉर्नबिल उत्सव का मुख्य आकर्षण
दस दिन चलने वाले इस उत्सव की झलक पाने के लिए देश विदेश से पर्यटक आते हैं।सभी जनजातियां पारंपरिक वेश भूषा एवम् पारंपरिक तरीके से अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करती है।अधिक से अधिक लोग इस उत्सव का आनंद लें उसके लिए पारंपरिक खेल एवम् पारंपरिक भोजन यहां का मुख्य आकर्षण होता है। व्यस्त जीवन से कुछ समय निकाल कर हॉर्नबिल उत्सव के साक्षी बने
हवाई मार्ग या रेल मार्ग द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।नजदीकी हवाईअड्डा और नजदीकी रेलवे स्टेशन दीमापुर है।दीमापुर से कोहिमा सड़क द्वारा पांच घंटे की दूरी तय करके पहुंचा जा सकता है।कोहिमा मैं रुकने के सभी तरह के होटल उपलब्ध हैं। शाकाहारी व्यंजन भी यहां आसानी से मिल जाते हैं।
समय निकालें और एक बार तो।अवश्य ही हॉर्नबिल उत्सव का आनंद ले।